कैथल/राजकुमार अग्रवाल/अटल हिन्द
. कैथल पुलिस तो अय्याशी का अड्डा चलाने वाली कोठेबाज निकली वैसे पुलिस यूँ ही बदनाम नहीं है जहाँ आग लगी होती है धुंआ वही उठता है यह कहावत जगजाहिर है। भारत में पुलिस किसी भी राज्य की हो हमेशा वर्दी को कलकिंत करती रही है निर्दोषों और मारना ,गुनहगारों को पनहा देना ,गुंडागर्दी करना,कानून से खिलवाड़ कर किसी भी निर्दोष को जबरदस्ती घर से उठा कर अधमरा कर देना ,हवालात में हवालाती को मार देना ,आम बात है। और हरियाणा पुलिस तो अपने घटिया कुकर्मों की वजह से हमेशा बदनाम रही है छोटे से संतरी से लेकर बड़े बड़े पुलिस उच्चाधिकारी वर्दी को दागदार करते रहे है चकला चलाना तो कोई बड़ी बात नहीं है वैसे भी हरियाणा पुलिस कर्मी तन्खा के लिए काम नहीं करते क्योंकि जितनी तन्खा महीने में मिलती है उतनी रकम एक सिपाही एक दिन में कमा लेता है अगर विश्वास नहीं तो निष्पक्ष जाँच करवा कर देख लीजिये हरियाणा पुलिस है हर सिपाही करोड़पति और उच्चाधिकारी अरबोंपति निकलेंगे।
खैर पैसा सबका माईबाप है इसमें कैथल पुलिस का क्या कसूर आखिर चकला ही तो चला रही थी कांस्टेबल नीतू और ईएसआई जगभान तो मोहरा मात्र है इस पुलिस की अय्यासी के धंधे में कई सफेदपोश भी शामिल बताये जा रहे है जो नीतू और जगभान को सरंक्षण दे रहे थे ?
खैर कैथल में पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल नीतू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उसके साथ ड्यूटी करने वाला एएसआई जगभान को पुलिस तलाश रही है. दोनों पर एक नाबालिग लड़की के साथ रेप और देह व्यापार मामले में कार्रवाई की गई . दोनों पुलिसकर्मियों पर पैसे लेकर देह व्यापार गिरोह को संरक्षण देने का आरोप है. मामले की जांच डीएसपी गुरविंदर ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. डीएसपी ने यह भी कहा कि जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है की फरवरी में 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने कैथल सिटी थाने में दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में प्रदीप और बलिंद्र पर रेप-देह व्यापार में धकेलने का आरोप लगाया. पुलिस ने दोनों आरोपियों से जब पूछताछ की तो सामने आया कि प्रदीप और बलिंद्र एक संगठित गिरोह बनाकर महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेलता था.गिरोह को सिविल लाइन थाने में तैनात एएसआई जगभान और हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने भी संरक्षण दिया था. इसके बदले दोनों ने पैसे लिए थे. हेड कांस्टेबल नीतू की संलिप्तता और पैसों के लेन-देन की पुष्टि हो गई. ऐसे में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने जेल भेज दिया.अगर कैथल पुलिस ईमानदारी से जाँच करे( जिसकी उम्मीद बहुत कम है) तो नीतू और जगभान के अलावा कुछ सफेदपोश चेहरों से भी नकाब उत्तर सकता है।
प्रशासन पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग
मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। अब पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है और मामले में आरोपियों को सजा दिलाकर पीड़िता को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता बन गई है
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