एसबीआई ने समय सीमा रहते नहीं दिया चुनावी बॉन्ड का विवरण -चुनाव आयोग ने चुप्पी साधी
नई दिल्ली: चुनाव आयोग(Election Commission)के एक प्रवक्ता ने कहा है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2019 से खरीदें और भुनाए गए चुनावी बॉन्ड (electoral bonds)के संबंध में जानकारी देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की 6 मार्च की समय सीमा का पालन किया है या नहीं, इस पर उसके पास ‘कोई जानकारी या करने के लिए कोई टिप्पणी’ नहीं है.इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है कि चुनाव आयोग ने जानकारी के लिए एसबीआई से संपर्क किया है या नहीं.esabeeaee ne samay seema rahate nahin diya chunaavee bond ka vivaran -chunaav aayog ne chuppee saadhee
चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और कानून मंत्रालय चुनावी बॉन्ड को ‘असंवैधानिक’ घोषित करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में चुप हैं.
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एसबीआई ने सोमवार (5 मार्च) को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे गए या भुनाए गए सभी चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था, जिससे भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्रति इसके द्वारा राजनीतिक दलों को जारी किए गए करोड़ों रुपये के बारे में जानकारी न होने को लेकर अविश्वास पैदा हो रहा है.SBI did not give details of electoral bonds within the deadline – Election Commission kept silence
एसबीआई की तीखी आलोचना करने वाला नवीनतम संगठन बैंक कर्मचारियों की ट्रेड यूनियन बैंक एम्प्लॉइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) है, जिसने कहा है कि स्टेट बैंक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन करना चाहिए.संघ ने इसके सचिव एस. हरि राव द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान कोलकाता से जारी करते हुए कहा, ‘भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI)ने जो कारण बताया है कि कुछ डेटा भौतिक रूप में सीलबंद लिफाफे में संग्रहित हैं, आज के डिजिटल युग में, विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र में- जब अधिकांश जानकारी माउस के एक क्लिक से उपलब्ध है- कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य हुआ है.’
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