श्रीनगर(पहलगाम )अटल हिन्द/एजेंसी
केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में शांति के दावों को चुनौती देते हुए आतंकियों ने मंगलवार को पहलगाम में पर्यटकों पर भीषण हमला किया, जिसमें 27 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इनमें तीन विदेशी शामिल हैं.यह घातक हमला, जो जम्मू-कश्मीर में नाजुक सुरक्षा स्थिति को उजागर करता है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा बलों की तैयारियों की समीक्षा करने के बमुश्किल एक पखवाड़े बाद हुआ है.इस हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है. माना जाता है कि यह संगठन पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग है.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को दोपहर करीब 2:50 बजे बैसरन घाटी (जो अपने घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है) में गोलियों की आवाज सुनी गई.

अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी घास के मैदान में घुस आए और उन्होंने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, घोड़े की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि गोलीबारी के बाद मदद के लिए चीख-पुकार सुनी जा रही थी, जबकि बेजान शव खून से लथपथ पड़े थे. कुछ लोगों का कहना है कि हमलावरों की संख्या पांच थी. एक महिला ने बताया कि आतंकवादियों ने पीड़ितों को गोली मारने से पहले उनका नाम पूछा.
गौरतलब है की भारत पर हुए इस भयानक आंतकी हमले के समय बीजेपी नेता महामानव सउदी अरब में मन की इच्छा पूरी कर रहे थे और उनके ख़ास दोस्त के सहयोगी उपराष्ट्रपति वेंस, भारतीय मूल की द्वितीय महिला उषा वेंस और उनके तीन बच्चे – बेटे इवान, विवेक और बेटी मीराबेल – सोमवार को दिल्ली पहुंचे थेख़बरों के मुताबिक, अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं और वे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.


भारत पर बड़ा आंतकी हमला पहलगाम जम्मू कश्मीर
हमले में मारे गए विदेशियों की राष्ट्रीयता तथा अन्य मृतकों की पहचान पहचान अब तक मालूम नहीं चल सकी है, पर बताया गया है कि हताहतों में से कुछ महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात और कर्नाटक से हैं. इस खबर के लिखे जाने के समय तक हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. एनएनआई मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है.हमले के बाद इलाके में सेना की मदद से घेराबंदी और तलाशी अभियान भी चलाया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों का पता लगाने के लिए इलाके के ऊपर हेलीकॉप्टर मंडराते देखे गए.
द रेजिस्टेंस फ्रंट संगठन (The Resistance Front Organization)ने एक बयान में इस हमले को भारत के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में कथित ‘जनसांख्यिकीय परिवर्तन’ का बदला बताते हुए उचित ठहराने की कोशिश की है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाल ही में हुए इस खुलासे का जिक्र करते हुए कि पिछले दो वर्षों में जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय लोगों को 83,742 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, संगठन ने कहा कि वे (गैर-स्थानीय लोग) ‘सैलानी के रूप में आते हैं, डोमिसाइल लेते हैं और फिर ऐसा बर्ताव करना शुरू कर देते हैं जैसे कि वे जमीन के मालिक हैं.’सोशल मीडिया पर प्रसारित टीआरएफ के बयान में कहा गया, ‘नतीजन, (जम्मू-कश्मीर में) अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हिंसा की जाएगी.’(अटल हिन्द इस बयान की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.)

इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह हमला ‘हाल के सालों में आम नागरिकों पर हुए किसी भी हमले से कहीं ज्यादा बड़ा था. ‘ , पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष तारिक कर्रा, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना और अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी हमले की निंदा की है.
सोशल मीडिया पर सामने आए कुछ वीडियो
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो के अनुसार, एक युवती को रोते हुए यह कहते हुए देखा जा सकता है, ‘मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी, तभी एक आदमी आया और उन्हें गोली मार दी. उसने (बंदूकधारी) कहा कि वह शायद मुसलमान था और इसलिए उसने उन्हें गोली मार दी.’
वीडियो में एक अधेड़ उम्र की महिला दिखती हैं, जिनके चेहरे पर खून लगा है, साथ ही एक परेशान युवक को भी देखा जा सकता है. कैमरा लिए कश्मीरी व्यक्ति पीड़ितों को दिलासा देते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है और वह उनके साथ रहने वाले हैं.
एक महिला चीखती-चिल्लाती सुनाई पड़ती हैं जो उनके पति को बचा लेने की गुहार लगा रही हैं. कुछ दूरी पर एक युवक खून से लथपथ अवस्था में जमीन पर बेसुध पड़ा दिखता है, और एक स्थानीय घुड़सवार अपने कान से फोन लगाए हुए वहां से गुजरता है. फिर कैमरा घास के मैदान की ओर मुड़ता है, जहां दो से तीन व्यक्ति एक-दूसरे से कुछ दूरी पर अचेत पड़े हुए देखे जा सकते हैं.
‘भाई हमारी मदद करो… मेरे पति को बचा लो, उनकी हालत खराब है,’ एक और युवती अपने पति के बारे में वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति से कहती है, जो उन्हें पानी देता है और 49 सेकेंड का वीडियो खत्म हो जाता है.
बीजेपी नेता विदेश में मौज कर रहा था ,भारत में खून की होली खेली जा रही थी ?
भारत में इतना बड़ाआंतकी हमला फ़क़ीर मोदी सउदी अरब में मौज उड़ा रहा था एक और संयोग देखिये एक दिन पहले बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के खासमखास डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी उपराष्ट्रपति वेंस भारत आते है औरअगले ही ही दिन भारत पर एक बड़ा आंतकी हमला हो जाता है ? इस हमले में कई दर्जन लोग आंतकवाद की भेंट चढ़ गए लेकिन किसी कब्र खोदने वाले हिन्दू ठेकेदार ,किसी भगवान् ,किसी माता ,किसी अंर्तयामी योगी बाबा ,ने जम्मू कश्मीर यात्रा पर गए लोगों को सचेत क्यों नहीं किया क्यों नहीं इन महान आत्माओ ,बायलोजिक फ़क़ीर ,बीजेपी के भगवान नरेंद्र मोदी ,कब्र के नीचे क्या छिपा है यह बताने वालों ने इन निर्दोष लोगो को क्यों मरने दिया ? कहाँ गई इन महान आत्माओं की शक्तियां ,कहाँ गई वो गोदी मीडिया जो हर डिबेट को हिन्दू मुस्लिम में बदल अपने आकाओ फ़क़ीर ,साहब ,और हिन्दू ठेकेदारों को खुश करने में लगी रहती है ?शर्म आणि चाहिए ऐसे धर्म के ठेकेदारों को जो भारत की जनता में धर्म युद्द का जहर घोल रहे है ?गौरतलब है की भारत पर हुए इस भयानक आंतकी हमले के समय बीजेपी नेता महामानव सउदी अरब में मन की इच्छा पूरी कर रहे थे और उनके ख़ास दोस्त के सहयोगी उपराष्ट्रपति वेंस, भारतीय मूल की द्वितीय महिला उषा वेंस और उनके तीन बच्चे – बेटे इवान, विवेक और बेटी मीराबेल – सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे
पर्यटकों के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन शुरू
पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों की मदद के लिए चौबीसों घंटे चलने वाली इमरजेंसी हेल्पलाइन शुरू की है. आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “अनंतनाग जिला प्रशासन ने सहायता या जानकारी की आवश्यकता वाले पर्यटकों के लिए 24×7 आपात हेल्प डेस्क स्थापित किया है. पर्यटक जानकारी या सहायता के लिए 01932222337, 7780885759, 9697982527 या 6006365245 पर संपर्क कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि श्रीनगर में भी एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. पहलगाम आतंकवादी घटना के संबंध में सहायता के लिए पर्यटक 01942457543, 01942483651 या 7006058623 पर संपर्क कर सकते हैं.
अमरनाथ तीर्थयात्रा से पहले हमला
यह आतंकी हमला ऐसे समय हुआ है जब कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. साथ ही अमरनाथ तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है. देश भर से लाखों तीर्थयात्री दो मार्गों से अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा करते हैं – दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में बालटाल मार्ग.
आतंकवादी हमारे बच्चों के दुश्मन हैं...
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादी कश्मीरियों के सबसे बड़े दुश्मन हैं. उनकी जंग कश्मीरियों के आतिथ्य के खिलाफ है. आतंकी चाहते हैं कि पर्यटक कश्मीर छोड़ दें और कश्मीरियों के पास आजीविका का कोई स्रोत न हो. लोने कहा कि आतंकी हमारे बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के दुश्मन हैं. निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाना सबसे बड़ा गुनाह है. उन्हें न तो यहां माफ किया जाएगा, न ही ईश्वर उन्हें माफ करेगा.
कांग्रेस ने शर्मनाक कृत्य करार दिया
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस (जेकेपीसीसी) ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक कृत्य करार दिया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के नेतृत्व में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है. जेकेपीसीसी ने एक बयान में कहा कि निर्दोष पर्यटकों पर इस तरह के कायराना आतंकवादी हमले के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ. ऐसी घटनाएं बेहद निंदनीय हैं और सभ्य समाज में इनका कोई स्थान नहीं है.
कांग्रेस ने कहा, “इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार के बड़े-बड़े दावों पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है. जेकेपीसीसी ने आग्रह किया है कि इस जघन्य अपराध के अपराधियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए.
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