रेवाड़ी /4 दिसंबर /अटल हिन्द
हरियाणा छात्र- अभिभावक मंच ने प्रदेश में स्कूली शिक्षकों (teacher transfers)की लागू नयी ट्रांसफर पॉलिसी के तहत शिक्षकों के ट्रांसफर व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए आगामी जून माह में प्रस्तावित ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखे हैं। जल्दबाजी में बिना सोच- विचार किये शिक्षकों की ट्रांसफर शेड्यूल प्रक्रिया फिलहाल शुरू करने से प्रदेशभर के स्कूलों में अध्ययनरत लाखों विद्यार्थियों की निकटवर्ती वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियां कराने में जुटे हजारों शिक्षकों की एकाग्रता भंग होने से पढ़ाई में गंभीर बाधा पहुंचने के पूर्ण आसार हैं ।
मंच के प्रांतीय अध्यक्ष भारत भूषण एवं स्टेट कन्वीनर अभिषेक कुमार ने कहा कि इन दिनों प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई बिना किसी व्यवधान के पूरी एकाग्रता से चल रही है। बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकगण व स्कूलों के मुखिया आगामी फरवरी -मार्च माह से शुरू होने वाली वार्षिक परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों की तैयारी कराने में अति व्यस्त हैं । ऐसे में सुचारू रूप से चल रही पढ़ाई के इन दिनों में शिक्षकों की ट्रांसफर शेड्यूल प्रक्रिया जल्दबाजी में शुरू किया जाना हरियाणा के स्कूलों में पढ़ रहे लाखों विद्यार्थियों ,अध्यापन में लगे हजारों शिक्षकों सहित व्यापक जनहित में कतई नहीं होगा । उन्होंने कहा कि यदि गंभीरतापूर्वक विचार किए बिना जल्दबाजी में ट्रांसफर शेड्यूल की प्रक्रिया इन दिनों में शुरू की गयी तो बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षकों की एकाग्रता भंग होकर ट्रांसफर की हाल ही में बनाई गई नई ट्रांसफर नीति को समझने ,अपने पसंदीदा नये स्टेशन तलाशने और ट्रांसफर की लम्बी चरणबद्ध जटिल प्रक्रिया में भाग लेकर पूर्ण करने आदि में व्यस्त होने से बच्चों की पढ़ाई में अनावश्यक बाधा पहुंचाने के पूर्ण आसार हैं , जिससे निकटवर्ती वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रदेशभर के लाखों बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी और वार्षिक परीक्षा परिणामों पर भी नकारात्मक रूप से गंभीर असर पड़ सकता है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूली शिक्षकों की ट्रांसफर प्रक्रिया आगामी जून माह में प्रस्तावित ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शुरू किया जाना तर्कसंगत और जनहित में होगा ।
मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री व शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को लिखे उक्त पत्रों में हरियाणा छात्र -अभिभावक मंच ने आगे कहा कि सरकार को शिक्षा से जुड़े अपने सभी फैसले और नीतियां प्रदेश के आम विद्यार्थियों की बेहत्तरीन शिक्षा सुनिश्चित किये जाने को केंद्र में रखकर लेने चाहिए तथा अभिभावकों , शिक्षकों के न्यायसंगत सुझावों पर भी विचार करना चाहिए।


