रोहतक PGI में एक साल की मासूम प्रियांशिता को 8 घंटे तक नहीं मिला वेंटिलेटर!, तड़पते हुए चली गई जान
रोहतक /1 जून /अटल हिन्द /राजकुमार अग्रवाल
धर्म के नाम पर जनता के बीच सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली भाजपा जो कहती है भारत में रहना होगा तो श्री राम कहना होगा तो माननीय हरियाणा बीजेपी के वजीर साहब कहाँ गया भगवन श्री राम कहाँ गया वो धर्म जो एक साल की मासूम प्रियांशिता की जान नहीं बचा पाया क्या कसूर था मासूम प्रियांशिता का उसने तो कोई हिन्दू धर्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाई थी मासूम प्रियांशिता ने कोई देशद्रोह का काम भी नहीं किया था ,मासूम प्रियांशिता ने कोई पाकिस्तान के लिए जासूसी भी नहीं की थी फिर क्यों मर गई।
नायब सैनी साहब रोहतक पीजीआई जैसे अस्पताल में मासूम प्रियांशिता मर गई क्योंकि आपने हरियाणा की जनता को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा जो दे रखी है अगर कोई अस्पताल में भर्ती इलाज के लिए जाता है तो वह जिन्दा वापिस ना आ पाए यही हुआ मासूम प्रियांशिता के साथ तो क्या आप नायब सैनी और हरियाणा बीजेपी मासूम प्रियांशिता की मौत की जिम्मेदारी लेगी ?
रोहतक पीजीआई में 1 साल की प्रियांशिता को 8 घंटे तक वेंटिलेटर नहीं मिला और बच्ची की मौत हो गई. बच्ची के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी पर कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी परेशानी न हो ऐसी व्यवस्था करने की मांग सरकार से की है.

वहीं पीजीआई प्रशासन इस मामले में बोलने से बचते हुए नजर आ रहा है. पुलिस अधिकारी पवन कुमार ने बताया की 1 साल की बच्ची की डूबने से मौत हुई है जिसका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और शिकायत दर्ज कर ली गई है.
बच्ची के माता-पिता ने रोते हुए बताया कि यदि समय रहते उनकी बेटी को चिकित्सा सुविधा मिल पाती तो आज उनकी बेटी उनके पास होती. प्रियांशिता की मां ने रोते हुए बताया कि 8 घंटे तक वे डॉक्टर से मिन्नतें करते रहे लेकिन उन्हें वेंटिलेटर नहीं मिला. आखिर में मासूम की मौत हो गई.
मध्य प्रदेश के रहने वाले पवन हरवार अपने पिता और पत्नी के साथ सोनीपत में दिहाड़ी मजदूरी का काम करता हैं. राजमिस्त्री का काम करने वाले पवन की एक साल की बेटी प्रियांशिता शनिवार को टब में नहाते वक्त हादसे का शिकार हो गई. इसके बाद परिजनों ने तुरंत प्रियांशिता को सोनीपत सिविल अस्पताल में एडमिट करवाया जहां से डॉक्टरों ने उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया क्योंकि सोनीपत सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी.
अपनी मासूम बेटी को जिंदगी मिलने की उम्मीद लेकर परिजन रोहतक पीजीआई में पहुंचे लेकिन यहां पर 8 घंटे तक प्रियांशिता को वेंटिलेटर ही नहीं मिला. इसके बाद बच्ची की मौत हो गई. यही नहीं बच्ची के पिता 8 घंटे तक अपने हाथों से मासूम को ऑक्सीजन देते रहे लेकिन अपनी फूल जैसी बच्ची को नहीं बचा सके.