हरियाणा पुलिस को गुप्तांग बहुत पसंद आ रहे है ,क्यों नहीं अपराधी पुलिस कर्मियों के गुप्तांगों में डंडा घुसाया जाए?
थाने में युवक की पिटाई, निर्वस्त्र कर गुप्तांग में डंडा डालने का आरोप
कुरुक्षेत्र/6 अगस्त/अटल हिन्द ब्यूरो
हरियाणा और यूपी में आये दिन पुलिसिया अत्याचार की खबरें अख़बारों की सुर्खियां बनती है लेकिन ना तो हरियाणा और ना ही यूपी सरकार आम जनता पर हो रहे पुलिसया उत्पीड़न को रोक रही दोनों राज्य में बीजेपी सत्तारूढ़ है। अदालते भी खामोश और अंधी बनी हुई है आम आदमी न्याय मांगे तो किससे जब रक्षक ही भक्षक बन जाये। जनता उग्र होकर नारेबाजी पुलिस और सरकार के खिलाफ आंदोलन करती है तो सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी ठहराया जाता है लेकिन अपराधी पुलिस कर्मीयों को कोई सजा क्यों नहीं दी जाती क्या सरकारें जानबूझ कर आम आदमी को पुलिस उत्पीड़न का शिकार करवा रही है ताकि आम जनता की आवाज दबाई जा सके
अगर आम आदमी का उत्पीड़न और आम जनता पर पुलिसिया अत्याचार इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जनता का आक्रोश पुलिस पर भारी पड़ेगा कहीं ऐसा ना हो जनता पुलिस अपराधी कर्मियों के गुप्तांगो को पसंद करना शुरू कर दे फिर कहाँ जाएंगे ऐसे अपराधी पुलिस कर्मी और इन अपराधियों को सरंक्षण देने वाले कथित नेता ?
प्राप्त जानकारी अनुसार इस्माइलाबाद के निकटवर्ती गांव की रहने वाली महिला ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि 30 जुलाई की रात को उनकी गली में कुत्ते भौंक रहे थे। शोर सुनकर उसके पति ने बाहर आकर कुत्तों को भगाने के लिए छोटा पत्थर उठाकर मारा। पत्थर से उसके पड़ोसी के घर की खिड़की का शीशा टूट गया था। विवाद होने पर उसके पति ने पड़ोसी से माफी भी मांगी थी, मगर पड़ोसी ने पुलिस को बुला लिया। पड़ोसी की शिकायत पर डायल-112 की पुलिस टीम गांव में पहुंची थी और उसके पति को घसीटते हुए गाड़ी में बैठाने की बजाय गिरा दिया।
महिला ने आरोप लगाया कि, पुलिसकर्मी उसके पति को मारते-पीटते हुए थाने में ले गए। जहां उसके पति को नंगा कर दिया और हाथ-पैर पीछे बांधकर डंडे व पट्टे बरसाने लगे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने उसके पति के प्राइवेट पार्ट में डंडा डाल दिया। ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से उसका पति बेहोश हो गया। फिर आरोपी पुलिसकर्मी उसके पति को सरकारी अस्पताल पिहोवा में मेडिकल करवाने के लिए लेकर आए। यहां उन्होंने उसके पति को डॉक्टर को बताने पर नहर में डुबोकर जान से मारने की धमकी दी। दोबारा आरोपी उसके पति को थाने में ले आए और फिर उसके पति को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने उसके पति से खाली कागजों पर साइन भी करवाए।
सुबह वह अपने पति को लेने थाने पहुंची तो उसके पति से चला भी नहीं जा रहा था। मारपीट की वजह से उसके पति की बांह भी टूट गई। थाने से आते हुए आरोपियों ने शिकायत देने पर फिर से धमकाया । घर आने के बाद उसके पति ने उसे पूरी बात बताई, जिसके बाद उसने 3 अगस्त को अपने पति का मेडिकल करवाया। हालांकि 3-4 दिन बाद डॉक्टरों ने मेडिकल करने से इनकार कर दिया था, लेकिन एफिडेविट देने के बाद डॉक्टरों ने उसके पति का मेडिकल किया। फिलहाल उसके पति का कुरुक्षेत्र के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है।
थाना इस्माइलाबाद के एसएचओ राजेश कुमार ने इस घटना से इनकार किया है। हंगामे की सूचना पर डायल-112 गांव में गई थी। हंगामा करने वाले आरोपी को साथ लेकर थाने में आई थी। यहां आरोपी के खिलाफ बीएनएस 172 के तहत कार्रवाई की गई थी।
इसके अगले दिन शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच समझौता हो गया था। उसी दिन पुलिस ने उसे उसके परिजनों को सौंप दिया था। मारपीट और प्राइवेट पार्ट में डंडा डालने के सवाल पर एसएचओ ने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। ये आरोप गलत हैं।राजेश कुमार ने बताया कि 30 जुलाई को पुलिस की टीम ने आरोपी को हिरासत में लिया था। उसके 5 दिन बाद शिकायत दी गई। इस दौरान भी उसके साथ कोई हादसा या चोट लग भी सकती है। हालांकि ये जांच का विषय है। अब शिकायत दी गई है तो उसकी जांच भी की जाएगी।
-----------------------
आप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं।
हमें आप जैसे पाठक चाहिए।
स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।
Post Views: 241