भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में आम जनता के लिए सिर्फ लॉलीपॉप ,बीते दस वर्षों में क्या किया कुछ नहीं बताया गया
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (14 अप्रैल) को दिल्ली स्थित पार्टी दफ्तर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का घोषणा पत्र (BJP’s election manifesto)जारी किया. इसे ‘भाजपा का संकल्प-मोदी की गारंटी‘ नाम दिया गया है. इसकी थीम 2047 तक विकसित भारत बनाने पर आधारित है.
घोषणा पत्र को जारी करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत केंद्रीय मंत्री- राजनाथ सिंह, अमित शाह और निर्मला सीतारमण भी मौजूद थे.
इस घोषणा पत्र में 24 गारंटियां दी गई हैं, जिनमें सभी को स्वास्थ्य बीमा, सीमापार घुसपैठ पर नकेल, नागरिकता संशोधन कानून के तहत नागरिकता, बुलेट ट्रेनों का संचालन और सभी को पक्का घर देने का वादा आदि प्रमुख हैं.
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में आम जनता के लिए सिर्फ लॉलीपॉप ,बीते दस वर्षों में क्या किया कुछ नहीं बताया गया लेकिन इतना जरूर है की भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जनता के नाम पर जारी करके आम जनता को फिर से मोदी की गारंटी के नाम पर लुभावने का प्रयास किया है।BJP’s election manifesto is just a lollipop for the general public, nothing was told about what was done in the last ten years.
भाजपा में चुनावी घोषणा पत्र में वही ढाक के तीन पात वाला ढकोसला दिखाई दिया भाजपा बीते दस सालों से सत्ता में है जब वह बीते दस सालों में अपने पिछले वायदे ही पुरे नहीं कर पाई 2024 के बाद क्या जुमले साबित नहीं होंगे जैसा की बीजेपी ने चुनावी चंदे और पीएम केयर फंड की जानकारी देने बारे भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में जनता को नहीं बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी का ‘संकल्प पत्र’ जारी करते हुए कहा कि लोगों ने भाजपा के संकल्प पत्र को बनाने के लिए देशभर से सुझाव भेजे हैं. ये संकल्प पत्र चार वर्गों युवा शक्ति, महिला शक्ति, किसान और गरीबों को सशक्त करता है. इसमें बड़ी संख्या में रोज़गार बढ़ाने की बात कही गई है.
भाजपा ने अपने घोषणापत्र(BJP’s election manifesto) में देश में वन नेशन-वन इलेक्शन और कॉमन इलेक्टोरल रोल के व्यवस्था की बात के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र भी किया है. इसमें अगले पांच सालों तक गरीब परिवारों की सेवा की गारंटी के तहत मुफ्त राशन, पानी, गैस कनेक्शन, पीएम सूर्य घर योजना से ज़ीरो बिजली बिल की व्यवस्था और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने की बात कही गई है.
इस घोषणा पत्र में आयुष्मान भारत से पांच लाख तक का मुफ्त इलाज जारी रखने और इसमें 70 साल से ऊपर की आयु वाले हर बुजुर्ग और को शामिल करने की बात है. इसका लाभ अब ट्रांसजेंडर्स को भी मिलेगा. गरीबों के लिए तीन करोड़ और पक्के मकान बनाने के वादे साथ इसमें कहा गया है कि जन औषधि केंद्रों पर 80 फीसदी छूट के साथ दवाई मिलती रहेगी.
उल्लेखनीय है कि 2019 में देशभर में चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) की बात कही गई थी, जिसके बारे में अब कुछ नहीं कहा गया है.
महिलाओं के लिए घोषणाएं
महिलाओं के लिए इस घोषणा पत्र में ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत तीन करोड़ और महिलाओं को शामिल करने की बात कही गई है. महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप को सर्विस सेक्टर से जोड़कर आय में वृद्धी, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल और चाइल्ड केयर की सुविधा जैसी सुविधाओं का उल्लेख है.
महिला सुरक्षा के लिए थानों में शक्ति डेस्क का विस्तार, महिलाओं के लिए विशेष पब्लिक टॉयलेट का निर्माण, महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कैंसर और एनिमिया के खिलाफ अभियान चलाने को भी घोषणा में शामिल किया गया है.
किसानों के लिए घोषणाएं
घोषणा पत्र में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत छह हज़ार की वार्षिक सहायता जारी रखने का वादा किया गया है. इसके अलावा फसल बीमा योजना में नुकसान के लिए मार्डन तकनीक का इस्तेमाल, पशुओं के लिए चारा और मिल्क कूलर की सुविधा के विस्तार के साथ नैनो यूरिया को बढ़ावा देने की योजना का जिक्र है.
एमएसपी को लेकर घोषणा पत्र में कहा गया है कि इसमें की गई बढ़ोत्तरी जारी रहेगी. भारत को दुनिया का न्यूट्री हब बनाने पर भी काम किया जाएगा. इसके साथ ही नेचुरल फार्ममिंग को बढ़ावा देने, सिंचाई और स्टोरेज की सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.
हालांकि 2019 के घोषणा पत्र के उलट इस बार उनकी आय दोगुनी करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. 2019 के घोषणा पत्र में साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया गया था.
युवाओं के लिए घोषणाएं
युवाओं के लिए भी इस घोषणा पत्र में रोज़गार सृजन की बात कही गई है. इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, स्टार्टअप, स्पोर्ट्स, इन्वेस्टमेंट, हाई वैल्यू सर्विस और टूरिज्म के जरिये लाखों रोज़गार के अवसर देने का वादा किया गया है. साथ ही पेपर लीक पर बने कानून को सख्ती से लागू करने की बात भी शामिल है.
पार्टी द्वारा कामगारों में शामिल गिग वर्कर्स, टैक्सी ड्राइवर, ऑटो ड्राइवर, घरों में काम करने वाले श्रमिक, माइग्रेंट वर्कर्स, ट्रक ड्राइवर, कुली, सभी को ई-श्रम से जोड़ने और इनकी कल्याणकारी योजनाओं तक पहुंच को सुनिश्चित करने की गारंटी दी गई है.
ऐसा कहा गया है कि कला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तिरुवल्लुवर कल्चरल सेंटर, उच्च शिक्षण संस्थाओं क्लासिकल भाषाओं के अध्ययन की व्यवस्था की जाएगी. एकलव्य स्कूल, पीएम जनमन वन उत्पादों में वैल्यू एडिशन और ईको टूरिज़्म को बढ़ावा देंगे. ओबीसी, एससी और एसटी समुदाय को जीवन के हर क्षेत्र में सम्मान देने का वादा भी इस घोषणा पत्र में शामिल है.
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र को ‘न्याय पत्र’ नाम दिया था. इसमें महिलाएं, युवा, किसान, गरीब समेत तमाम वर्गों के लिए न्याय पर जोर देने की बात कही गई थी.
इसमें किसानों के लिए कांग्रेस की सरकार बनने पर न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए क़ानूनी गारंटी देने का वादा, वन रैंक, वन पेंशन को लागू करना और युवाओं के लिए रिक्त 30 लाख सरकारी नौकरियों में भर्ती की बात प्रमुख तौर से कही गई थी.
कांग्रेस ने फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील रसोइया के वेतन में केंद्र सरकार के योगदान को दोगुना करने के साथ ही महालक्ष्मी योजना के जरिये हर गरीब परिवार की की महिला को बिना शर्त एक लाख रुपये हर साल देने का वादा किया है.
मनरेगा के तहत मज़दूरी बढ़ाने और न्यूनतम राष्ट्रीय वेतन की गारंटी देने का वादा किया गया. इसके साथ ही 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी नौकरियां आरक्षित करने की बात कही गई थी. इस घोषणा पत्र में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 फ़ीसदी आरक्षण की निर्धारित सीमा को बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन लाने का भी वादा किया गया है.
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