सुबह के समय स्कूल स्टूडेंट और दैनिक कामकाजी लोगों को भारी परेशानी
सड़क किनारे अस्थाई अतिक्रमण जाम का मुख्य कारण और समस्या
बिलासपुर पटौदी और कुलाना के बीच सबसे अधिक व्यस्त सड़क मार्ग
बोहड़ाकला में ही मौजूद उत्तर भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र ओआरसी
फतह सिंह उजाला
बोहड़ाकला। जिला गुरुग्राम के साथ-साथ आरक्षित पटौदी विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा गांव बोहड़ाकला, विभिन्न कारण से चर्चा में रहा है। जो आप सोच रहे हैं, मुद्दा वह नहीं है । राजपूत बहुल कहे जाने वाले इस सबसे बड़े गांव में 1857 के शहीद ठाकुर अब्बू सिंह का सहित स्मारक मौजूद है। हरियाणा के पहले पैरामिलिट्री फोर्सेस शौर्य चक्र विजेता सीआरपीएफ के सहायक कमांडेंट जिले सिंह का मूल निवास और पूर्व सेना अध्यक्ष तथा मौजूदा समय में राज्यपाल वीके सिंह की ननिहाल इसी गांव में ही है। इसी गांव कहीं रहने वाले दो नेता अथवा व्यक्ति हरियाणा विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचे हैं। उत्तर भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र ओम शांति रिट्रीट सेंटर भी मौजूद है । एक तरफ दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे है, दूसरी तरफ गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी नेशनल हाईवे निर्माण अधीन है । इसके मध्य में से आगरा पलवल होडल बिलासपुर पटौदी कुलाना होते हुए आगे तक सड़क मार्ग है , जो की चार मार्ग बनाया जाना प्रस्तावित है।

अब बात करते हैं सबसे बड़ी और गंभीर समस्या की। इस सबसे बड़े गांव में सुबह और शाम के समय विभिन्न वजह से लगने वाला वाहनों का लंबा जाम स्कूली बच्चों से लेकर दैनिक कामकाजी लोगों के लिए तथा स्थानीय दुकानदारों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है । इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश सचिव धर्मपाल बोहडा के शब्दों में मौजूदा हालात में शासन प्रशासन तथा सिस्टम की लापरवाही से गांव से बड़ी यहां समस्याएं बड़ी होती जा रही हैं । सुबह विभिन्न शिक्षण संस्थानों में आवागमन करने वाले छात्र और उनके स्कूली वाहन जाम में फंसे रहते हैं। इसी प्रकार से पटौदी से लेकर बिलासपुर और आसपास में औद्योगिक क्षेत्र बिनोला तथा धारूहेड़ा तक आवागमन करने वाले कामकाजी लोगों के साथ-साथ उनके वहां भी यहां जाम में घंटे फंसे रहते हैं। जाम लगने का मुख्य कारण सड़क के दोनों तरफ अस्थाई रूप से अतिक्रमण कहा जा सकता है।

यही मुख्य मार्ग पर ही अस्पताल चलाने वाले एक चिकित्सक के शब्दों में कई बार रोगियों का इमरजेंसी हालात में दिखाने के लिए फोन तो आता है। लेकिन अस्पताल परिसर तक पहुंचने में ही कई बार दो-दो घंटे लग जाते हैं। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है। यदि किसी मरीज अथवा गंभीर रोगी को एंबुलेंस में दिल्ली जयपुर हाईवे होते हुए रेवाड़ी या गुरुग्राम या दिल्ली की तरफ जाना हो, मरीज सहित उसके परिजनों की क्या हालत होती होगी ? इसी मार्ग पर ही विभिन्न प्रकार के वेयरहाउस बन चुके हैं । इन वेयरहाउस में भी अनगिनत लोग अथवा मजदूर वर्ग काम करने के लिए पहुंचते हैं। यदि बात की जाए आध्यात्मिक केंद्र की तो बिलासपुर चौक से कुछ ही मिनट की दूरी पर उत्तर भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक केंद्र ओम शांति रिट्रीट सेंटर मौजूद है । यहां भी नियमित अंतराल पर राज्य केंद्र तथा विभिन्न राज्यों तथा अन्य संस्थाओं के वीआईपी का आवागमन होता रहता है। लेकिन जब सड़क मार्ग पर वाहनों का जाम लगा हो तो, सामान्य आदमी हो या फिर कोई वीआईपी या फिर किसी एंबुलेंस में गंभीर रोगी अथवा बीमार व्यक्ति, सड़क पर जाम किसी के लिए राहत प्रदान नहीं करता। स्थानीय लोगों की शासन प्रशासन सहित सिस्टम से पुरजोर मांग है कि सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में सुबह और शाम के समय यातायात सुचारू बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की नियुक्ति की जाए।
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