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मेरा Bihar: शर्मनाक! नेता बिरादरी मौज उड़ाए 10 साल का मासूम पिता के इलाज के लिए भीख मांगने को मजबूर 

मेरा Bihar: शर्मनाक! 10 साल का मासूम पिता के टूटे हुए पैर के ऑपरेशन के लिए ठेला खींचकर भीख मांगने को मजबूर
पटना (Patna News) से एक भावुक कर देने वाला मामला सामने आया है. पिता के टूटे हुए पैर का ऑपरेशन कराने के लिए एक 10 साल का बच्चा अपने भाई-बहन के साथ सड़कों पर भीख मांगने (Children Begging) के लिए मजबूर हो गया. गरीब दिनेश के पास पैर का ऑपरेशन कराने के लिए पैसा नहीं है, इसीलिए उसके मासूम बच्चे भीख मांग रहे हैं,ताकि उसका इलाज कराया जा सके. 10 साल का बेटा पिता को ठेले पर लिटाकर दर-दर भटक रहा है.अगर यही डिजिटल इण्डिया और ऐसा खुशहाल  बिहार है तो नहीं चाहिए ऐसा डिजिटल इंडिया और ऐसा बिहार जहाँ खद्दर धारी लोगो ने देश को मजाक बना कर रख दिया हो धिकार है ऐसी सरकार और देश के कानून पर जहाँ बईमान नेता जनता के मालिक बन बैठे हो

ठेला चलाने वाला दिनेश कुमार हड़ताली मोड़ पर झोपड़पट्टी में रहता है. उसने बताया कि 10 दिन पहले अनीसाबाद नगर निगम (Patna Nagar Nigam) की कचरा उठाने वाली गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी थी, जिसके बाद वह मौके पर ही बेहोश हो गया था. किसी ने उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया. वहां पर डॉक्टर्स ने उसके पैर में कच्चा प्लास्टर लगा दिया और कहा कि पैर में रोड डालनी होगी. जिसमें करीब 70 हजार का खर्च आएगा.
बीमार पिता को ठेले पर लिटाकर भीख मांग रहा बच्चा
दिनेश ने बताया कि उसके बच्चे उसे ठेले पर लिटाकर नगर निगम के ऑफिस भी पहुंचे. जहां उसने बताया कि कैसे नगर निगम की गाड़ी की टक्कर की वजह से उसके पैर में चोट लग गई. पीड़ित दिनेश का कहना है कि हालात देखने के बाद भी वहां के अधिकारियों ने उससे उस कचरा गाड़ी का नंबर मांगा, जिससे उसे चोट लगी थी.
‘नगर निगम की कचरा गाड़ी की टक्कर से टूटा पैर’
दिनेश ने रोते हुए कहा कि वह तो बेहोश हो गया था तो उसे नंबर नहीं पता. अब वह गाड़ी का नंबर कहां से लाएगा. उसका कहना है कि उसके पास इलाज के लिए पैसे तक नहीं है. उसके बच्चे अभी बहुत छोटे हैं, इलाज के लिए पैसे का इंतजाम नहीं कर सकते. गरीब दिनेश के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह अपना इलाज करा सके. जब कोई रास्ता नजर नहीं आया तो दिनेश के 10 साल के बेटे ने उसे ठेले पर लिटाया और भीख मांगनी शुरू कर दी. छोटे-छोटे मासूम पिता के इलाज के दिए दर-दर भटखने को मजबूर हैं, लेकिन किसी को उन पर दया नहीं आ रही है.
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