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कैथल प्रशासन को याद आये शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव थापर, शिवराम हरी राजगुरु

कैथल प्रशासन को याद आये शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव थापर, शिवराम हरी राजगुरु

–शहीदी दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन–डीसी प्रदीप दहिया ने शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव थापर, शिवराम हरी राजगुरु के चित्रों के समक्ष पुष्प अर्पित कर किया नमन

कैथल, 23 मार्च (Atal Hind ) उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि हम सभी के मन में शहीदों के प्रति पूरा सम्मान होना चाहिए। अमर शहीदों की बदौलत ही हम आजादी की खुली फिजां में सांस ले रहे हैं। शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव थापर, शिवराम हरी राजगुरु ने देश के लिए हंसते-हंसते शहादत दी थी। युवाओं को अमर शहीदों से प्रेरणा लेकर देश सेवा का संकल्प लेना चाहिए। किसी को हक दिलवाना और किसी का हक मरने नहीं देना भी देश सेवा है। सभी अधिकारी सेवानिवृत जवानों को पूरा सम्मान देकर उनका कार्य प्राथमिकता से करें।
उपायुक्त प्रदीप दहिया आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में शहीदी दिवस पर लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर उपायुक्त प्रदीप दहिया, एडीसी सम्वर्तक सिंह, एसडीएम मनीष कुमार लोहान, सीटीएम गुलजार अहमद, जिप सीईओ सुरेश राविश, एसीईओ जिप अमित कुमार, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह आदि ने शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव थापर, शिव राम हरी राजगुरू के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करके नमन किया।
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने शहीदों को नमन करते हुए अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि हमें राष्ट्रवाद की प्रेरणा से ओतप्रोत होकर सफलता की नई सोपानें तैयार करने की जरूरत हैं। ऐसा करने से जहां एक ओर हम शहीदों को श्रद्धांजलि देने के दृष्टिगत सेवा के नए अध्यायों का सूत्रपात करेंगे, वहीं भावी पीढ़ियों में भी राष्ट्रवाद, देशभक्ति और समाज सेवा की सीख ले सकेगी। हमें अपने घरों में स्वाधीनता, सेनानियों के जीवन चरित्र को प्रदर्शित और परिभाषित करता साहित्य रखना चाहिए, ताकि बदलते परिवेश में बच्चों को भी देश के लिए अपना बलिदान देने वाले पुरोधाओं द्वारा किए गए कार्यों से प्रेरक सीख मिल सके। उन्होंने कहा कि देश के जांबाजों ने विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश को आजादी दिलाई। आजादी को संवर्धन और संरक्षण देना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के दिन हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम ना तो कोई गलत काम करेंगे और ना ही करने देंगे। जब हम इस व्यवस्था को मूर्त रूप देंगे, तभी स्वतंत्रता सेनानियों के सपने साकार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई अवकाश प्राप्त सैनिक या फिर अर्धसैनिक बलों और पैरामिलिट्री से जुड़े लोग कार्यालय में आते हैं तो अन्य सभी के साथ उनको भी मान सम्मान दिया जाना जरूरी है। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी बोध होना चाहिए। इसी के चलते हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को और बेहतर तरीके से बनाए रखने की तरफ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शहीदों ने हमेशा ही सभी को सम्मान देने, राष्ट्रवाद और समाजवाद की विचार को आगे बढ़ाने का सदा आह्वान किया। उनकी विचारधारा को हमें अंगीकृत करने की जरूरत है।

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Kaithal administration remembers martyr Azam Bhagat Singh, Sukhdev Thapar, Shivram Hari Rajguru
एडीसी सम्वर्तक सिंह ने शहीदों के सम्मान में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि सेवा का कार्य करते समय उम्र की कोई सीमा नही होती। निर्भय होकर शहीदों ने देश के लिए काम किया। उनसे हमें अनुकरणीय और अनुसरणीय प्रेरणा लेने की जरूरत है। शहीदों के बलिदानों के परिणाम स्वरूप ही हम खुली फिजाओं में सांस ले रहे हैं। डीआईपीआरओ कार्यालय की भजन मंडली द्वारा राष्ट्रभक्ति पर आधारित प्रस्तुति के संदर्भ में एडीसी ने कहा कि जब कलाकार राष्ट्रभक्ति के गीत प्रस्तुत कर रहे थे तो सभी के रोंगटे खड़े हो रहे थे।
एसडीएम मनीष कुमार लोहान ने कहा कि हमें अपनी माटी से जुड़ा रहकर आगे बढऩे की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी को शहीदों द्वारा देश के लिए किए गए बलिदान बारे समय-समय पर प्रेरित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे भी राष्टï भक्तों से प्रेरणा मिली और मैंने सेना ज्वाइन की। मेरे रिकॉर्ड  रूम में शहीदों के चित्र लगे होते थे जो मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
जिप सीईओ सुरेश राविश ने कहा कि भारत देश युवा देश है। युवा देश को हमेशा ही आगे बढऩे में अपना प्रेरक सहयोग देते हैं। आजादी प्राप्ति के लिए युवाओं ने बहुत बड़ा संघर्ष किया। भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सहित असंख्य ऐसे देशभक्त थे, जिनकी उम्र बहुत कम थी। युवा अवस्था में उन्होंने आजादी के लिए अन्य युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम किया। सीटीएम गुलजार अहमद ने कहा कि भगत सिंह सहित अन्य क्रांतिकारियों ने कहा था कि अंग्रेज हमें मार तो सकते हैं, लेकिन हमारे उद्देश्य को खत्म नही कर सकते। शहीद भगत सिंह ने जेल में कहा कि 15 वर्ष बाद हमें आजादी मिलेगी और अंग्रेज यहां से चले जाएंगे। उनकी ये बात सच साबित हुई और अंग्रेज देश को छोड़कर चले गए और हम आजाद हो गए। एसीईओ अमित कुमार ने कहा कि देश के लिए शहीद होने वाले युवाओं ने अपने पुरखों से प्रेरणा लेकर युवा संगठन तैयार किया और अंग्रेजों को देश से भगाने में सफल हुए। हम सभी को इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इस अवसर पर एडीसी सम्वर्तक सिंह, एसडीएम मनीष कुमार लोहान, सीटीएम गुलजार अहमद, जिप सीईओ सुरेश राविश, एसीईओ जिप अमित कुमार, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह, डीडीपीओ कंवर दवन, कार्यकारी अभियंता केएस पठानिया, प्रशांत, डीएसडब्ल्यूओ कुलदीप शर्मा, रविंद्र कुमार, सत्यदेव, रमेश कुमार आदि मौजूद रहे।

बॉक्स: शहीदी दिवस के अवसर सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के डीआईपीआरओ कार्यालय के कलाकारों ने राष्ट्र भक्ति पर आधारित गीत प्रस्तुत किए, जिनकी सभी ने सराहना की। जब भगत सिंह की मां जेल में उनसे मिलने गई तो उस समय के बोलों को अपने गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया। सौ-सौ पड़ै मुसीबत बेटा इस जहान मैं, भगत सिंह कदै जी घबरा जै बंद मकान मैं आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से अमर शहीदों की गाथा से सबको रूबरू करवाया। मेरे देश के वीरों की या रही सदा परिपाटी, दे दिया अपना खून नहीं दी अपने देश की माटी। बलबीर शर्मा और पूरी टीम द्वारा दी गई इस प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरी। इस मौके पर गायक महीपाल पठानिया ने देशभक्ति के गीत प्रस्तुत किए तथा हिम्मत सिंह दयौरा ने देशभक्ति पर आधारित कविता की प्रस्तुति दी।

बॉक्स: जिला प्रशासन द्वारा शहीदी दिवस मनाने के लिए पूरी तैयारियां की गई थी। स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार को गुब्बारों से सजाया गया था और गुब्बारों के बीच देश की मान-सम्मान का प्रतीक तिरंगा शोभाएमान था। हॉल की सुंदरता देखते ही बन रही थी और दूसरी और वक्ताओं ने भी अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से श्रोताओं को आकर्षित किया।

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