अंतिम सफर के लिए भी यह रास्ता नहीं आसान ?
स्वर्ग आश्रम और उनके रास्तों के सौंदर्य कारण को कैसी प्राथमिकता
चाहे कंधों पर आओ, चाहे साथ में आओ, एक बार तो आना ही पड़ेगा
गांव रामपुर और हेली मंडी के बीच सड़क एनओसी के झमेले में उलझी
पटौदी जाटोली मंडी परिषद से चुनाव पूर्व के वादे बरसाती पानी में डूबे
फतह सिंह उजाला
पटौदी । हरियाणा सरकार की विकास और सुविधा परक योजनाओं में स्वर्ग आश्रम अथवा शमशान घाट का सौंदर्य करण और सुविधाजनक रास्ते प्राथमिकता में शामिल रहे हैं । इस प्रकार के सरकारी बयान, नियमित अंतराल पर समाचार पत्रों में सुर्खियां बनते आ रहे हैं । लेकिन हकीकत इसके बिलकुल विपरीत दिखाई देती है। गांव हो, पालिका क्षेत्र हो, नगर परिषद का इलाका हो या फिर आधुनिक सुविधाओं वाला शहर ही क्यों ना हो। अक्सर इस प्रकार के दृश्य, जो यहां समाचार पत्र के साथ हैं, समाचार के रूप में सुर्खियां बनते आ रहे हैं।
पटौदी जाटोली मंडी परिषद के गांव रामपुर से लेकर पुराना हेली मंडी पालिका क्षेत्र के बीच का सड़क मार्ग की फाइल पुनर्निर्माण के लिए दो विभागों के बीच एनओसी के झमेले में फंसी हुई है । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व विधायक सत्य प्रकाश और भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा भी इस सड़क मार्ग का सौंदर्य करण के लिए गांव रामपुर में ही शिलापट्ट अपने कार्यकाल में लगाया जा चुका है। कथित रूप से इसकी पुनरावृत्ति कुछ दिन पहले ही मौजूदा विधायक विमला चौधरी के द्वारा भी की जा चुकी है।

इन तमाम राजनीतिक वादों के बीच किसी भी मृतक के अंतिम संस्कार के लिए रास्ते आसान नहीं हो पा रहे हैं ? स्वर्ग आश्रम अथवा शमशान घाट एक ऐसा स्थान है, जहां पर जीवन में प्रत्येक व्यक्ति के लिए आना जरूरी है। फिर वह चाहे चार कंधों पर सवार होकर आए या फिर किसी मृतक को अंतिम विदाई देने के लिए उसकी शव यात्रा में शामिल होकर पहुंचे। बहुत से ऐसे व्यक्ति भी होंगे, जो अपने जीवन में एक नहीं अनेक बार किसी भी ना किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होते रहे हैं।
राजनीतिक रूप से देखा जाए तो रामपुर गांव के ही रहने वाले पटौदी जाटोली मंडी परिषद के मौजूदा वाइस चेयरमैन अमित शर्मा है। जो की पुराना हेली मंडी नगर पालिका के क्षेत्र में नए वार्ड 6 से चुनाव जीत कर पार्षद बने हैं। अमित शर्मा वाइस चेयरमैन बनने से पहले अपने ही गांव के सरपंच भी रह चुके हैं । मौजूदा समय में गांव रामपुर भी पटौदी जाटोली मंडी परिषद में ही शामिल है और इसी गांव की ही महिला भी पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस की मेंबर भी है। मामूली सी बरसात होते ही यह पूरा सड़क मार्ग, मिट्टी के गारे-कीचड़ के अलावा टूटा फूटा होने की वजह से जी का जंजाल बना रहता है।
खास बात यह है कि इस सड़क मार्ग से कम से कम आसपास के आधा दर्जन गांव के ग्रामीणों का भी आवागमन हो रहा है । मौजूदा समय में सरकारी बाजरे की खरीद का समय चल रहा है। ऐसे में किसानों का आना-जाना भी इसी मार्ग से जी का जंजाल बना है । इसी कड़ी में गुरुग्राम – जमालपुर की तरफ जाने वाले अनेक दैनिक कामकाजी नौकरी -पेशा लोगों का भी आवागमन इसी मार्ग से होता है। पुराना हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में गांव रामपुर के साथ लगते हुए गांव से भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी वर्ग प्रतिदिन आवागमन कर रहे हैं। लेकिन बार-बार लोगों के द्वारा समस्या की तरफ ध्यान दिलवाया जाने के बाद भी सिस्टम पूरी तरह से नाकाम दिखाई दे रहा है।

आम आदमी और सामान्य व्यक्ति के आवागमन की तो बात ही अलग है। यहां तो इस सड़क मार्ग से अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले मृतक भी अपने पंच तत्व में विलीन होने से पहले एक बार सिस्टम को अवश्य कोसते होंगे ? अब सिस्टम का कौन-कौन हिस्सेदार ? इसकी व्याख्या करने की जरूरत भी नहीं । अब देखना यही है कि कितनी जल्दी और कितनी गंभीरता के साथ आम इंसान के साथ-साथ इसी मार्ग पर मौजूद स्वर्ग आश्रम अर्थात शमशान घाट तक अंतिम सफर के लिए इस सड़क मार्ग को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
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