AtalHind
टॉप न्यूज़राष्ट्रीयशिक्षा

इलाहाबाद विवि के दलित प्रोफेसर के ख़िलाफ़ चार्जशीट,हिंदूवादी संगठनों दी थी शिकायत

इलाहाबाद विवि के दलित प्रोफेसर के ख़िलाफ़ चार्जशीट,हिंदूवादी संगठनों दी थी शिकायत

BY-विजय विनीत | 27 Dec 2023

विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने दो महीने पहले कर्नलगंज थाने में दलित शिक्षक डॉ. विक्रम के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

Advertisement
इलाहाबाद विवि के दलित प्रोफेसर के ख़िलाफ़ चार्जशीट,हिंदूवादी संगठनों दी थी शिकायत

उत्तर प्रदेश की प्रयागराज पुलिस ने विवादित धार्मिक टिप्पणी करने पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ डिस्ट्रिक कोर्ट में अभियोग-पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया है। विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने दो महीने पहले कर्नलगंज थाने में दलित शिक्षक डॉ. विक्रम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जहां उन्हें फौरी तौर पर राहत भी मिल गई थी। माना जा रहा है कि डॉ. विक्रम कुमार को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार ने 22 अक्टूबर 2023 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राम और कृष्ण पर टिप्पणी की थी। बाद में विहिप के जिला संयोजक शुभम की शिकायत पर कर्नलगंज थाना पुलिस ने दलित असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 295ए और आईटी एक्ट की धारा-66 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

रिपोर्ट में कहा गया था कि देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उनकी इस टिप्पणी से समाज में अराजकता फैल सकती है और आपसी सौहार्द्र बिगड़ सकता है। इससे इविवि की छवि भी समाज में धूमिल हो रही है। पुलिस ने इस मामले में सोशल साइट एक्स को ई-मेल भेजकर जानकारी मांगी। प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार ने माना था कि एक्स पर मैसेज उन्होंने ही किया था। उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

Advertisement

विवादों से पुराना नाता

डॉ. विक्रम का विवादों से पुराना नाता रहा। वह जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आए तो एक सेमिनार में यह कहकर तहलका मचा दिया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों को उनकी जाति के आधार पर अंक दिए जाते हैं। एससी/एसटी आयोग ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा। इस मामले में वह अकेले पड़ गए। शिवलिंग प्रकरण में उन्हें धमकियां मिलीं तो तत्कालीन एसएसपी सिद्धार्थ अनिरुद्ध पंकज ने उन्हें सुरक्षा दी। एसएसपी के तबादले के बाद उनकी सुरक्षा हटा ली गई।

डॉ. विक्रम कहते हैं, “जिस धर्म ने जानवर से भी नीचे स्थान दिया उसका समर्थन हम कैसे कर सकते हैं। अंबेडकर ने साफ-साफ कहा था कि हिंदू धर्म एक बीमारी है और जाति व वर्ण व्यवस्था मनुस्मृति जैसे धार्मिक ग्रंथों की देन है। अगर आरएसएस और बीजेपी के नेता ब्राह्मणवाद का प्रचार कर सकते हैं, तो हम क्यों भयभीत हों? यही वजह है कि हम अपने लेखों में सामाजिक और जातीय भेदभाव व छुआछूत की आलोचना करते हैं। ऊंची जातियों के लोगों को आज भी अंबेडकर की छवि और विचारधारा अंदर से बहुत कचोटती है।”

Advertisement

संघर्षों में पले-बढ़े डॉ. विक्रम

डॉ. विक्रम कुमार पूर्वांचल के गोरखपुर जिले के निवासी हैं। इनके पिता रघुनाथ बंधुआ मजदूर थे। उस समय उनका जीवन काफी कष्टकर था। भुखमरी की स्थिति पैदा हुई तो रघुनाथ बंगाल चले गए। बाद में उन्होंने एक कोयला खदान में काम शुरू किया।

गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने के बाद डॉ. विक्रम ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। दोस्तों, सहकर्मियों और वजीफे से मिली धनराशि की मदद से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने एक अखबार के फीचर विभाग में नौकरी की। फिर उन्होंने असम सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नौकरी पाई। बाद में, उन्हें शिमला स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज में नौकरी मिल गई। बाद में वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर बने। यहां भी वह विवादों के घेरे में हैं।

Advertisement

 

Advertisement

Related posts

खेला खूनी खेल, पांच मिनट में मम्मी-पापा-दीदी और नानी को मौत के घाट उतारा,हत्या के बाद होटल में जाकर की पार्टी

admin

1989 से अब तक कई सरकारें आई गई लेकिन कैथल को एक भी गोताखोर नहीं दिया ,प्रशासनिक अधिकारी भी रहे मस्त 

admin

मनोहर  सरकार से खफा हुए नगर परिषद नगर पालिकाओं  के चेयरमैन

atalhind

Leave a Comment

URL