AtalHind
टॉप न्यूज़दिल्ली (Delhi)

BJP NEWS-मोदी की गारंटी, फिर क्यों की 1 लाख 74 हजार किसानों ने आत्महत्या?

मोदी की गारंटी, फिर क्यों की 1 लाख 74 हजार किसानों ने आत्महत्या?

मोदी की गारंटी, फिर क्यों की 1 लाख 74 हजार किसानों ने आत्महत्या?
NEW DELHI (AGENCY )सरकारी आंकड़ों में पिछले दस वर्षों के दौरान भारत के 1,74,000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
इसका मतलब है कि हर दिन इस देश में औसतन 30 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
जबकि, भाजपानीत नरेंद्र मोदी की सरकार इसी गारंटी पर आई थी कि वह किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कृषि उपज के उत्पादन पर उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना मूल्य देगी। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देगी। किसानों के कर्ज माफ करेगी। प्रत्येक किसान परिवार को एक लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगी। अफसोस कि मोदी ने इनमें से एक भी गारंटी पूरी नहीं की।
Advertisement
दिया तो बस किसानों को धोखा। स्थिति यह है कि कॉर्पोरेट हितों की रक्षा के लिए किसानों से बलि मांगी जा रही है। सत्ता में लौटने के छह महीने बाद ही भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं।यह सरकार रोजगार गारंटी योजना को धीरे-धीरे कमजोर कर रही है। परियोजना के लिए आवश्यक वार्षिक व्यय ₹ 2.72 लाख करोड़ है, मगर 2023-24 के बजट में केवल ₹ 73 हजार करोड़ आवंटित किए गए हैं। यह वास्तविक लागत का केवल एक अंश है।
किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। देश के सभी किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कुल 5 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। लेकिन, सरकार का दावा है कि धन की कमी के कारण यह संभव नहीं है।
वहीं, इसी अवधि के दौरान कॉरपोरेट कंपनियों के लगभग 30 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर दिए गए।
Advertisement
कृषि की हालत यह है कि किसान परिवारों का कर्ज भी 30 प्रतिशत बढ़ गया। वे कर्ज के दुष्चक्र में फंस गए हैं।दुखद बात यह है कि इस संघर्ष के दौरान महिला किसानों सहित 752 किसानों ने अपनी जान गंवा दी।
उत्तर-प्रदेश के लखीमपुर खीरी में भाजपा सांसद अजय मिश्रा थेनी के बेटे द्वारा जानबूझकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में गाड़ी चलाने से आठ किसानों की मौत हो गई। यह सुनियोजित कृत्य सबकी आंखों के सामने हुआ, मगर अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से नहीं हटाया गया और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की गई।
किसानों को डराने और तितर-बितर करने के लिए कई दूसरे हथकंडे अपनाए गए, मगर वे टस से मस नहीं हुए। बाद में जब उत्तर-प्रदेश में चुनाव नजदीक आए, तो मोदी अचानक टीवी स्क्रीन पर आए और किसानों से माफी मांगी। उन्होंने तीनों कानूनों को वापस लेने और किसानों की अन्य मांगों को पूरा करने का वादा भी किया।
Advertisement
केंद्र सरकार द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद किसान अपने घरों को लौट गए।
तब से एक साल बीत चुका है, मगर मोदी सरकार ने अभी तक अपने वादों को पूरा करने का कोई संकेत नहीं दिया है।
Advertisement
Advertisement

Related posts

ओम प्रकाश चौटाला पर लगी  6 साल तक चुनाव ना लड़ने वाली पाबंदी कम या पूरी तरह की जाए खत्म ,चुनाव आयोग में हस्तक्षेप याचिका दायर

admin

गुरुग्राम के 16 अस्पताल के बाहर नो हॉन्किंग जॉन के लगे साइनबोर्ड

editor

नूरपुर एसटीपी प्लांट  शिफ्टिंग  कहीं पावर पॉलिटिक्स का गेम तो नहीं !

admin

Leave a Comment

URL