नरवाना के गांव जाजनवाला का जवान जेएंडके में शहीद,
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर जाजनवाला गांव पहुंचा था।
2 साल पहले शादी, 7 माह की बेटी, चचेरे भाई से कहा था- तिरंगे में लिपटकर ही लौटूंगा
नरवाना, 4 नवंबर (नरेन्द्र जेठी)
नरवाना के गांव जाजनवाला के रहने वाले जवान अमरजीत नैन जम्मू-कश्मीर के पुंछ में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। अमरजीत नैन का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दोपहर बाद उनका पार्थिव शरीर जाजनवाला गांव पहुंचा था। उनकी ड्यूटी जम्मू-कश्मीर के पुंछ में थी। आर्मी की ओर से सोमवार की दोपहर को परिवार को यह जानकारी दी गई कि अमरजीत सर्विस राइफल की सफाई कर रहे थे। इसी दौरान गोली चल गई, जिसमें वे घायल हो गए। गोली चलने की आवाज सुनते ही कैंप में अफरा-तफरी मच गई और साथी जवान तुरंत मौके पर पहुंचे। सैन्य कर्मी उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बेटे के शदीद होने की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड गई। परिवार के मुताबिक, मूल रूप से गांव जाजनवाला के रहने वाले अमरजीत दस साल पहले आर्मी में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के पुंछ में थे। दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उनकी 7 महीने की बेटी है। ताऊ के बेटे टेकराम ने बताया कि अमरजीत कहा करता था, जब भी लौटूंगा, तिरंगे में लिपट कर ही आऊंगा। यह बात बताते हुए टेकराम भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि अमरजीत का आज दोपहर 3 बजे पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव जाजनवाला से एक साल में यह दूसरी शहादत है। इससे पहले जवान प्रदीप नैन कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड में शहीद हो गए थे। एनसीसी कैडर से 10 साल पहले आर्मी में भर्ती हुए परिवार के मुताबिक, अमरजीत का जन्म 11 मार्च 1996 को हुआ था। 12वीं पास करके आईटीआई की। करीब दस साल पहले 23 सितंबर 2015 को आर्मी में भर्ती हुए।

एनसीसी कैडर से आर्मी में लगे थे। वे 7 जाट बटालियन में पोस्ट नायक के पद पर तैनात थे। साल से पूंछ में तैनात थे। पिता किसान, परिवार में सबसे छोटे थे, अमरजीत के पिता रमेश कुमार खेतीबाडी करते हैं। उनके दो भाई और एक बहन है। बडा भाई बलिंद्र प्राइवेट अस्पताल जॉब करता है। सबसे बडी बहन कविता है, जिसकी शादी हो चुकी है। उनके पति रामदिया भी आर्मी में है। इसके बाद बलिंद्र दूसरे नंबर के भाई है। अमरजीत सबसे छोटे थे। परिवार के मुताबिक, अमरजीत की 2 साल पहले ही शादी हुई थी। उनकी पत्नी प्रियंका हिसार के नहला गांव की रहने वाली है। वे गृहिणी है। सात महीने पहले ही अमरजीत बेटी के पिता बने थे। करीब एक माह पहले वे केवल एक दिन के लिए घर आए थे। बताया था कि दिल्ली से आर्मी की डाक लेने आए थे, थोडा समय मिला तो घर आ गए।
परिवार के मुताबिक, दो दिन पहले अमरजीत से बात हुई थी। कॉल आर्मी के नंबर से आया था। इसमें अमरजीत सभी परिजनों का हालचाल जाना था। इसके बाद बताया था कि मोबाइल जमा हो जाएंगे, अब दो दिन बाद बात करेंगे। मगर, सोमवार को उनके शहीद होने की खबर आई। ताऊ के बेटे टेकराम ने बताया कि अमरजीत जब भी गांव आता, आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे लडकों को गाइड करता था। सोमवार की दोपहर एक बजे बडे भाई बलिंद्र के पास फोन आया था। आर्मी वालों ने बताया कि खुद के हथियार की सफाई करते हुए गोली चली, जिसमें घायल हो गया। अस्पताल में उपचार के दौरान अमरजीत की मौत हो गई।
गांव जाजनवाला का यह दूसरा जवान है, जिसने देश की रक्षा में प्राण न्योछावर किए हैं। इससे पहले 8 जुलाई 2024 को इसी गांव के जवान प्रदीप नैन कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे। अब अमरजीत नैन की शहादत से गांव एक बार फिर मातम में डूब गया है।
शहीद अमरजीत नैन के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी और सेना के जवान शामिल हुए। ग्रामीणों का कहना है कि यहां के जवानों ने अपने साहस और समर्पण से पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है।


