जिसका कर दिया गया था अंतिम संस्कार, वही घर पर मौजूद मिला !
बेटों के द्वारा ही शव देखने के बाद ही की गई थी मृतक की पहचान
अस्थियां विसर्जन के लिए जाते समय मिली सूचना के बाद हो गया चमत्कार
पूजन को देखकर धर्मपत्नी लक्ष्मिनिया एकदम हक्का-बक्का रह गईं
जब संदीप और अमन वापस आए, पिता को बिस्तर पर बैठे देख रोने लगे
मृत मान परिजनो ने जिसका अंतिम संस्कार किया वह दो दिन बाद जिंदा मिला
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । यह कोई काल्पनिक घटना नहीं। कोई फिल्मी पटकथा नहीं । किसी टीवी सीरियल का या नाटक का एपिसोड भी नहीं। वास्तव में जो कुछ हुआ या घटना घटी । वह किसी चमत्कार से कम नहीं मानी जा रही। क्या ऐसा संभव है जिस व्यक्ति की पहचान कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाए और इसके दो दिन बाद वही व्यक्ति परिजनों या परिचितों को सही सलामत घर पर मिले ! ऐसा अक्सर अभी तक टीवी सीरियल के एपिसोड या फिर फिल्मी पर्दे पर ही देखने के लिए मिलता रहा है। इस प्रकार की चमत्कारिक घटना साइबर सिटी, आईटी और मेडिकल हब के साथ-साथ विश्व विख्यात गुरुग्राम में ही घटित होना सामने आया है।
यह खबर की ऐसी थी कि इस खबर से परिजन सदमे और दुख में डूब गये और पूजन की पत्नी लक्ष्मिनिया तो अपना सुधबुध ही खो बैठी। अंतिम संस्कार के दिन पड़ोसी और रिश्तेदार इकट्ठा हुए और राम बाग श्मशान घाट पर पूजन का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। उनके बेटों ने अंतिम संस्कार किया और यहां तक कि अंतिम संस्कार के उपरांत यमुना में अस्थियां विसर्जित करने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हो लिए, लेकिन बीच अचानक रास्ते में ही उन्हें एक फ़ोन आया। रास्ते में ही मामा, राहुल प्रसाद, ने पूजन को खांडसा के एक लेबर चौक पर जिंदा देख लिया। पहले तो राहुल को लगा कि उन्हें भ्रम हो रहा या फिर नजरे धोखा खा रही है है। वह ऑटो-रिक्शा से उतरे और महसूस किया कि यह वास्तव में उनके जीजा ही थे। राहुल ने उन्हें कलाई से पकड़कर ऑटो में खींचा और तुरंत घर ले गए। जब संदीप और उसके बड़े भाई अमन वापस आए, तो उन्होंने अपने पिता को शांति से बिस्तर पर बैठे पाया। वे दोनों फूट-फूटकर रोने लगे। पूजन को देखकर धर्मपत्नी लक्ष्मिनिया एकदम हक्का-बक्का रह गईं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लक्ष्मिनिया के हवाले से कहां गया, “मुझे लगा कि मुझे भ्रम हो रहा है और बेहोश हो गई। जब वह उठी और पता चला कि वे( पति )जिंदा हैं, तो मैं फिर से रोने लगी।” एक शख्स को मृत मानकर परिवार वालों ने जिसका अंतिम संस्कार तक कर दिया,लेकिन दो दिन बाद वही शख्स जिंदा उनके सामने खड़ा था। शख्स को सकुशल देख उसके रिश्तेदार भी हैरान रह गए। 47 वर्षीय जिस व्यक्ति की पहचान पूजन प्रसाद के रूप में हुई है, जो गुरुग्राम के सेक्टर-36, मोहम्मदपुर झारसा में अपनी पत्नी और तीन बेटों के साथ रहता है।
बेटे के द्वारा ही शव की पहचान के बाद की गई पुष्टि
पूजन एक लेबर कॉन्ट्रैक्टर है और अगस्त के आखिरी दिनों में कई दिनों के लिए लापता हो गया था। इसके बाद उसके परिवार ने 1 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसी बीच, पुलिस ने पूजन के बेटे संदीप कुमार को एक शव के बारे में बताया, जो उन्हें 28 अगस्त को एक पास के इलाके में मिला था। यह जगह पूजन के घर से सिर्फ 1.5 किमी दूर थी। सरकारी मुर्दाघर में पुलिस ने जब संदीप को वह शव दिखाया तो उसने उसमें समानताएं होने की बात कही। बेटे को विश्वास हो गया कि यह शव उनके पिता का ही है। उसे कहा कि उनकी दाहिनी टांग पर चोट का निशान था। संयोग से, शव ने भी वैसी ही शर्ट और पैंट पहनी हुई थी जैसी मेरे पिताजी पहनते थे। पर मुझे यकीन तब हुआ जब मैंने उनके दाहिने पैर पर चोट का निशान देखा, जो मेरे पिता की चोट के समान था। कुमार ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि यह उसके पिता ही थे और उसने अपने परिवार को भी इस बारे में जानकारी दी। पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई कि शव की बेरहमी से हत्या की गई थी। उसका सिर धड़ से अलग था और शरीर को जानवरों ने नोच-नोच कर खराब कर दिया था।
जिंदा देखकर मुझे दूसरी जिंदगी मिल गई है
पड़ोसी भी उतने ही हैरान- परेशान थे। नजदीक में ही रहने वाले अवनिश शर्मा के मुताबिक, “यह समझने में की काफी समय लग गया कि क्या हुआ था, क्योंकि शव का अंतिम संस्कार होते हुए देखा था।” उनकी पत्नी लक्ष्मिनिया, जो पूजन के शराब पीने और लंबे समय तक घर से बाहर रहने की आदी थीं, उन्होंने स्वीकार किया कि इस घटना ने उन्हें बुरी तरह से हिला कर रख दिया । उन्होंने कहा, “भले ही वे मुझे परेशान करते थे, फिर भी वे मेरे सुहाग थे। मुझे लगा था कि मैं उन्हें हमेशा के लिए खो चुकी हूं। उन्हें जिंदा देखकर मुझे दूसरी जिंदगी मिल गई है।”
शव की जांच के बाद ही रहस्य से हटेगा पर्दा
पुलिस भी इतनी ही हैरान थी और तुरंत परिवार के घर पहुंची। पूजन ने बताया कि वह कई दिनों से इधर-उधर भटक रहा था, चौराहों और निर्माण स्थलों पर सो रहा था और इतना नशे में था कि उसे घर लौटने की सुध ही नहीं थी। उसकी कहानी सही निकली। इस खुलासे ने जांचकर्ताओं को फिर से शुरुआत पर ला खड़ा किया,क्योंकि एक व्यक्ति की हत्या हुई थी और उसका सिर काटा गया था। शव की पहचान स्थापित करने के लिए अब पोस्टमार्टम के दौरान लिए गए डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी, संदीप तूरन ने कहा, “एक बार जब मृतक की पहचान हो जाती है, तो हत्या का मामला सुलझाने में समय नहीं लगता। लेकिन जब पहचान में देरी होती है, तो जांच में भी देर होती है।” गुरुग्राम पुलिस ने तब से सेक्टर-37 पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा, “प्रक्रिया के अनुसार, शव के डीएनए सैंपल को मिलान के लिए सुरक्षित रखा गया था, जिसका उपयोग पुलिस द्वारा मृतक व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के बाद किया जाएगा। जांच जारी है और मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।”
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