चंडीगढ़ मेयर चुनाव लोकतंत्र की हत्या के समान है-सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली (Agency)सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी के आचरण पर की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि वहां जो कुछ हुआ वह लोकतंत्र की हत्या के समान है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने निर्देश दिया कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर के चुनाव से संबंधित पूरा रिकॉर्ड सोमवार शाम 5 बजे तक पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपा जाए.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सवाल किया, ‘क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का आचरण है? … इस रिटर्निंग ऑफिसर को बताएं कि सुप्रीम कोर्ट की नज़र उन पर है. और हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे. इस देश की सबसे बड़ी ताकत चुनावी प्रक्रिया की शुचिता है, लेकिन यहां क्या हो रहा है!’ पीठ ने आदेश दिया कि 7 फरवरी को होने वाली नवनिर्वाचित परिषद की बैठक को अगले आदेश तक स्थगित किया जाए.
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Chandigarh Mayor Election अनिल मसीह के खिलाफ हो मुकदमा दर्ज
इससे पहले चुनाव के दौरान अनिल मसीह का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह मतपत्रों पर कलम चलाते नजर आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में भी इस वीडियो को पेश किया गया। जिसके बाद सीजेआई ने इसे लोकतंत्र का मजाक कह दिया। सीजेआई ने इस मामले में अनिल मसीह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी बात कही। उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से चंडीगढ़ मेयर चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने को कहा है। इस मामले पर शीर्ष कोर्ट में अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
Chandigarh Mayor Election रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की तरफ देख रहे हैं
वीडियो में नजर आया कि रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की तरफ देख रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि वह कैमरे की तरफ क्यों देख रहे हैं। उनका व्यवहार संदिग्ध है। इसके बाद इस मामले में शीर्ष कोर्ट ने नोटिस कर जवाब मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव से जुड़े सभी दस्तावेज और वीडियो सुरक्षित कर सोमवार शाम 5 बजे तक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इसे सौंपने को कहा है।
मनोज कुमार सोनकर बने मेयर
इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर ने बाजी मारी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम को बड़ा झटका देते हुए किसी भी बैठक और बजट पेश करने पर रोक लगा दी है। सीजेआई ने वीडियो को देखकर ये भी कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर कैमरे की तरफ देख रहे हैं। उनका व्यवहार संदिग्ध नजर आ रहा है।
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चंडीगढ़ नगर निगम की आगामी बैठकों को टाला गया
कोर्ट में आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी मौजूद रहे। उन्होंने कोर्ट को उस दिन की कार्यवाही का वीडियो सौंपा। कोर्ट ने ये वीडियो देखा। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि यह तो लोकतंत्र का मजाक है। यहां इलेक्टोरल प्रॉसेस का मजाक हुआ है। इसी के साथ कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम को बड़ा झटका देते हुए आगामी बैठकों को अगली सुनवाई तक टाल दिया है। साथ ही कोर्ट ने निगम में पेश होने वाले बजट पर भी रोक लगा दी है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। उसके कई पार्षद पिछले दिनों सड़कों पर उतरे थे। आरोप है कि कांग्रेस गठबंधन के पास 20 वोट थे, जबकि भाजपा के पास 16 वोट, इसके बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के आठ वोट अवैध करार दे दिए गए। इसके बाद बीजेपी के मेयर उम्मीदवार को 16 वोट के साथ विजेता घोषित कर दिया गया।
आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी भाजपा पर वोटों की चोरी का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर पर कलम चलाकर धांधली करने का आरोप है। पिछले दिनों उनका वीडियो भी वायरल हुआ था। मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर विजयी हुए हैं। वहीं AAP के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट ही हासिल हुए। आठ वोट खारिज होने के बाद कांग्रेस-आप गठबंधन को हार मिली। इस हार के बाद से ही लगातार बवाल मचा हुआ है।
फूट-फूटकर रोए थे कुलदीप कुमार
बता दें कि इस चुनाव में हार के बाद कुलदीप कुमार फूट-फूटकर रोए थे। वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला बोलकर इसे वोटों की चोरी बताया। आप के प्रत्याशी की हार के बाद लगातार बवाल मचा हुआ है। इसे लेकर चंडीगढ़ में आप पार्षदों ने भूख हड़ताल भी शुरू की है। आप नेताओं ने इस मामले में चंडीगढ़ के सेक्टर 17 थाना और एसएसपी से भी शिकायत की, लेकिन उनका आरोप है कि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका ये भी आरोप था कि बीजेपी पार्षद सदन में चल रहे कैमरों को भी हटा रहे थे, ताकि गड़बड़ी को रिकॉर्ड नहीं किया जा सके।
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