नफरत भरे भाषण की 75 प्रतिशत बौछार भाजपा शासित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुई: रिपोर्ट
50 हेट स्पीच संबंधी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भाजपा खुद जिम्मेदार थी.’ कुल मिलाकर, संघ परिवार से जुड़े संगठन ‘307 घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जो 2023 में सभी हेट स्पीच घटनाओं का लगभग 46% था’.
नई दिल्ली: भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण (Hate Speech) का दस्तावेजीकरण करने वाले अमेरिका के वाशिंगटन शहर स्थित संगठन(India Hate Lab (IHL) ‘इंडिया हेट लैब’ (India Hate Lab)द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में भारत ने मुसलमानों को लक्षित करने वाली हेट स्पीच की 668 घटनाएं दर्ज की गयी.
Advertisement
भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) की घटनाएं’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां 2023 की पहली छमाही में 255 घटनाएं हुईं, वहीं ‘वर्ष की दूसरी छमाही में यह संख्या बढ़कर 413 हो गई यानी इनमें 62% की वृद्धि’ दर्ज की गई.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 75% यानी 498 घटनाएं भाजपा शासित राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित) और दिल्ली (पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र सरकार के दायरे में आती हैं) में हुईं.
जहां 36% यानी 239 घटनाओं में ‘मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का प्रत्यक्ष आह्वान शामिल था’, 63% यानी 420 घटनाओं में कांस्पीरेसी थ्योरी (Conspiracy Theory) का संदर्भ शामिल था, जिसमें मुख्य रूप से लव जिहाद, लैंड जिहाद, हलाल जिहाद और जनसंख्या जिहाद शामिल थे’.
Advertisement
इसके अलावा लगभग 25% यानी 169 भाषणों में मुस्लिम पूजा स्थलों को निशाना बनाने का आह्वान किया गया था.
पैटर्न और रुझानों का विवरण देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हेट स्पीच की घटनाएं अगस्त से नवंबर 2023 की अवधि में चरम पर थी, जब राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले थे.
महाराष्ट्र (118), उत्तर प्रदेश (104), मध्य प्रदेश (65), राजस्थान (64), हरियाणा (48), उत्तराखंड (41), कर्नाटक (40), गुजरात (31), छत्तीसगढ़ (21) और बिहार (18) हेट स्पीच की सबसे अधिक घटनाओं के लिए शीर्ष 10 में थे.
Advertisement
भाजपा शासित राज्यों और गैर-भाजपा शासित राज्यों के बीच हेट स्पीच की घटनाओं में ‘महत्वपूर्ण मात्रात्मक अंतर’ के अलावा रिपोर्ट में भाजपा शासित और गैर-भाजपा शासित राज्यों के बीच ‘हेट स्पीच की सामग्री में भारी अंतर’ पर प्रकाश डाला गया है.
यह देखते हुए कि ‘हेट स्पीच के मामले भाजपा शासित राज्यों में अधिक प्रचलित थे’, रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हिंसा के सीधे आह्वान से जुड़ी सभी घटनाओं में से 78% घटनाएं’ भाजपा प्रशासित राज्यों और क्षेत्रों में हुईं.
इसके अलावा पूजा स्थलों को निशाना बनाने वाली सभी हेट स्पीच घटनाओं में से 78% भाजपा शासित राज्यों में दर्ज की गयी.
Advertisement
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दिलचस्प बात यह है कि हेट स्पीच की घटनाओं में गैर-भाजपा शासित राज्यों में भाजपा नेताओं के शामिल होने की अधिक संभावना है.’
यह देखते हुए कि भाजपा शासित राज्यों में केवल 10.6% कार्यक्रमों में भाजपा नेता शामिल थे, जबकि गैर-भाजपा शासित राज्यों में यह आंकड़ा बढ़कर 27.6% हो गया, रिपोर्ट में ‘यह सुझाव दिया गया है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों में पैठ बनाने का प्रयास करते समय भाजपा द्वारा हेट स्पीच की घटनाओं में शामिल होने की अधिक संभावना है’.
जहां तक इस तरह के हेट स्पीच संबंधी आयोजनों के पीछे संगठनों का सवाल है, तो 32% यानी 126 कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल द्वारा आयोजित किए गए थे.
Advertisement
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चुनावी रैलियों के संदर्भ में लगभग 50 हेट स्पीच संबंधी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भाजपा खुद जिम्मेदार थी.’ कुल मिलाकर, संघ परिवार से जुड़े संगठन ‘307 घटनाओं के लिए जिम्मेदार थे, जो 2023 में सभी हेट स्पीच घटनाओं का लगभग 46% था’.
रिपोर्ट में ‘गोरक्षा दल जैसे स्पष्ट रूप से गोरक्षा के लिए समर्पित संगठनों, जो नियमित रूप से हेट स्पीच में संलग्न हैं’ की एक हालिया प्रवृत्ति को भी चिह्नित किया गया है.
रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे ‘हेट स्पीच की घटनाओं (15%) की एक बड़ी संख्या में भाजपा से जुड़े नेताओं को प्रमुखता से दिखाया गया’, और ‘घृणास्पद भाषण के प्रचार में हिंदू धार्मिक नेताओं की भागीदारी’ को चिह्नित किया गया.
Advertisement
146 हेट स्पीच घटनाओं या 22% घटनाओं के लिए केवल पांच वक्ता जिम्मेदार थे.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भाजपा विधायक टी. राजा सिंह और नितेश राणे, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया, धुर दक्षिणपंथी प्रभावशाली काजल शिंगला, सुदर्शन न्यूज के मालिक सुरेश चव्हाणके, हिंदू धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद, कालीचरण महाराज, साध्वी सरस्वती मिश्रा, शीर्ष आठ वक्ता सर्वाधिक हेट स्पीच के लिए जिम्मेदार हैं.’
रिपोर्ट में ‘मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने के लिए’ इजरायल-गाजा युद्ध के इस्तेमाल पर भी प्रकाश डाला गया.
Advertisement
7 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच हुईं 193 हेट स्पीच की घटनाओं में से 41 यानी 21% में युद्ध का इस्तेमाल ‘भारतीय मुसलमानों के प्रति भय और शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए’ किया गया. दक्षिणपंथी नेताओं का कहना था कि मुसलमान स्वाभाविक रूप से हिंसक थे और इसलिए वे हिंदुओं के लिए ख़तरा हैं’.
रिपोर्ट में केस स्टडीज के माध्यम से ‘हेट स्पीच और हिंसा के बीच सहजीवी संबंध’ का भी दस्तावेजीकरण किया गया है, विशेष रूप से जुलाई 2023 में हरियाणा के नूंह में और जून 2023 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुई हिंसा.
रिपोर्ट इस अवलोकन के साथ समाप्त हुई कि ‘भारत के तेजी से ध्रुवीकृत सार्वजनिक क्षेत्र में नफरत के नए उद्यमी (लोग) उभर रहे हैं, जो स्थापित और अन्य नए संगठनों के साथ सहयोग कर रहे हैं, जबकि अल्पसंख्यक नफरत के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. साथ ही यथास्थिति को चुनौती देते हुए एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं और तेजी से चरम स्थिति लेकर नई जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.’
Advertisement
Advertisement