इलेक्शन की टेंशन
… “मुद्दे जो” कि निकाय चुनाव में “मुद्दे ही नहीं” बनाए जा रहे
पटौदी और मानेसर को जिला बनाने का मुद्दा चुनावी शोर में दम तोड़ गया
गांवों में कच्चे जोहड़ों के सौंदर्यकरण की चर्चा भी नहीं हो रही
एमएलए स्कूल जाटोली के सरकारी करण का मामला भी ठंडा
मानेसर क्षेत्र का 1180 एकड़ का मामला भी चुनावी मुद्दा नहीं बना
फतह सिंह उजाला
मानेसर / पटौदी । निकाय चुनाव (Municipal Council Election Haryana)में केवल और केवल मुद्दा है, तो यह है कि सामने वाला हार जाए और फूलों के हार मेरे गले में डलें। लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में तथा निकाय चुनाव से पहले गर्म रहने वाले मुद्दे अब निकाय चुनाव में कोई मुद्दे नहीं रह गए हैं। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के द्वारा पटौदी जाटोली मंडी परिषद के अध्यक्ष के लिए अपने सिंबल पर उम्मीदवार उतारे गए । दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा ने पार्षद के लिए भी सिंबल पर ही अपने समर्थक कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में भेजा हुआ है। दोनों ही पार्टी के उम्मीदवार और समर्थक चुनाव में अपने-अपने हिसाब से वादे कर रहे हैं । लेकिन गंभीर मुद्दों को पूरी तरह से नजर अंदाज किया हुआ देखा जा रहा है । औद्योगिक क्षेत्र का केंद्र मानेसर नगर निगम में शामिल विभिन्न गांव से संबंधित 1180 एकड़ जमीन का मामला चुनाव में मुद्दा नहीं बन सका है।
मानेसर और पटौदी को जिला बनाने का मुद्दा चुनावी शोर में और नेताओं की भीड़ के बीच में दम तोड़ते हुए कहीं गुम हो गया है। कुछ समय पहले तक मानेसर तथा पटौदी को जिला बनाने का मामला चर्चा में बना रहा। मानेसर निगम क्षेत्र के लोगों के द्वारा भी अपने पक्ष में पंचायत की गई । दूसरी तरफ पटौदी सब डिवीजन क्षेत्र के लोगों के द्वारा महापंचायत और पंचायत करते हुए ज्ञापन भी सौंप गए। इतना ही नहीं पटौदी के पूर्व विधायक और भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सत्य प्रकाश एवं पटौदी की विधायक विमला चौधरी के द्वारा भी व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के सीएम नायब सैनी से लेकर केंद्र में मंत्री मनोहर लाल खट्टर के समक्ष भी पैरवी की गई । मामला केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्र के सांसद राव इंद्रजीत के संज्ञान में भी लाया गया। मानेसर नगर निगम और पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुनाव में पटौदी को जिला बनाने का मुद्दा दम तोड़ गया। इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं, नगर निगम हाउस और पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस सहित निर्वाचित अध्यक्ष और सदस्यों का भी एक अपना ही अलग महत्व बनेगा। हाउस में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास होने के बाद सरकार पर भी दबाब बनने से इनकार नहीं किया जा सकता। पटौदी को जिला बनाने का समर्थन जुटाने लिए जहां गांव-गांव पंचायत के प्रस्ताव मांगे गए। मानेसर निगम क्षेत्र सहित पटौदी जाटोली मंडी परिषद के गांव में अब केवल अपनी जीत को प्राथमिकता देते हुए प्रचार हो रहा है।
इसी प्रकार से गांव में कच्चे जोहड़ों के सौंदर्य करण कि कहीं भी चर्चा नहीं हो रही । देहात अथवा गांव के रहने वाले चुनाव में जीत के लिए विभिन्न प्रकार के वादे कर रहे हैं । अधिकांश गांव में जोहड़ सुखे और कच्चे हैं । जोहड़ों की तार फेंसिंग सहित इनकी चार दिवारी की भी जरूरत महसूस की जा रही है । सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इन सभी जोहड़ों में मछली पालन का कार्य रोजगार सहित इनकम का माध्यम बनना भी निश्चित है। नगर निगम और नगर परिषद के द्वारा ठेके पर जोहड़ दिए जाने के बाद निकाय की सरकार की भी इनकम होनी निश्चित है । गांव में जोहड़ों को पानी से लबालब भरने के बाद संबंधित गांव का भूजल स्तर भी सुधार में आएगा। इसी कड़ी में पटौदी क्षेत्र के 100 वर्ष से अधिक पुराने शिक्षण संस्थान एमएलए स्कूल जाटोली के सरकारी करण का मामला भी चुनावी शोर में दब गया है। भाजपा के द्वारा जाटोली के ही रहने वाले प्रवीण ठाकरिया को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया गया है। भाजपा के सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं । चुनाव में जहां जीत को जाटोली गांव की प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया गया है । इसी प्रकार से एमएलए स्कूल जाटोली के सरकारी के लिए किसी भी प्रकार का वायदा नहीं किया जा रहा । यह बात भी ध्यान देने लायक है कि स्कूल के अथवा संस्थान के सरकारी कारण किया जाने को लेकर कई दौर की बैठक और पंचायत भी हो चुकी है। बहरहाल चुनाव कोई भी हो, वादे किए जाते हैं और इन वादों को पूरा करने के लिए वादे करते हुए फिर समय की मांग, समय पर सभी के सामने की जाती है।
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