भारतीय संसद लोकतंत्र का मंदिर नहीं राजा का दरबार बन गया – सांसद गौरव गोगोई
नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान हाल ही में लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक ‘महाराजा’ होने का आरोप लगाया, जिन्होंने संसद को ‘लोकतंत्र के मंदिर’ से ‘राजा के दरबार’ में बदल दिया है.Indian Parliament has become the king’s court instead of a temple of democracy – MP Gaurav Gogoi
सदन में कांग्रेस के उपनेता गोगोई द्वारा भाजपा सरकार की आलोचना करने पर उनके भाषण को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कई बार बाधित किया.अपने 25 मिनट के भाषण के दौरान गोगोई ने यह कहकर शुरुआत की कि हालांकि नए संसद भवन में कार्यवाही पिछले साल शुरू हुई थी, लेकिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को केवल बुधवार (31 जनवरी) को अपने संबोधन के दौरान भवन में देखा गया.
इसके बाद गोगोई के भाषण में सत्ता पक्ष द्वारा बाधा डाली गई, जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे यह कहने के लिए उठे कि गोगोई ने अपने संबोधन के दौरान मुर्मू के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है.
दुबे ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने कहा था कि वह पहली बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित कर रही हैं. राष्ट्रपति वर्ष में केवल एक बार संसद को संबोधित करते हैं और उन्होंने ऐसा ही किया. अब वह नई संसद के उद्घाटन में आईं या नहीं, यह बहस को प्रभावित करने का प्रयास है और उनकी टिप्पणी को हटा दिया जाना चाहिए.’
गोगोई ने तब कहा कि विपक्षी सांसदों को उनके भाषण के दौरान रोका जाता है, लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्य सदन में कोई भी मामला उठा सकते हैं.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा दिन की शुरुआत में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने ‘पृथक दक्षिण भारत’ पर कांग्रेस सांसद डीके सुरेश द्वारा की गई टिप्पणी के लिए कांग्रेस से माफी की मांग की थी, का जिक्र करते हुए गोगोई ने कहा कि ‘विपक्ष को अपना विरोध दर्ज कराने की अनुमति’ नहीं दी जाती है.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान जब उन्होंने संसद सुरक्षा चूक पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग की थी, तो उसे भी अनुमति नहीं दी गई थी.
इसके बाद बिड़ला ने गोगोई को राष्ट्रपति के अभिभाषण और सरकार की नीतियों पर बोलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने आगे भी गोगोई को कई बार रोका.
उन्होंने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे संसदीय इतिहास में पहली बार हमने देखा है कि एक दिन में 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया और फिर तीन दिनों में 14 विधेयक पारित किए गए। ऐसा दुनिया में कभी नहीं देखा गया. एक महिला सांसद को भी निलंबित कर दिया गया.’
इसके बाद बिड़ला ने उन्हें टोकते हुए सदन के फैसलों पर टिप्पणी नहीं करने को कहा.
गोगोई ने आगे कहा, ‘हम इस सदन को लोकतंत्र का मंदिर कहा करते थे.’
Indian Parliament has become the king’s court instead of a temple of democracy – MP Gaurav Gogoi उन्होंने कहा, ‘लेकिन 2014 के बाद धीरे-धीरे और व्यवस्थित रूप से हम सरकार द्वारा लोकतंत्र के इस मंदिर को एक विशेष सम्राट के राज दरबार में बदलने का प्रयास देख रहे हैं.’
Indian Parliament is not a temple of democracy इसके बाद बिड़ला ने उन्हें फिर टोकते हुए कहा कि जिस सदन में वह बोल रहे हैं, उस पर आरोप नहीं लगा सकते. बिड़ला ने कहा, ‘आपने संसद की व्यवस्था के खिलाफ सवाल उठाए हैं.’
इसके बाद गोगोई ने कहा कि वह भाजपा सरकार में देश की संसदीय प्रणाली के बारे में बात कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘जब महाराज (प्रधानमंत्री) सदन में आते हैं तो उनका स्वागत खड़े होकर और जयकारों से किया जाता है. हम जिस जिम्मेदारी के साथ संसद में आते हैं वह जिम्मेदारी भूल गए हैं. महाराजा भी आते हैं और किसी भी सवाल का उत्तर दिए बिना चले जाते हैं.’
बिड़ला ने उन्हें फिर टोकते हुए राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने को कहा.
सत्ता पक्ष और बिड़ला के विरोध के बीच उन्होंने कहा, ‘मैं इस सदन के इतिहास के बारे में बात कर रहा हूं. कई प्रधानमंत्री हुए हैं और सभी ने सवालों का जवाब देकर अपने कर्तव्यों का पालन किया है. लेकिन हमने पहली बार एक महाराज देखा है, जिसने पिछले पांच साल में किसी भी विभाग के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया है. भारत के लोकतंत्र को राजतंत्र (राजशाही) में बदलना उनकी व्यक्तिगत इच्छा हो सकती है.’
गोगोई ने तब भाजपा सरकार पर ‘इवेंट मैनेजमेंट’ और ‘अटेंशन मैनेजमेंट’ का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, ‘ये सरकार को इवेंट मैनेजमेंट में डॉक्टरेट है. लोग कहते हैं, इवेंट मैनेजमेंट, (लेकिन) मैं कहता हूं अटेंशन मैनेजमेंट. अटेंशन मैनेजमेंट में इन्होंने पीएचडी की है कि कैसे लोगों का ध्यान भटकाया जाए. हम कहते हैं कि मणिपुर में प्रधानमंत्री क्यों नहीं गए, वो कहते हैं कि जी-20 देखो. प्रधानमंत्री पेरिस में हैं, वो देखो. हम कहते हैं नोटबंदी में 100 लोगों की मौत हुई, कौन जिम्मेदार है? वे कहते हैं कि पेटीएम के विज्ञापन में मोदी जी का चेहरा आया है, वो देखो.’
इस दौरान गोगोई ने चीनी घुसपैठ, अडानी को कोयला खदानें दिए जाने और राहुल गांधी के संसद से निलंबन का भी मुद्दा उठाया.
उन्होंने आगे किसान आत्महत्या, युवा बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता के मुद्दो उठाते हुए भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के दावे पर भी सवाल उठाया.
उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र को कमजोर करने में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भ्रम का इस्तेमाल करते हैं. वे राजा को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए लोगों को मायाजाल में फंसाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का भारत के आम लोगों से जुड़ाव नहीं है और वह अपनी कुर्सी इतनी ऊंचाई पर ले गए हैं कि लोगों की समस्याओं को सुन नहीं सकते हैं. वह बेरोजगार युवाओं के आंसू नहीं देख सकते. वह इतनी ऊंचाई पर पहुंच गए हैं कि उन्हें स्नातक शिक्षित बेरोजगार नजर नहीं आते. नौकरियों की तलाश में हमारे युवा देश छोड़ रहे हैं.
गोगोई ने कहा, ‘कुछ दिन पहले डंकी नाम की एक फिल्म आई थी. वह एक फिल्म नहीं है, हकीकत है.’
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि भारतीय अप्रवासियों द्वारा अवैध प्रवासन में वृद्धि हुई है.
उन्होंने कहा, ‘2022-23 में 90,000 लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश की. वे अपने घर-परिवार को छोड़कर यूएई, कनाडा और अमेरिका जाने के लिए मजबूर हैं.’
Indian Parliament has become the king’s court instead of a temple of democracy – MP Gaurav Gogoi गोगोई बोले, ‘महाराज इतने ऊंचे सिंहासन पर बैठे हैं कि उन्हें यह दिखाई नहीं दे रहा है.’
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