ग्राम पंचायत माजरा की सरपंच नेहा शर्मा को उपायुक्त अम्बाला अजय सिंह तोमर ने किया तत्काल प्रभाव से निलम्बित।
अम्बाला/शहजादपुर, 1 जुलाई (अटल हिन्द ब्यूरो/पूर्ण सिंह )
उपायुक्त अम्बाला अजय सिंह तोमर (Deputy Commissioner Ambala Ajay Singh Tomar)ने नेहा शर्मा, सरपंच( Sarpanch Neha Sharma) ग्राम पंचायत माजरा, खण्ड शहजादपुर को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1)(बी) के अन्र्तगत सरपंच पद से तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है तथा एक्ट की धारा 51(2) के तहत ग्राम पंचायत की किसी भी कार्यवाही/बैठक में भाग लेने पर भी रोक लगा दी है।
इसके साथ ही उसे यह भी आदेश दिया है कि उसके पास ग्राम पंचायत की जो भी चल-अचल सम्पति/राशि, रिकार्ड आदि हो तो वह तुरन्त बहुमत रखने वाले पंच को सौंप दें।
उपायुक्त ने अपने आदेश में पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(3)(ई) के तहत नेहा शर्मा सरपंच ग्राम पंचायत माजरा के विरूद्ध नियमित जांच के आदेश भी दिये है तथा उप-मण्डल अधिकारी (ना0), नारायणगढ को नियमित जाँच अधिकारी नियुक्त किया है तथा निर्देश दिये है कि वह अपनी जांच रिर्पोट एक मास के भीतर पूर्ण करके भिजवानी सुनिश्चित करें। यदि नेहा शर्मा सरपंच ग्राम पंचायत माजरा इस बारे में कुछ कहना चाहे तो यह आदेश मिलने के 10 दिन के भीतर अपना लिखित उत्तर सीधे जांच अधिकारी को दे सकती हैं अन्यथा जांच अधिकारी एकपक्षीय कार्यवाही करने में सक्षम होंगे।
उपायुक्त को खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, शहजादपुर ने पत्र क्रमांक 1472 दिनांक 27.06.2025 द्वारा रिपोर्ट की है कि नेहा शर्मा सरपंच ग्राम पंचायत माजरा ने उनके कार्यालय में शपथ पत्र दिया है कि यदि प्रशासन के द्वारा दिनांक 02.07.2025 से पूर्व दोनों खोखे खाली नहीं करवा दिए जाते तो वह दिनांक 02.07.2025 समय 11:00 बजे त्रिवेणी चौंक शहजादपुर में आत्मदाह (अग्नि प्रवेश) कर लेगी।
दिनांक 24.06.2025 को गांव माजरा में कब्जा हटाने हेतू उपमण्डल अधिकारी (ना0), नारायणगढ़ ने उपमण्डल अधिकारी, पशुपालन विभाग, नारायणगढ़ को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट लगाया था और दिनांक 24.06.2025 को पुलिस के साथ कब्जा हटाने के लिए गए। खण्ड कार्यालय की ओर से समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी व खण्ड पटवारी मौके पर उपस्थित रहे।
बता दें कि ड्यूटी मैजिस्ट्रेट ने अपने कार्यालय के पत्र क्रमांक 728 दिनांक 25.06.2025 द्वारा उपमंडलाधीश, नारायणगढ़ को सूचित किया है कि जिन दुकानों/खोखे व टीन से कब्जा हटाया
जाना था उसकी चिन्हित जगह सरपंच द्वारा नहीं दिखाई गई और ना ही उनके मालिकों की कोई सूची प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त कब्जाधारियों को कोई नोटिस दिया गया है या नहीं उसके दस्तावेज भी सरपंच द्वारा नहीं सौंपे गए। जिसके अभाव में कब्जा हटाने की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा सका।
बीडीपीओं ने अपने पत्र में कहा है कि उपरोक्त रिपोर्ट के अतिरिक्त नेहा शर्मा सरपंच ग्राम पंचायत माजरा ने दिनांक 26.06.2025 को मेरे सम्मुख उपस्थित होकर भी एक शपथ-पत्र दिया, जिसमें लिखा है कि यदि प्रशासन के द्वारा दिनांक 02.07.2025 से पूर्व दोनों खोखे खाली नहीं करवा दिए जाते तो वह दिनांक 02.07.2025 समय 11:00 बजे त्रिवेणी चौंक शहजादपुर में आत्मदाह (अग्नि प्रवेश) कर लेगी तथा निजी रूप से भी कहा कि यदि दिनांक 02.07.2025 से पूर्व खोखे नहीं हटाये गये तो मैं दिनांक 02.07.2025 को आत्मदाह करूँगी।
हरियाणा पंचायती राज एक्ट, 1994 की धारा 18 के तहत ग्राम पंचायत की चल-अचल सम्पति का संरक्षक सरपंच है तथा इसी अधिनियम की धारा 24(1) के तहत किसी रास्ते आदि से कब्जा हटवाने की जिम्मेवारी ग्राम पंचायत की है। सरपंच द्वारा पुन: ना ही प्रस्ताव के माध्यम से नाजायज कब्जों को हटवाने के लिए पुलिस सहायता/ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की मांग की गई और ना ही कब्जों को हटवाने के लिए तिथि निश्चित की गई है। जबकि नेहा शर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत माजरा का कर्तव्य बनता था कि वह इस प्रकार की धमकी देने की बजाय नियमानुसार कार्यवाही करती।
उपायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि नेहा शर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत माजरा द्वारा दिए गए शपथ-पत्र, खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी, शहजादपुर की रिपोर्ट, उपमण्डल अधिकारी, पशुपालन व डेयरी विभाग, नारायणगढ़ की रिपोर्ट का भली-प्रकार निरीक्षण कर लिया है तथा उसे निजी रूप से भी सुन लिया है। रिकार्ड का निरीक्षण करने और उसे निजी रूप से सुनने उपरान्त इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूंँ कि सरपंच का पद एक संवैधानिक पद है और हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 197 में किए गए प्रावधान अनुसार सरपंच का पद लोक सेवक का पद है। सरपंच द्वारा संवैधानिक पद पर रहते हुए इस प्रकार का शपथ-पत्र देकर धमकी देना नियमों के विरूद्ध है। जो उसके गम्भीर कदाचार को व्यक्त करता है और प्रशासनिक दृष्टिकोण से मामले का समाधान ना करके प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश की है। जिसके लिए उसने अपने आप को अनुशासनिक कार्यवाही का दायी बना लिया है। जिस कारण हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(1)(बी) के अन्र्तगत सरपंच पद से तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है तथा एक्ट की धारा 51(2) के तहत ग्राम पंचायत की किसी भी कार्यवाही/बैठक में भाग लेने पर भी रोक लगा दी है।