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श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर, अब क्यों हाहाकार?चीन में फिर दिन-रात जलने लगीं चिताएं!

कोरोना कहर के बीच चीन में फिर दिन-रात जलने लगीं चिताएं!

श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर, अब क्यों हाहाकार?

ऐसे लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है कोविड का नया वेरिएंट JN.1,

लापरवाही पड़ सकती है महंगी, भूलकर भी न करें 5 गलतियां

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नई दिल्ली: बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच पूरे चीन में रहस्यमयी निमोनिया का प्रकोप लगातार बदतर होता जा रहा है. चीन के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांतों में से एक के निवासियों ने खुलासा किया कि इससे बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं, जिससे स्थानीय निजी अंतिम संस्कार उद्योग के व्यवसाय में एक और उछाल आया है.

NTD की रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया की यह लहर सितंबर में चीन में फैली थी. ज्यादातर बच्चों में, अक्टूबर के मध्य में तेजी से बढ़ी और नवंबर में स्थिति और खराब हो गई. इसके बाद देश भर में फैलते हुए अन्य एज ग्रुप के लोगों में भी फैल गई.

सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) ने इस प्रकोप के लिए इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, श्वसन सिंकिटियल वायरस, राइनोवायरस और अन्य श्वसन संक्रमणों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात से आश्वस्त नहीं थे कि इसका प्रकोप COVID-19 से संबंधित नहीं है. CCP ने दिसंबर के मध्य में स्वीकार किया कि एक अधिक संक्रामक कोविड-19 वेरिएंट JN.1 चीन में कुछ दिनों से कहर बरपा रहा है.

हेनान प्रांत के नानयांग शहर के एक निवासी ने कहा कि कई स्थानीय लोग बुखार और सर्दी से पीड़ित हैं, और सभी स्थानीय अस्पताल भरे हुए हैं. जहां कई बच्चे संक्रमित हुए हैं, वहीं अधिक बुजुर्ग लोग निमोनिया से मर गए हैं. इसके अलावा कोरोना भी कहर ढा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें वीचैट समूहों से पता चला कि हेनान में एक 53 वर्षीय महिला शिक्षक अचानक गिर गईं और उनकी मृत्यु हो गई, और एक 49 वर्षीय व्यक्ति की भी उसी तरह मृत्यु हो गई, उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मौतें सोशल मीडिया पर सबसे अधिक वायरल हैं.

Covid-19 JN.1 Strain Update: कोविड के नए स्ट्रेन JN.1 ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में एक बार फिर तहलका मचा दिया है. कोरोना के नए वेरिएंट को बेहद संक्रामक माना जा रहा है और देश में अब तक करीब 1000 मामले सामने आ चुके हैं. हालात को देखते हुए केंद्र सरकार एक्टिव हो गई है और सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है. सरकार ने कोविड को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है और सभी अस्पतालों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. कोविड के नए वेरिएंट JN. 1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके मामले सबसे पहले केरल और फिर तमिलनाडु में मिले थे, जिसके बाद कई अन्य जगहों पर भी संक्रमण फैलने की बात सामने आई है. जिस रफ्तार से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए लोगों की चिंता बढ़ गई है. हर कोई यह जानना चाह रहा है कि आखिर इस मुसीबत से किस तरह बचा जाए. इस बारे में डॉक्टर से जरूरी बातें जान लेते हैं.

ऐसे लोगों के लिए जानलेवा हो सकता है कोविड का नया वेरिएंट JN.1, लापरवाही पड़ सकती है महंगी, भूलकर भी न करें 5 गलतियां

Covid19 New Variant JN.1 Update: देशभर में कोविड के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर डर का माहौल है. नया वेरिएंट कई जगहों पर खूब कहर बरपा रहा है और लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है. कई राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले मिलने से हड़कंप मच गया है. केंद्र और राज्य सरकारों ने भी कोरोना के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया है और इससे बचने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. कई लोग मान रहे हैं कि कोरोना का नया वेरिएंट पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक है, तो कुछ एक्सपर्ट्स ने इसे ज्यादा घातक नहीं माना है. लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल हैं और वे यह जानना चाहते हैं कि JN.1 किन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है और कैसे इससे बचाव किया जाए. साथ ही इससे बचने के लिए कोविड वैक्सीन की एक्स्ट्रा डोज लेनी चाहिए या नहीं.

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार कोविड के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर फिलहाल कुछ भी कहना सही नहीं होगा. कोई भी नया वेरिएंट आता है, तो उसके बारे में पूरी जानकारी के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. हालांकि इतना जरूर है कि यह वायरस तेजी से फैल सकता है और लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए. जो लोग यह मान रहे हैं कि नए वेरिएंट से मौत का खतरा कम है, वे गलतफहमी में न रहें और कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करें. हालांकि नए वेरिएंट से बचने के लिए अभी कोरोना की वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है. लोग चाहें तो फ्लू वैक्सीन और निमोनिया की वैक्सीन लगवा सकते हैं, ताकि मौसमी फ्लू व निमोनिया से बचाव हो सके.

ऐसे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है नया वेरिएंट

डॉ. राकेश गुप्ता कहते हैं कि जिन लोगों में कोमॉर्बिडिटी होती हैं, उनके लिए यह वेरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है. कोमॉर्बिडिटी का मतलब है कि जो लोग पहले से कई बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें हर तरह के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है. डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, हार्ट डिजीज समेत गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को कोविड संक्रमण से बचने की जरूरत है. ऐसे लोगों में कोविड का संक्रमण कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकता है. ऐसे मरीजों को अपनी बीमारियों को कंट्रोल करना होगा, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके.

ऐसे करें कोविड-19 के JN.1 वेरिएंट से बचाव

डॉक्टर की मानें तो कोरोना के नए वेरिएंट से बचने के लिए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए और फेस मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी इम्यूनिटी को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए. इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के लिए अच्छी डाइट, प्रॉपर फिजिकल एक्टिविटी और हेल्थ की मॉनिटरिंग करनी चाहिए. किसी को कोविड के लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर जांच कराएं.

Covid-19 का JN.1 ढा रहा कहर!आखिर दिसंबर में ही क्यों आती है कोरोना की नई लहर?क्यों दिसंबर में आती है लहर

कई अध्ययनों ने ठंड और शुष्क सर्दी को कोविड-19 मामलों में वृद्धि के पीछे एक त्वरित कारक के रूप में इंगित किया है. डेल्टा वेरिएंट द्वारा ट्रिगर की गई दूसरी लहर की शुरुआत का विश्लेषण करने के लिए किए गए जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि महामारी की पहली लहर के दौरान, मौसम की स्थिति ने प्रभावित किया कि वायरस कितनी आसानी से फैलता है.चीन की सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी इस बात की पुष्टि की. उनके अध्ययन में पाया गया कि ठंडी परिस्थितियों में रहने वाले लोगों की तुलना में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना है.

साल 2019 की सर्दी थी और दुनिया पूरे पारंपरिक उल्लास के साथ नए साल का स्वागत करने के लिए तैयार थी. लेकिन, जैसा कि हम सभी को याद है नए साल के ठीक पहले दुनिया में एक अनोखे वायरस ने एंट्री मारी. इसके बाद वायरस ने हर किसी के जीवन को उलट-पुलट कर दिया. पहली बार कोरोना वायरस चीन में रिपोर्ट किया गया. इसके बाद लगभग हर साल सर्दियों में कोरोना की एक लहर आ जाती है. अब सवाल है कि हर बार दिसंबर में ही कोरोना की लहर आ जाती है

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार चार साल बाद, कोविड-19 महामारी समाप्त हो गई है, लेकिन वायरस अपने कई वेरिएंट के रूप में हमारे जीवन में मौजूद है. इस दिसंबर में, महामारी का कारण बनने वाला कोरोना वायरस का एक नया प्रकार – जेएन.1 – दुनिया भर में लहरें पैदा कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया है. लेकिन यह नोट किया है कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कम जोखिम पैदा करता है.

साल 2020 के दिसंबर में कोविड-19 में तीन बड़े वेरिएंट देखे गए. इसमें अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351), और गामा (पी.1) शामिल था. एक साल बाद, दिसंबर 2021 में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने लॉकडाउन में ढील शुरू होने के कुछ ही महीनों बाद दुनिया को फिर से लॉकडाउन में भेज दिया.

फिर साल 2022 के दिसंबर में, जबकि कोई नया प्रमुख वेरिएंट सामने नहीं आया था, हमने बीए.2 और बीए.5 जैसे सबवेरिएंट का उदय देखा, जो सभी कोरोनवायरस की ओमिक्रॉन के भीतर वर्गीकृत हैं. और अब हमारे पास JN.1 वेरिएंट है जो ओमिक्रॉन के वंश से संबंधति है.

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