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मनोहर  सरकार से खफा हुए नगर परिषद नगर पालिकाओं  के चेयरमैन

मनोहर  सरकार से खफा हुए नगर परिषद नगर पालिकाओं  के चेयरमैन,

जींद  में इकट्ठा हुए 41 नगर पालिका और नगर परिषदों के चेयरमैन

जींद (अटल हिन्द ब्यूरो )

डीडी पावर वापस लेने से सरकार से खफा हुए नगर परिषद नगर पालिका के चेयरमैनअपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की दी चेतावनी
चेकों पर सिग्नेचर की पावर खत्म करने के विरोध में पूरे हरियाणा से जींद में इकट्ठा हुए 41 नगर पालिका और नगर परिषदों के चेयरमैनजल्द मुख्यमंत्री से मिलेंगे ये चेयरमैनफिर भी समाधान नहीं हुआ तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे
दो माह पहले हुए निकाय चुनाव में भाजपा सहित अन्य पार्टियों की टिकट पर व निर्दलीय जीत दर्ज करने वाले नगर परिषद व नगर पालिका के चेयरमैन सरकार के फैसले के विरोध में उतर आए हैं। पंचायत चुनाव के आहट के बीच में इन चेयरमैन व चेयरपर्सन का विरोध में उतरना सरकार के लिए परेशानी खड़ा कर सकते हैं। जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री व भाजपा के संगठन के उच्च पदाधिकारियों ने इन प्रधानों की जीत पर पीठ थपथपाई थी और चुनाव जीतने वाले चैयरमैनों ने सरकार व भाजपा संगठन के प्रशंसा के पुल बांध दिए थे, लेकिन दो दिन पहले सरकार द्वारा मेयर की तर्ज पर पालिका व नगर परिषद के चेयरमैनों से डीडी पावर यानी वित्तीय शक्तियां वापस लेने के विरोध में उतर आए हैं।आज जींद में हुई प्रदेशभर के नगर पालिका व नगर परिषद के चेयरमैनों ने अपनी ही सरकार के जमकर कोसा और भाजपा की टिकट पर जीतकर आए चेयरमैनों ने यहां तक कह दिया कि सरकार ने उनको चोर साबित कर रही है। सरकार के इस फैसले को वापस लेने के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री से समय लिया जाएगा और तुरंत प्रभाव से सरकार द्वारा डीडी पावर वापस लेने की मांग की जाएगी। अगर उसके बाद भी सरकार ने डीडी पावर चेयरमैनों को नहीं दी तो आंदोलन किया जाएगा।बैठक में उपस्थित कई चेयरमैनों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उनके पास जनता की सेवा करने के लिए वित्तीय संबंधित पावर ही नहीं होगी तो ऐसी चेयरमैनी का क्या करेंगे और वह चेयरमैन पद से इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटेंगे। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो इसके लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने डीडी पावर वापस लेने के पीछे तर्क दिया है कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, लेकिन चेयरमैनों ने कहा कि भ्रष्टाचार चेयरमैन नहीं करते, बल्कि अधिकारी करते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार करने मे अक्सर शामिल रहने वाले अधिकारियों को ही पूरी नगर परिषद की कमान दे दी है।

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