मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विरोध करने पर साहब, पैरों ही क्यों, हमें छाती पर गोली मारना,बस पीठ पर गोली मत चलाना–किसान
बीजेपी का मुख्यमंत्री है तो सब अपराध माफ़ , मनोहर लाल ने वापस लिया ‘जैसे को तैसा’ और लट्ठ उठाने वाला बयान
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने जैसे को तैसा और लट्ठ उठाने के अपने बयान को वापस ले लिया है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में हो रहे विरोध के कारण वे अपने बयान को वापस ले रहे हैं।मनोहर लाल ने कहा कि यह बयान उन्होंने आत्मरक्षा के दृष्टिगत दिया था लेकिन लोगों ने इसका गलत मतलब निकाल लिया। श्री माता मनसा देवी शक्तिपीठ में आभास हुआ कि माता रानी हम सब की सुरक्षा करेंगी इसलिए मैं अपने उस बयान को वापिस लेता हूँ जिसमें मैंने ज़रूरत होने पर आत्मरक्षा की अपील की थी। मैं नहीं चाहता कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़े।
कैथल आज 9 अक्टूबर को कैथल में महाराजा अग्रसेन जयंती समारोह होना है, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आना था। पर किसानों व अन्य संगठनों ने उनका विरोध करने का ऐलान कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश व देश का भाईचारा उनके लिए सर्वोपरि है। वे किसी भी कीमत पर भाईचारे को बिगड़ने नहीं देेंगे। उन्होंने कहा कि 9 अक्टूबर को कैथल में महाराजा अग्रसेन जयंती को लेकर किसान संगठनों ने आपत्ति जताई थी। वे अब कैथल में नहीं जाएंगे। उनके स्थान पर विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता कैथल जाएंगे। वहीं सीएम के दौरे को लेकर 7 अक्टूबर की सायं को ही आरएएफ तथा अन्य सशस्त्र बलों के जवानों की टुकड़ियां कैथल पहुंच गई थीं।
भाकियू ने दी थी चेतावनी
भाकियू ने दो टूक शब्दों में कहा था कि वे किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री को कैथल में घुसने नहीं देंगे। किसान संगठनों के बढ़ते विरोध को देखते हुए उनको मनाने के लिए एसडीएम डा. संजय कुमार, जिला परिषद के सीइओ सुरेश राविश तथा डीएसपी विवेक चौधरी 7 अक्टूबर की सायं को थाना गांव में टोल प्लाजा पर बैठे किसानों को समझाने गए। एसडीएम ने कहा कि शांति से ही विरोध जताना। मैं किसी एक को भी खोना नहीं चाहता। मैं जानता हूं कि अपनों को खोने का दर्द क्या होता है। यह कहते हुए एसडीएम की आंखें भर आई। उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चों के लिए कर रहा है तथा किसान अपने बच्चों के लिए। यदि फायरिंग की नौबत आई तो गोली घुटने के नीचे ही चलेगी। इस पर किसानों ने कहा कि साहब, पैरों ही क्यों, हमें छाती पर गोली मारना। बस पीठ पर गोली मत चलाना। किसानों का कहना था कि साहब आपकी आंखों में पानी है लेकिन हमारी आंखों में लहू है।
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