हिंदुओं के लिए न तो ‘परशुराम जयंती’ और न ‘अक्षय तृतीया’ ऐसे पर्व हैं जो पूरे भारत में उस पैमाने पर मनाए जाते हों जैसे दुर्गा पूजा या होली-दीवाली मनाए जाते हैं.
क्या एक धर्म के त्योहार पर अपने धर्म की छाप छोड़ने की उतावली किसी हीनता के चलते है BY अपूर्वानंद ‘ईद मुबारक!’ जवाब आया, ‘अक्षय...