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तानाशाह किम जोंग उन बुरी तरह घबराया,करोना संक्रमण से दहल गया उत्तर कोरिया,17 लाख नागरिक संक्रमित

करोना संक्रमण से दहल गया उत्तर कोरिया,17 लाख नागरिक संक्रमित।

सनकी तानाशाह किम जोंग उन बुरी तरह घबराया

उत्तर कोरिया की अधिकारिक न्यूज़ एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के अनुसार उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन जो अमेरिका से भी कभी भयभीत नहीं रहा और अमेरिकन धमकी के बावजूद लगातार समुद्र में परमाणु परीक्षण करते रहा था। इस बार कोविड-19 संक्रमण ने उत्तर कोरिया की लोहे की दीवार तोड़कर वहां के नागरिकों को रिकॉर्ड तोड़ संक्रमित किया है।

उत्तर कोरिया में रिकॉर्ड 27 लाख नए केस सामने आए हैं और इसके अलावा 6 नागरिकों की इस संक्रमण से मौत भी रजिस्टर्ड की गई है। यह संक्रमण चीन से व्यापारिक रिश्तो के कारण 800 दिनों बाद युहान से प्योंगयांग पहुंचा है।अब इस संक्रमण से उत्तर कोरिया का तानाशाह स्वयं काफी घबराया हुआ है।

संक्रमण की स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन ने अधिकारियों पर कोविड-19 के वैदिक महामारी के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए निर्देशित किया है, और उन पर लापरवाही का कठोर आरोप लगाया है।

उत्तर कोरिया की वायरस विरोधी मुख्यालय की एजेंसी ने बताया कि अप्रैल के अंत से अब तक 17 लॉख लोग संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से लगभग 7लाख लोग पृथक वास में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। कुल मिलाकर अभी तक 65 से 70 लोगों की इस संक्रमण से मौत भी हो चुकी है।

उत्तर कोरिया में संक्रमण की जांच के पर्याप्त साधन न होने तथा स्वास्थ्य की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण इस बात की प्रमाणिक पुष्टि नहीं हो पा रही है कि यह covid-19 के संक्रमण के मामले हैं या नहीं।

उत्तर कोरिया की खराब स्वास्थ्य प्रणाली के कारण वायरस के प्रसार को रोकने में नाकामी काफी खतरनाक साबित हो सकती है। उत्तर कोरिया की कुल आबादी 2करोड़ 60 लाख अनुमानित आंकी गई है एवं वहां आम नागरिकों को कोविड-19 के विरोधी इंजेक्शन अथवा वैक्सीन नहीं लगाई गई है।

उत्तर कोरिया के तानाशाह का अड़ियल रवैया के कारण वहां की स्वास्थ्य सेवा एकदम लचर हो चुकी है ,कोविड-19 के संक्रमण के विरुद्ध वहां न तो दवाएं हैं ना अस्पताल है और ना ही पर्याप्त वैक्सीन की सुविधा भी उपलब्ध है।

पूर्व में किम जोंग उन ने संयुक्त राष्ट्र संघ की भेजी गई वैक्सीन “कोवैक्स” को लेने से इनकार कर दिया था। वहां का तानाशाह अब खुद स्वयं के लिए भी घबराया हुआ है और हर मीटिंग में मास्क की दोहरी परत पर लगा कर मीटिंग संचालित करता है।

उत्तर कोरिया में पर्याप्त वैक्सीन तथा दवाओं का भंडार ना होने के कारण आगामी भविष्य में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति बड़ी विस्फोटक होने की संभावना वन सकती है। तानाशाह किम जोंग उन ने पोलितब्यूरो की सत्तारूढ़ कोरियाई वर्कर्स पार्टी की बैठक में अपने मातहत अधिकारियों को वैश्विक महामारी से निपटने के लिए जिम्मेदार ठहरा कर उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी है।

उत्तर कोरिया के अंदरूनी भाग तथा राजधानी प्योंगयांग में नागरिकों को आने-जाने शेर रोकने के लिए सेना को सड़क पर उतार दिया गया है एवं अनेक प्रतिबंध नागरिकों पर प्रति रोपित कर दिए गए हैं।

अप्रैल के पहले तक उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसियों द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को उत्तर कोरिया में मौजूदगी को लेकर नकार दिया गया था किंतु अब आधिकारिक तौर पर संक्रमण की खबर वैश्विक स्तर पर धीरे-धीरे बाहर आने लगी हैं।

उल्लेखनीय है कि किम जोंग उन ने वहां अपने नागरिकों के आवागमन पर कठोर प्रतिबंध लगा कर रखा है वहां का नागरिक न तो देश छोड़कर जा सकता है और ना ही किसी बाहर के नागरिक को उत्तर कोरिया में प्रवेश करने की अनुमति ही दी गई है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया में मीडिया तथा इंटरनेट और संचार माध्यमों पर सरकार का 100% नियंत्रण है। इसके अलावा रेडियो सुनने एवं अन्य दूरदर्शन आदि पर भी रोक लगा दी गई है। उत्तर कोरिया का तानाशाह किंग जोंग उन अपने आप को उस देश का भगवान बताता है एवं आम नागरिकों को भगवान मानने पर मजबूर भी करता है।

दक्षिण कोरिया में खाद्य पदार्थों में अनुदान दिया जाता है तथा शिक्षा स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सेवाएं नागरिकों को निशुल्क प्रदान की जाती है। इसके बावजूद भी वहां कुपोषण की दर 30% से बहुत अधिक है। उत्तर कोरिया एसा देश है जहां इंटरनेट, मीडिया,1 रेडियो तथा संचार माध्यमों पर इस तानाशाह का पूरी तरह नियंत्रण है, इंटरनेट भी बहुत ही गिने चुने लोग कोरियाई भाषा में इस्तेमाल कर पाते हैं।

नागरिकों को एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश तथा देश के बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। इसके लिए विशेष अनुमति लेना अनिवार्य होती है। किम जोंग इतना खतरनाक तानाशाह है कि उसने अपने कई सगे रिश्तेदारों की सरेआम छोटे-छोटे कारणों के कारण हत्या करवा दी, इसने अपनी ही सरकार के कई मंत्रियों तथा पदाधिकारियों की हत्या करवा कर तानाशाही का बहुत क्रूर उदाहरण प्रस्तुत किया है ताकि जनता में उसका भय सदैव बना रहे।

अब कोविड-19 के संक्रमण में यदि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र संघ या अन्य देशों से स्वास्थ्य सेवाओं की मदद नहीं लेता तो निश्चित तौर पर उसके लाखों नागरिक किसी बड़े संकट में और संक्रमण में पडकर अपनी जान गवा सकते हैं।

2करोड़ 60 लाख क जनसंख्या वाले देश में लचर स्वास्थ्य सेवाओं को देखते हुए वैश्विक संगठनों एवं संयुक्त राष्ट्र संघ को वहां के नागरिकों को बचाने की पहल की जानी चाहिए अन्यथा कोविड-19 अपना संक्रमण फैलाने से रुकेगा नहीं और अन्य देशों को भी इस तरह के संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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संजीव ठाकुर ,चिंतक, लेखक, रायपुर छत्तीसगढ़,

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