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खूबसूरत हसीना ने कर दिया कांड

खूबसूरत हसीना ने कर दिया कांड
Cyber Crime Network खूबसूरत हसीना ने कर दिया कांड
नई दिल्ली: Cyber Crime Network ऑनलाइन स्कैम की दुनिया में चीनी साजिशों का बड़ा पर्दाफाश हुआ है, जहां नौकरी के नाम पर लोगों को गुलाम बनाकर रखा जाता है और उन्हीं गुलामों के जरिए अमेरिका से लेकर दुनिया के तमाम देशों में स्कैम कराए जाते हैं और लोगों को ऑनलाइन ठगे जाते हैं. चीनी स्कैमरों के कांड इतने बड़े हैं कि साइबर क्राइम के लिए कुख्यात भारत का जामताड़ा भी इस चीनी साइबर क्राइम की दुनिया के सामने कुछ भी नहीं है. दरअसल, भारत के सीमावर्ती देश म्यांमार में साइबर क्राइम का पूरा संसार बसा है, जहां से अमेरिका से लेकर एशियाई देशों में बहुत ही चालाकी से लोगों को ठगा जाता है और इन सबके पीछे चीनी ठग हैं, जो नौकरी के नाम पर लोगों की तस्करी करते हैं और फिर उन्हें गुलाम बनाकर मजबूरन उनसे ठगी कराई जाती है.
दरअसल, ये चीनी स्कैमर्स नौकरी के नाम पर बंधक बनाकर रखे गए गुलामों के जरिए ही पैसे वालों को टारगेट करते हैं और फिर उन्हें क्रिप्टोकरेंसी से कमाई का लालच देकर उन्हें लूट लेते हैं. चीनी स्कैमर्स के ये गुलाम व्हाट्सऐप-फेसबुक यानी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए टारगेट तक पहुंचते हैं और उनसे दोस्ती करते हैं और बहुत साफगोई तरीके से यकीन में लेकर अपनी जाल में फंसाते हैं और ये सब इतने साफ तरीके से होता है कि सामने वाले को भी यकीन नहीं होता कि वह स्कैमर्स की जाल में फंस चुका है और देखते ही देखते उसकी पूरी दुनिया लूट जाती है. दो मामलों से चीनी घोटालेबाजों के इस पूरे खेल को समझा जा सकता है.
Cyber Crime Network जब लड़की की जाल में फंस अमेरिकी शख्स ठगा गया
युद्धग्रस्त म्यांमार और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों में चीनी क्राइम सिंडिकेट द्वारा चलाए जा रहे एक नए प्रकार के वित्तीय धोखाधड़ी के हजारों अमेरिकी पीड़ितों में से एक 54 वर्षीय अमेरिकी नागरिक सीवाई भी हैं, जिन्हें एक खूबसूरत लड़की ने अपने रूप के जाल में ऐसा फंसाया कि जिंदगी भर की उनकी पूरी कमाई पलभर में खत्म हो गई और देखते ही देखते वह कंगाल हो गए. सीवाई को एक दिन व्हाट्सऐप पर जेसिका नाम की लड़की का मैसेज आता है, जिसमें वह खुद को सीवाई की पुरानी कलीग बताती है, मगर सीवाई को याद ही नहीं रहता है कि उन्होंने उसके साथ काम किया. जेसिका खुद को चीनी-अमेरिकी लड़की के रूप में पेश करती है. इसके बाद दोनों के बीच साल 2021 से चैटिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है. अक्टूबर 2021 से शुरू चैटिंग का सिलसिला उन दोनों को काफी करीब ले आता है और जल्द ही वे काफी अच्छे दोस्त बन जाते हैं. एक ओर जहां जेसिका अपनी लग्जरियस लाइफस्टाइल वाली फोटो भेजकर सीवाई को यकीन दिलाती है कि वह क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके ही इस तरह का जीवन जी रही है. उधर सीवाई अपने पिता की खराब तबीयत को लेकर परेशान रहता है.
खूबसूरत हसीना ने कर दिया कांड
इस मौके का लाभ उठाकर जेसिका सीवाआई को समझाती है कि अगर वह क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाएगा तो इससे उनको अच्छा मुनाफा मिलेगा और इन पैसों से उनके पिता का भी बढ़िया से इलाज हो सकेगा. इतना ही नहीं, जेसिका यह भी दलील देती है कि उसने खुद क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मिलियन डॉलर कमाए हैं. वह यह भी दलील देती है कि उसके हॉन्गकॉन्ग वाले अंकल की सूचना की मदद से वह ऐसा कर पाती है. पीड़ित सीवाई, चीनी-अमेरिकी लड़की जेसिका के झांसे में आ जाते हैं और वह हजारों डॉलर क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कर देते हैं. शुरू में उन्हें मुनाफा होता है और इस तरह जेसिका पर उनका यकीन बढ़ जाता है. इसी भरोसे का फायदा उठाकर जेसिका उनसे चीनी ऐप पर और डॉलर इन्वेस्ट कराती है और एक दिन अचानक 3 दिसंबर को सीवाई जिस चीनी ऐप को यूज करते हैं, वह लॉक हो जाता है. यह चीनी ऐप, क्लोन ऐप होता है, जो किसी तरह से फेक नहीं लगता. इसके बाद ऑनलाइन दोस्त बनी जेसिका गायब हो जाती है और इस तरह सीवाई की दुनिया बर्बाद हो चुकी होती है और उनके सारे पैसे डूब चुके होते हैं. नौबत अस्पताल में भर्ती होने की आ जाती है.
Cyber Crime Network पहले मुनाफा फिर सब खत्म
खुद सीवाई का मानना था कि शुरुआती मुनाफा आश्चर्यजनक था और वह सैकड़ों हजार डॉलर कमा रहे थे. इसलिए वह तब तक निवेश करता रहे, जब तक कि एक दिन उनका खाता बंद नहीं हो गया. इस पूरे कांड में उन्हें दस लाख डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. इस चीनी ऐप हो रहे स्कैम को लेकर संयुक्त राष्ट्र और एफबीआई ने भी खुलासा किया है. संयुक्त राष्ट्र और एफबीआई के एक्सपर्ट के अनुसार, महज तीन साल के भीतर अंतरराष्ट्रीय अपराध संगठनों ने प्रौद्योगिकी में विकास और म्यांमार में गृह युद्ध का फायदा उठाते हुए अरबों डॉलर का साइबर क्राइम का उद्योग खड़ा किया है, ताकि दुनिया भर के लोगों को उनकी जीवन भर की कमाई में चूना लगाया जा सके. यह चीनी घोटाला ऑपरेशन, आज के वक्त में गुलामों की सेना पर के जरिए किया जा रहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने हाल के इतिहास में एशिया में सबसे बड़ी मानव तस्करी की घटनाओं में से एक कहा है.
जामताड़ा तो इसके सामने कुछ भी नहीं!
यह चीनी साइबर क्राइम की दुनिया कैसे काम करती है, इसके बारे में एक भारतीय शख्स ने विस्तार से बताया है, क्योंकि वह खुद इस गुलामी की दलदल का हिस्सा रह चुका है. 33 वर्षीय भारतीय नागरिक राकेश भी उन गुलामों में शामिल हैं, जिन्होंने करीब 11 महीने तक स्कैमर यानी घोटालेबाज के रूप में काम किया और सीवाई जैसे सैकड़ों अनजान पीड़ितों से हजारों डॉलर की ठगी की. शुरुआत में भले ही सबको राकेश साइबर ठग लगे, मगर उनकी आपबीती जानकर पता चलेगा कि वह खुद एक भयंकर घोटाले का शिकार हुए थे. नौकरी के वादे पर थाइलैंड गए राकेश कब इस ऑनलाइन ठगी की दुनिया में फंस गए, उन्हें भी नहीं पता चला. दरअसल, व्हाइट कॉलर नौकरी के वादे के साथ लालच देकर थाईलैंड में दुनिया भर से हजारों लोगों को म्यांमार के आपराधिक केंद्रों में तस्करी कर ले जाया जाता है, जहां उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध कैद करके रखा जाता है और क्रिप्टोकरेंसी में लाखों की चोरी करने के लिए मजबूर किया जाता है.
भारतीय शख्स ने बताया कैसे होता है पूरा खेल
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि म्यांमार के परिसर में कुल 120,000 लोग गुलाम की तरह रखे गए होंगे. वहीं, अन्य 100,000 लोगों को कंबोडिया और अन्य जगहों पर ऐसी स्थितियों में रखा जा गया होगा, जो आधुनिक गुलामी के समान हैं. राकेश ने गोपनीयता की शर्त पर इस पूरे कांड की जानकारी दी और कहा कि दिसंबर 2022 में वह बैंकॉक गए, जहां उन्हें लगा कि वह आईटी में सेक्टर में नौकरी करेंगे. भारत में केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले राकेश छह महीने से बेरोजगार थे और काम ढूंढने के लिए बेताब थे. यही वजह है कि वह एजेंट के चक्कर में पड़कर विदेश चले गए. जब वह एयरपोर्ट पर उतरे तो उन्हें एक ड्राइवर ने पिक किया मगर राकेश को बैंकॉक ऑफिस ले जाने के बजाय उन्हें म्यांमार सीमा के पास एक थाई शहर माई सॉट ले जाया गया, जो सात घंटे की दूरी पर स्थित था. राकेश इससे घबरा गए और उन्होंने उस एजेंट को फोन किया, जिसने उन्हें नौकरी की पेशकश की थी. उन्हें बताया गया कि वे चिंता न करें और वह माई सॉट में ही काम करेंगे.
Beautiful beauty created a scandal कैसे नौकरी के वादे पर मानव तस्करी की जाल में फंसे राकेश
राकेश के पास अब एजेंट की बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. वह पूरी तरह से ब्लैंक हो गए और माई सॉट में एक रात बिताने के बाद अगले दिन उन्हें एक नदी पार करके एक ऐसे परिसर में ले जाया गया, जहां चारों तरफ से सशस्त्र सैनिकों की घेराबंदी थी. दरअसल, राकेश को म्यांमार में गेट 25 नामक एक परिसर में मानव तस्करी कर लाया गया था. राकेश की मानें तो परिसर में प्रवेश करते ही उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और उन्हें एक कॉन्ट्रैक्ट दिया गया कि उन्हें एक पेशेवर घोटालेबाज बनना है, जो दुनिया भर के लोगों से पैसों की ठगी करेगा. राकेश ने उस दिन को याद कर कहा कि उन्हें एक चीनी शख्स ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें मार दिया जाएगा. हालांकि, तब भी राकेश अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हुए.
राकेश को जेल में डाल दिया गया
इसके बाद राकेश पर सितम ढाए गए और उन्हें जेल की कोठरी में डाल दिया गया. उन्हें इस दौरान भोजन-पानी के लिए तरसा दिया गया. इस प्रताड़ना से तंग आकर राकेश ने तीन दिन बाद अपना मन बना लिया और वभी जिंदा रहने के लिए स्कैमर बनने को तैयार हो गए. चीनी स्कैमर्स ने राकेश की एक नकली पर्सनालिटी डेवलप की और उन्हें घोटाला करना सिखाया. इसके बाद राकेश ने एक सुंदर लड़की बनकर ऑनलाइन घोटाला करना शुरू कर दिया. राकेश की मानें तो 70 से 80 फीसदी लोग अक्सर नकली प्रेम में फंस जाते हैं. राकेश का काम टारगेट से संपर्क बनाना, उन्हें इन्वेस्ट के लिए यकीन दिलाना और प्रेम की जाल में फंसाना था. वह अमेरिकियों, ब्रिटिश और मैक्सिकन लोगों को निशाना बनाने के लिए रात भर काम करते थे. एक बार जैसे टारगेट निवेश करने के लिए तैयार हो जाता था, राकेश का काम वहीं खत्म हो जाता था और इसके बाद चीनी स्कैमर्स का प्रबंधक या टीम लीडर कमान संभाल लेता था और सुरक्षित निवेश करवाता था.
Beautiful beauty created a scandal टारगेट पूरा नहीं करने पर मिलती है सजा
सीएनएन ने मानव तस्करी के एक और पीड़ित से बात की, जिसे वर्तमान में म्यावाडी के स्कैम परिसर में रखा गया है, जहां वह एक साल से अधिक समय से रह रहा है. जावेद का कहना है कि सीएनएन से बात करने से उनकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उन्होंने अपनी पहचान छुपाने के लिए फेक नाम का इस्तेमाल करने को कहा. जावेद इससे पहले चीन में पढ़ता था और मैकेनिकल इंजीनीयर के रूप में काम करता था. उसकी बैंकॉक में आईटी सेक्टर में नौकरी की चाहती थी, मगर उसे भी राकेश की तरह म्यांमार में तस्करी के लिए लाया गया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो लोग टारगेट को पूरा नहीं करते हैं, अथवा इन्वेस्ट नहीं करा पाते हैं, उन्हें प्रबंधक द्वारा पीटा जाता है और काफी प्रताड़ित किया जाता है.
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