प्रभात खबर के संपादकों के खिलाफ FIR, एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता
सबरंग इंडिया
हिंदी के प्रमुख अखबार प्रभात ख़बर के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और अन्य लोगों के खिलाफ जेल में बंद शराब कारोबारी जोगेंद्र तिवारी की शिकायत पर मामला दर्ज हो गया है(FIR against editors of Prabhat Khabar,)। यह मामला एक खबर के प्रकाशित किए जाने से जुड़ा है। शुक्रवार को जारी एक बयान में, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रभात खबर के संपादक और संस्थान से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR)की निंदा की है।
FIR against editors of Prabhat Khabar, Editors Guild expressed concern एडिटर्स गिल्ड ने जारी बयान में कहा, “एक वरिष्ठ पत्रकार को ख़बर प्रकाशित किए जाने के बदले धमकाया जाना गलत है। साथ ही चिंता का भी विषय है। हम इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं साथ ही अगर कोई सरकारी अधिकारी इस मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पूरा मामला तिवारी के खिलाफ प्रभात ख़बर में प्रकाशित एक ख़बर के बाद शुरू हुआ। जानकारी के मुताबिक, अखबार ने 28 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट को आधार बनाकर शराब माफिया तिवारी के खिलाफ एक ख़बर प्रकाशित की। जिसमें बताया गया कि तिवारी की दो पत्नियां हैं और उसने कैसे अवैध रूप से बालू बेचकर कमाई की। साथ ही अपनी अवैध कमाई को शराब के कारोबार में लगाया।
FIR against editors of Prabhat Khabar, ख़बर छपने के बाद, 29 दिसंबर की सुबह अखबार के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को कथित तौर पर जेल में बंद तिवारी की ओर से धमकियां मिली। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर इसे जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया। अभी मामले की जांच की जा रही है।
30 दिसंबर 2023 को एडिटर्स गिल्ड ने झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर सरकार से इसकी जांच शुरू करने और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया था।
FIR against editors of Prabhat Khabar, Editors Guild expressed concern गिल्ड पत्रकारों को डराने और परेशान करने के प्रयास में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि कानूनों के दुरुपयोग पर भी गहरी चिंता व्यक्त करता है। गिल्ड की यह लंबे समय से मांग रही है कि आपराधिक मानहानि कानून को खत्म कर दिया जाए और ऐसे मामलों का फैसला सिविल क्षेत्र में छोड़ दिया जाए। गिल्ड का बयान अध्यक्ष अनंत नाथ, महासचिव रूबेन बनर्जी और कोषाध्यक्ष के वे प्रसाद द्वारा जारी किया गया है।
‘नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया’ (एनयूजेआई) ने भी इस मामले पर गहरी चिंता जताई। एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि जेल के फोन नंबर से धमकी देना सीधे तौर पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाता है। उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण की वजह से अपराधियों और माफिया के हौसले बुलंद हैं।
वहीं, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने प्रभात खबर (Prabhat Khabar)के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को दी गयी धमकी पर चिंता व्यक्त करते हैं। हम झारखंड सरकार और झारखंड पुलिस से आग्रह करते हैं कि धमकियों पर गंभीरता से ध्यान दें।”
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