हरियाणा नारद गैंग का शिकार बने अनिल विज
जीटी रोड ‘नारद’ गैंग : छांव देने वाले पेड़ की जड़ में ही डालते ‘मट्ठा’
– खुद के हित साधने के लिए नेताओं में डालते दरार
– जिसके साथ भी जुड़े, उसका ही करते आए नुकसान
चंडीगढ़ /अटल हिन्द
जीटी रोड ‘नारद’ गैंग, यानी पत्रकारों का वह समूह जिसमें अधिकतर हरियाणा से गुजरने वाले जीटी रोड पर रहने वाले के तौर पर गिने जाते हैं। यह ऐसा गैंग है, जो इन दिनों चंडीगढ़ में खासा सक्रिय है और जिसके साथ भी ये जुड़ते हैं, उसका ही नुकसान कर देते हैं। कई बार तो अगले का बिल्कुल ही भट्ठा बैठा देते हैं। इनकी हरकतों को देखकर कहा जा सकता है कि छाँव देने वाले पेड़ की जड़ में मट्ठा डालना इनकी आदत में शुमार हो चुका है।
नारद गैंग के सदस्यों का ताजा शिकार कैबिनेट मंत्री अनिल विज बने हैं। 2014 में भाजपा सरकार बनने के साथ ही कैबिनेट मंत्री बने अनिल विज को उनके ये दरबारी बनकर सुपर सीएम बताने लगे। पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भड़काते रहे, फिर मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के खिलाफ रखने की कोशिशों में जुट गए। मुख्यमंत्री के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर के साथ अनिल विज का जो विवाद हुआ, उसमें भी इस गैंग की ही प्रमुख भूमिका रही। पहले विज को भड़काया, फिर खुल्लर के पास जाकर चापलूसी कर दी। चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सिविल सचिवालय के फोर्थ फ्लोर के सीसीटीवी कैमरे तुरंत बता सकते हैं कि विज का दरबारी बनने वाला यह गैंग कितनी ही बार खुल्लर के पास भी गया।
दरअसल, यह सभी सूत्रधार हैं। दो लोगों को लड़ाना। उन्हें आपस में भड़काना। एक तरफ कुछ हवा देना, दूसरी तरफ जाकर फिर कुछ तेल छिड़कने को प्रेरित करना इनकी आदत में शुमार है। इसकी बात उधर, उसकी बात इधर पहुंचाने ही इन्हें पूरी महारत हासिल है। उदाहरण के तौर पर इनमें से एक बुराई करना शुरू करेगा, दूसरा उसमें तेल भरना शुरू कर देगा। जिसके सामने बैठे हैं, उसकी प्रशंसा इतनी कर देंगे, कि कई बार इतने गुण तो उनको स्वयं भी पता नहीं होते। फिर संबंधित के कार्यालय से बाहर निकलेंगे तो उसे गाली देते हुए आपस में खूब हंसेंगे।
ताजा मामला विज वर्सेस नायब-बड़ौली का है। इस मामले में जीटी रोड नारद गैंग ने मोहन लाल बड़ौली के खिलाफ अनिल विज को खूब भड़काया, बयान भी दिलवाया। लेकिन, अब यही मिलकर मोहन लाल बड़ौली को ही पाक-साफ साबित करने में स्याही खर्च कर रहे हैं। इनकी लिखी स्टोरी कोई पढ़ ले, तो यकीन हो जाएगा कि रॉकी मित्तल तो वास्तव में संत ही है। रॉकी ही वह संत है, जिन्होंने मोहन लाल बड़ौली को भंवर जाल से निकाला। अब कोई इनसे पूछे कि फिर बड़ौली को फंसाया किसने? तो इसका शायद ही इनमें से कोई जवाब दे पाए। दरअसल, जिस थाली में ये खाते हैं, उसी में सिर्फ छेद ही नहीं करते, बल्कि छेद करने के बाद थाली को साथ ही उठा ले जाते हैं। जब से अनिल विज को नोटिस जारी होने का मामला सामने आया, ये तुरंत ही उनके दरबार से गायब हो गए और विज को नोटिस मिलने की लंबी-चौड़ी खबर भी इन्होंने ही छापी।
गैंग का पहला निशाना बने थे विनोद शर्मा
नारद गैंग वालों की कुंडली खंगालने पर पता चला कि इनका पहला शिकार बने थे, उस समय लगातार तरक्की को अग्रसर हो रहे विनोद शर्मा। विनोद शर्मा को सुपर सीएम बताने लगे, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ जब तक विनोद शर्मा का 36 का आंकड़ा नहीं हो गया, तब तक तल्लीनता से जुटे रहे। अलग पार्टी तक बनवा दी। करीब एक दशक तक विनोद शर्मा राजनीतिक तौर पर हाशिये पर चले गए। लेकिन, अंबाला से अपनी जड़ें शुरू करने वाले नारद गैंग के सदस्य योजनाबद्ध तरीके से चंडीगढ़ पहुंच गए। बाद में कार्तिकेय शर्मा अपने परिवार की अगली पीढ़ी के तौर पर राजनीति में स्थापित होने लगे तो इन्होंने उन पर भी डोरे डालने शुरू कर दिए, लेकिन उनके सामने इनकी एक न चली। कार्तिकेय ने ऐसा झटका, कि ये अत्यंत करीब जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
सुभाष सुधा को हरवा कर ही लिया दम
नायब पार्ट-1 में अनिल विज मंत्री नहीं बने तो इस नारद गैंग ने सुभाष सुधा को अपने जाल में जकड़ लिया। एक तरह से सुधा के ठेकेदार ही बन गए। सुधा को इतना चढ़ा दिया कि विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। विज मंत्री नहीं थे तो वे अक्सर विधानसभा में कमेटियों की बैठक में शिरकत करने जरूर जाते थे, तब वे उपाध्यक्ष के कमरे में बैठते थे। उनके सामने ये गैंग वाले कभी-कभार ही हाजिरी मारने जाते थे। अन्यथा, अक्सर सचिवालय में बतियाते सुनाई देते थे कि विज अब मंत्री नहीं रहे, कहीं और पैर जमाने होंगे। तब इन्होंने सुधा पर डोरे डालने की शुरुआत की थी।
बीजेपी के सत्ता में आते ही बने ‘कच्छाधारी’
2014 में हरियाणा में बीजेपी सत्ता में आई तो नारद गैंग वाले खुद को कच्छाधारी बताने लगे। कहने लगे कि कच्छा पहन कर खूब आरएसएस की शाखाएं अटेंड की हैं। अचानक से स्वयं सेवक बन गए। बीजेपी नेताओं को तो गाहे-बगाहे खूब कहते हैं कि हम तो स्वयं सेवक हैं, हमारी जड़ें आरएसएस से हैं।
विज के बाद अगला ठिकाना गोयल
अनिल विज को बड़े विवाद में उलझाने के बाद अब इन्होंने अगले ठिकाने के तौर पर कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। कुछ हद तक विपुल गोयल को झांसे में लेने में कामयाब भी हो चुके हैं। ऐसे में अगर विपुल गोयल जल्द नहीं संभले और इनके चंगुल से बाहर नहीं निकले तो फिर आने वाले समय में पूर्व की भांति उनका भी नुकसान करवा कर ही दम लेंगे।
नरबीर, अरविंद के यहां हुए विफल
जीटी रोड नारद गैंग ने पहले कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा पर डोरे डाल लिए थे, लेकिन उन्हें उतने मलाईदार विभाग ही नहीं मिले, जितनी उम्मीद थी। इसलिए ये वहां से धीरे-धीरे खिसकने शुरू हो गए। फिर इन्होंने अच्छे विभागों वाले कैबिनेट मंत्री राव नरबीर को झांसे में लेने की कोशिश की, लेकिन मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी की तरह राव नरबीर इनके चंगुल में नहीं फंसे। इन्हें भाव तक नहीं दिया।
– अजय दीप लाठर, लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं।
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