रजनीश को फायदे के चक्कर में चीनी मिल को घाटे की ‘सौगात’!
– डीसी कुरुक्षेत्र पर आरोप, मुख्यमंत्री को भेजी 6 पेज की शिकायत
– शाहबाद चीनी मिल के अधिकारियों व निर्वाचित निदेशक मंडल ने गिनवाए डीसी के ‘कारनामे’
अटल हिन्द ब्यूरो
हरियाणा की चीनी मिलों के ‘किंग’ माने जाने वाले रजनीश त्यागी (मैसर्ज ओम इंटरप्राइजिज) के खिलाफ शाहबाद चीनी मिल के अधिकारियों व निर्वाचित निदेशक मंडल सदस्यों ने ‘मोर्चा’ खोल दिया है। बाकायदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को 6 पेज की लिखित शिकायत भेजी गई है। इसमें डीसी कुरुक्षेत्र पर सीधे-सीधे रजनीश त्यागी से ‘मिलीभगत’ के आरोप लगाए गए हैं। बाकायदा, लिखा गया है कि रजनीश को फायदा पहुंचाने के चक्कर में डीसी नेहा सिंह ने चीनी मिल को ‘घाटे’ की ओर ‘धकेल’ दिया।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया है कि कैसे कोई भी अनुभव न होने के बावजूद शाहबाद चीनी मिल के तत्कालीन एमडी राजीव प्रसाद ने ओम इंटरप्राइजिज को एथनॉल प्लांट चलाने का काम ‘अलॉट’ कर दिया। इसके बाद 6 फरवरी को डीसी को पत्र लिखकर पूरे खेल की जानकारी दी, तो उन्होंने न कोई जांच बैठाई, न ही किसी तरह का संज्ञान लिया। इसी बीच 18 फरवरी को डीसी नेहा सिंह ने अपने कार्यालय में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की आपातकालीन मीटिंग बुला ली, जो चीनी मिल के 40 साल के इतिहास में पहली बार हुआ। मीटिंग के दौरान डीसी ने 28 फरवरी के बाद विवादों में चल रहे एथनॉल प्लांट को बंद करने का ‘निर्णय’ सुनाया, साथ ही ओम इंटरप्राइजेज पर बकाया बैंक गारंटी और जुर्माना राशि मिल खजाने में जमाने कराने की बात हुई, जो मीटिंग के एजेंडा का हिस्सा भी रही।
पत्र के अनुसार, डीसी द्वारा मीटिंग बुलाने का ‘मकसद’ उस समय ‘संदेह’ के घेरे में आ गया, जब प्रोसीडिंग्स में लिखी ठेकेदार की बैंक गारंटी व पेनल्टी जमा कराने की बात को ‘अस्वीकार’ कर दिया गया। इसी बीच यह भी पता चला कि डीसी ने आपातकालीन मीटिंग रजनीश त्यागी की फर्म ओम इंटरप्राइजिज को चीनी मिल की ओर से पेनल्टी के पत्र जारी होने के बाद ही बुलाई थी, ताकि उसे किसी भी तरीके से ‘फायदा’ पहुंचाया जा सके। इसके बाद 2 अप्रैल को चीनी मिल प्रबंधन ने 7 दिन के समय के साथ ओम इंटरप्राइजेज को फाइनल नोटिस जारी कर दिया, लेकिन डीसी ने उक्त समय अवधि पूरी होने से पहले ही रजनीश त्यागी की फर्म के खिलाफ ‘कोई कार्यवाही न करने का’ एक तरफा लिखित फरमान जारी कर दिया।
सीएम को भेजे पत्र के अनुसार, चीनी मिलों के हित में कार्य करते हुए शाहाबाद मिल प्रबंधन ने 23 अप्रैल को 3 करोड़ 42 लाख रुपये जमा न कराने व अन्य अनियमितताओं के चलते ओम इंटरप्राइजेज को ‘ब्लेकलिस्ट’ कर दिया। लेकिन, डीसी नेहा सिंह ने फिर से रजनीश त्यागी की फर्म का ‘बचाव’ करते हुए 5 मई को शूगरफेड के एमडी को इन्हें ‘ब्लेकलिस्ट’ से बाहर करने की ‘जोरदार’ सिफारिश कर दी। अंतत: डीसी नेहा सिंह के प्रयास व रजनीश त्यागी का गठजोड़ फिर से ‘सफल’ हुआ और डीसी के पत्र के 24 घंटे अंदर ही ओम इंटरप्राइजिज को शूगरफेड ने ‘ब्लेकलिस्ट’ की सूची से बाहर कर दिया। पत्र में नेहा सिंह के पलवल तैनाती के दौरान भी रजनीश त्यागी की फर्म को नियम ताक पर रखकर फायदा पहुंचाने, राजीव प्रसाद एचसीएस की ओम इंटरप्राइजिज पर लगातार चली आ रही मेहरबानियों का ‘सबूतों’ के साथ जिक्र किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री से ओम इंटरप्राइजिज गाजियाबाद को फायदा पहुंचाने के मामलों में डीसी नेहा सिंह की ‘भूमिका’ की उच्च स्तरीय जांच कराने व रजनीश त्यागी की फर्म से 3 करोड़ 42 लाख रुपये की ‘रिकवरी’ कराने की मांग की गई है।
पत्नी के लिए आईएएस पति ने संभाला ‘मोर्चा’
मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में डीसी नेहा सिंह के साथ उनके आईएएस पति राहुल हुड्डा का भी जिक्र किया गया, इससे लगता है कि पत्नी के लिए आईएएस पति ने पूरी तरह से ‘मोर्चा’ संभाल लिया है। इसमें जिक्र किया गया है कि राहुल हुड्डा ने दो बार मिल के चीफ इंजीनियर को अपनी डीसी पत्नी के कैंप ऑफिस में बुलाया। हुड्डा पर बाकायदा अनुचित दबाव बनाने का आरोप भी लगाया गया है। हालांकि, इससे पहले हुड्डा पर नेहा सिंह की पलवल तैनाती के दौरान भी इसी तरह के ‘मौखिक’ आरोप लगते रहे हैं, जिसकी ‘चर्चा’ प्रदेश की अफसरशाही में भी होती है, लेकिन ‘लिखित’ शिकायत में राहुल हुड्डा का नाम पहली बार सामने आया है। इस ‘सच’ का पता लगाने के लिए डीसी कुरुक्षेत्र के कैंप ऑफिस की 6 महीने की सीसीटीवी फुटेज की राज्य सरकार को ‘जांच’ करानी चाहिए।
डीसी-रजनीश का मिशन ‘संकटमोचन’ शुरू
शाहबाद चीनी मिल के निर्वाचित निदेशक मंडल की ओर से मिल को ‘बर्बाद’ होने से बचाने के लिए जिस तरह से डीसी कुरुक्षेत्र व ओम इंटरप्राइजिज के खिलाफ ‘मोर्चा’ खोला गया है, उससे बचने के लिए डीसी-रजनीश त्यागी ने संयुक्त तौर पर मिशन ‘संकटमोचन’ शुरू कर दिया है। डीसी हर उस शख्स को अपने कार्यालय में बुलाकर ‘टी-डिप्लोमेसी’ का फॉर्मूला अपना रही हैं, तो रजनीश त्यागी 4-5 लग्जरी गाड़ियों के काफिले के साथ हर उस व्यक्ति के पास ‘दस्तक’ दे रहा है, जो इस मामले को सुर्खियों में लाने में महत्वपूर्ण ‘भूमिका’ निभा सकता है। रजनीश त्यागी की पिछले 48 घंटे की मूवमेंट लोकेशन व उनके द्वारा प्रयोग किए जा रहे नंबरों की जांच मुख्यमंत्री कराएं तो फिर चौंकाने वाले ‘खुलासे’ हो सकते हैं। ‘गठजोड़’ में शामिल शूगरफेड के अलावा उनके नाम भी ‘उजागर’ हो जाएंगे, जिन तक रजनीश त्यागी ने चुप रखने के लिए ‘हड्डियां’ पहुंचाई हैं।
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