हुक्का परोसने पर होगी जेल और अधिकतम तीन लाख तक जुर्माना
हरियाणा बीजेपी सरकार ने अब हुक्के पर लगाई पाबंदी ,यानी अब हुक्के पर बैठक और पंचती बंद

चंडीगढ़ (अटल हिन्द ब्यूरो )
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हुक्का हरियाणा और राजस्थान की आन ,बान और शान माना गया है ,यही नहीं खिंडका यानी पगड़ी जो हमारे बुजर्गों के सिर पर बंधी होती थी को इज्ज्ज़त माना जाता था लेकिन बदलते समय के साथ अब पगड़ी सिर से गायब हो गई। गाँव में सजने वाली बैठके ,नोहरे ,थ्याई ,चौंतरे ,जहाँ हमारे बुजर्ग बैठ कर हुक्का पीते और बतियाते थे अब इतिहास बन गया। रही सही कसर अब हरियाणा की बीजेपी सरकार पूरी करने जा रही है गाँव से निकल के बचा खुचा हुक्का शहर की तरफ कदम बढ़ा रहा था की फ्लेवर वाला हुक्का (यानि हुक्का बार )बंद करने का फरमान जारी किया है। Haryana BJP government now bans hookah
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (ANIL VIJ)ने गुरुवार को होटलों में हुक्का(hookas) परोसने, हुक्का बार चलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध, व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन), हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024” पेश किया.
मूल अधिनियम में इस संशोधन के बाद — सिगरेट और अन्य (tobacco products)तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध, व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन), अधिनियम 2003 — हरियाणा(HARYANA) में “ईटिंग हाउस” में हुक्का बार(Hookah Bar) खोलना या चलाना, ग्राहकों को हुक्का परोसने पर कम से कम एक वर्ष की कैद की सजा होगी, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, साथ ही जुर्माना जो 1 लाख रुपये से कम नहीं होगा अधिकतम तीन लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.विधेयक के तहत अपराधों को गैर-जमानती और संज्ञेय बनाया गया है.
विधेयक में प्रावधान है कि अगर सब -इंस्पेक्टर रैंक के किसी पुलिस अधिकारी या खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के किसी अधिकारी, राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4-ए के प्रावधान का उल्लंघन किया जा रहा है, तो वे हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकते हैं.
बिल की धारा-4 ए के मुताबिक, “कोई भी व्यक्ति स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहक को हुक्का नहीं परोसेगा.”
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विधेयक में हुक्का बार(Hookah Bar) को किसी भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान के रूप में परिभाषित किया गया है, जहां लोग हुक्का या नरगिल से तंबाकू पीने के लिए इकट्ठा होते हैं, जो व्यक्तिगत रूप से वाणिज्यिक सेवा की तरह परोसा जाता है, हालांकि, इसमें पारंपरिक हुक्का शामिल नहीं है.
पृष्ठभूमि का वर्णन करते हुए विज ने विधेयक के “उद्देश्यों और कारणों के विवरण” में कहा कि राज्य सरकार ने इस बात पर गंभीरता से ध्यान दिया है कि हुक्का बार हरियाणा के विभिन्न जिलों में निकोटीन युक्त तंबाकू के साथ हुक्का नरगिल परोस रहे थे, जो जनता के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है.
बयान में कहा गया है, “ऐसे हुक्का बार में विभिन्न स्वादों/जड़ी-बूटियों का भी उपयोग किया जाता है. कई बार तो उक्त हुक्का बारों में स्वाद/जड़ी-बूटी परोसने की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं भी परोसी जाती हैं. इस तरह के हुक्का में पानी की पाइप प्रणाली और स्वादयुक्त घटक शीशा शामिल होता है, जिसे चारकोल के साथ गर्म किया जाता है.”
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इसमें कहा गया है कि इससे जुड़े जोखिम कम होने या न होने की गलत धारणा तथा कई स्वादों और कम कठोरता की उपलब्धता के कारण इसका उपयोग काफी बढ़ गया है.
हालांकि, ऐसे स्वाद वाले हुक्के के धुएं में विभिन्न विषैले पदार्थ होते हैं, जो न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए बल्कि आस-पास निष्क्रिय रूप से धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए भी हानिकारक होते हैं. 2003 का सिद्धांत अधिनियम धारा 3(एन) के तहत धूम्रपान को परिभाषित करता है, लेकिन इसमें पारंपरिक हुक्का शामिल नहीं है.
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के विवरण में कहा गया है, “बड़े पैमाने पर जनता के हित में, कानून यानी ‘सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन), हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024’ हुक्का बार को परिभाषित करने और प्रतिबंधित करने के लिए और इसके अलावा, हरियाणा राज्य में हुक्का बार, होटल, रेस्तरां, शराबखाने, या अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में धूम्रपान के लिए कोई हुक्का/नरगिल नहीं परोसा जाता है और उससे जुड़े और उसके प्रासंगिक मामलों के लिए आवश्यक है.
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