सर्दी के मौसम में भी क्यों और किसकी लापरवाही से पानी का बन रहा संकट
पहले की ही तरह से सभी वाटर सप्लाई बिना भेदभाव क्यों आरंभ नहीं हो रही
एक बार फिर मोबाइल पर मैसेज बादली में बिजली का फाल्ट, पानी नहीं आएगा
दिवाली के त्योहार पर बादली में दो दिन फॉल्ट होने से नहीं हुई पानी की आपूर्ति
भाजपा संगठन और सरकार ने उपलब्धि प्रचार में लगा रखी है अपनी ताकत
फतह सिंह उजाला
पटौदी /हेलीमंडी /जाटोली। यह बात समझ से बाहर और पार है ! कि आखिर ऐसी कौन से और किसके आदेश हैं ? कि आम जनता अथवा लोगों की मूल बहुत जरूरत का पानी उपलब्ध नहीं करवाया जाए। फॉल्ट कहें या तकनीकी खराबी, यह कभी भी हो सकती है । सबसे बड़ा सवाल यह है कि आपात स्थिति में और जरूरत के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाने के लिए सिस्टम के द्वारा क्या व्यवस्था बना कर रखी गई है? इसका जवाब पूरी तरह से नहीं में ही है, और नहीं में ही मिलेगा । संडे को सुबह-सुबह लोगों के मोबाइल पर एक बार फिर से मैसेज पढ़ने के लिए मिला, बादली में बिजली का फाल्ट है- इसलिए सुबह के समय पानी की आपूर्ति नहीं होगी। इसी प्रकार का ही मैसेज दीपावली के त्योहार पर भी लोगों के मोबाइल पर घूमता रहा। 2 दिन तक पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो सकेगा, बादली में बिजली का फाल्ट है। लेकिन यह बात और तर्क समझ से बाहर है कि आम जनता का क्या फाल्ट है ? जो वह जीवन की मूलभूत जरूरत पानी से पूरी तरह वंचित रहे या फिर संबंधित विभाग अथवा सिस्टम के द्वारा आपूर्ति की व्यवस्था से आंख बंद करके रखी जाए।

वर्ष 2017 में हरियाणा के पूर्व सीएम और मौजूदा समय में केंद्र में मंत्री मनोहर लाल खट्टर के द्वारा कैनाल बेस्ड पीने के पानी की आपूर्ति के प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया। इसके कुछ दिन बाद ही पानी की समस्या सामने आने लगी । लेकिन इसे बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया गया। धीरे-धीरे पहले से उपलब्ध अथवा पानी उपलब्ध करवाने वाली जलापूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग की वाटर सप्लाई भी पूरी तरह से बंद कर दी गई। पिछले कुछ महीनो से बार-बार पानी की समस्या और संकट की शिकायतें आने को देखते हुए विभाग के द्वारा कथित रूप से दबाव में ही क्षेत्र विशेष में अलग-अलग वाटर सप्लाई चालू कर दी गई। लेकिन यह भी बादली में फाल्ट होने पर जरूरत का पानी उपलब्ध करवाने में नाकाम ही साबित होती आ रही हैं। मौजूदा समय में सर्दी आरंभ हो चुकी है और ठंडक तेजी से बढ़ रही है । फिर भी आम लोगों को जरूर का और पीने का पानी कब और कैसे मिलेगा या कब नहीं मिलेगा यह सुनिश्चित ही नहीं कहा जा सकता है ?
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पुराना पटौदी नगर पालिका क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो पुराना हेली मंडी नगर पालिका इलाके में लगभग सवा दर्जन नई और पुरानी वाटर सप्लाई बताई जाती हैं। दिवाली और दिवाली से पहले पानी के संकट को देखते हुए विभाग और विभाग के अधिकारियों के सामने वाटर सप्लाई आरंभ किया जाने की पुरजोर मांग की गई । विभाग और अधिकारियों के द्वारा कथित रूप से प्रभावशाली लोगों के दबाव में कुछ वाटर सप्लाई को आरंभ कर दिया गया। लेकिन विभाग और विभाग के अधिकारियों सहित वरिष्ठ अधिकारियों का यह व्यवहार पूरी तरह से पक्षपात पूर्ण होने के साथ उनकी कार्यशैली पर भी अपने आप में एक सवाल बन गया है? ऐसा क्या और कौन सा मापदंड देखा गया कि कुछ लोगों को ही पानी की जरूरत है और कुछ लोगों को पानी की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है ? विभागीय सूत्रों के मुताबिक आपात स्थिति में पानी की आपूर्ति किया जाने के लिए हेली मंडी के ही बूस्टर स्टेशन पर विशेष रूप से एक वाटर सप्लाई चालू रखी गई है। यहां से किस-किस स्थान पर कब-कब कितने टैंकर सप्लाई किए गए ? यह भी एक रहस्य से कम नहीं। बूस्टर स्टेशन से पानी की समस्या और कैनाल बेस्ड पानी की आपूर्ति के सेंटर बादली में बार-बार अलग-अलग प्रकार की तकनीकी खराबी आना पटौदी, जटौली, हेली मंडी, टोडापुर के लोगों के लिए पानी का गंभीर संकट और समस्या बनता जा रहा है । क्षेत्र के लोगों की एक ही आवाज और एक ही मांग है कि जला पूर्ति एवं अभियांत्रिकी विभाग बिना किसी भेदभाव के अतीत की तरह ही सभी वाटर सप्लाई को जल्द से जल्द आरंभ करें। जिससे कि जीवन की मूलभूत जरूरत पानी के लिए लोगों को परेशान नहीं होना पड़े।
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