अम्बाला/2 जुलाई/अटल हिन्द ब्यूरो
सरपंच गाँव का मुख्यमंत्री होता है गाँव की जनता सर्वसमिति या फिर अपने वोट के अधिकार के अपना प्रतिनिधि चुनती है जिस तरह हरियाणा विधानसभा के विधायक चुने जाते है। लेकिन इन दोनों जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के अधिकारों में बहुत अंतर् है जो जनता हरियाणा विधानसभा के लिए अपने विधायक चुन कर विधानसभा भेजती है वही विधायक विधायक विधानसभा पहुँचते ही करोड़ों रूपये में बिक जाते है और जिस जनता ने उन्हें इस लायक बनाया और विधानसभा पहुँचाया उसी के अधिकारों पर कुंडली मार कर बैठ जाते है।
वहीँ दूसरी तरफ गाँव के सरपंच जिन्हे पंच परमेशवर कहा जाता था जो कभी बड़े बड़े फैसलों को चुटकियों में हल कर समझौता करवा गाँव में भाईचारा कायम रखती थी आज हरियाणा की ऊपरी सरकार ने उसे लगभग अपंग बना दिया जिसके चलते अब गावं की पंचायत सिर्फ नाम की पंचायत रह गई है उनके पास अपने कोई अधिकार नहीं रह गए ये सब इसलिए हुआ की कुछ सरपंच अपनी राजनीति चमकाने के चककर में विधायकों के हाथों बिक जाते है फिर उन्हें नेहा शर्मा जैसी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है और फिर जेल भी जाना पड़ता है ,अब तजा उदाहरण माजरा शहजादपुर अम्बाला की सरपंच नेहा शर्मा विवाद को ही ले लीजिये हरियाणा की बीजेपी सरकार ने नेहा शर्मा को एक आंतकवादी की तरह गिरफ्तार किया क्योंकि सरपंच नेहा शर्मा जनहित के लिए लड़ाई लड़ रही थी जो बीजेपी अम्बाला के विधायक और हरियाणा बीजेपी को पंसद नहीं आया जिसके चलते पहले नेहा शर्मा को पद से हटाया उसके खिलाफ जाँच बैठाई और आज गिरफ्तार कर ली गई
गौरतलब है की शहजादपुर थाना क्षेत्र के गांव माजरा में आत्मदाह की कोशिश कर रही महिला सरपंच को नेहा शर्मा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.बता दें कि मंगलवार रात अंबाला डीसी अजय सिंह तोमर ने सरपंच नेहा शर्मा को सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और आत्मदाह की धमकी देने के आरोप में सस्पेंड कर दिया था माजरा गांव की सरपंच नेहा शर्मा ने पंचायत की जमीन पर कब्जे को लेकर प्रशासन को चेतावनी दी थी कि इसे खाली नहीं कराया गया तो मैं आत्मदाह कर लूंगी. बुधवार सुबह वह घर से आत्मदाह के लिए त्रिवेणी चौक की तरफ निकली. मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा. पुलिस की तरफ से नेहा शर्मा को आत्मदाह से पहले ही हिरासत में ले लिया गया, जिसे अब कोर्ट में पेश किया जाएगा. नेहा शर्मा के साथ अन्य कुछ लोगों को भी पुलिस ने मौके पर पकड़ा है. शहजादपुर के एसएचओ अशोक कुमार ने कहा कि सरपंच को अभी एसडीएम के समक्ष पेश किया गया है.