टूल किट वितरित करने के बाद कैथल डीसी ने स्कूल परिसर का निरीक्षण कर -साफ-सफाई बेहतरीन करने के दिए निर्देश
कैथल, 27 मई ( अटल हिन्द/राजकुमार अग्रवाल ) डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि मां-बाप अपने वर्तमान को दांव पर लगाकर बच्चों के भविष्य को तराशने का काम करते हैं, इसलिए बच्चों को भी चाहिए कि वे रूचि अनुसार पढ़ाई करके माता-पिता के सपने को साकार करने का काम करें।
सभी विद्यार्थी जिज्ञासू बनकर अपने ज्ञान में बढ़ोत्तरी करें। विशेषकर छात्राएं संकोच से निकलकर अपने आत्मविश्वास में वृद्धि करें। वर्तमान परिवेश के अनुरूप अपनी रूचि अनुसार पढ़ाई के साथ-साथ अन्य एक्टिविटी में भी भाग लें। मां-बाप, गुरूजन भगवान का स्वरूप होते हैं।
हमें अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करने के लिए पढ़ाई करने का नियमित शेड्यूल बनाना चाहिए। नियमित पढ़ाई करके हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। टूल किट से विद्यार्थियों के कौशल में और भी वृद्धि होगी।
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल जाखौली अड्डा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं को टूल किट वितरित करने के दौरान संबोधित कर रही थी।
डीसी ने छात्राओं से संवाद करते हुए अपने अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में मेहनत करने वाला एक न एक दिन कामयाब जरूर होता है।
आज के समय में किसी न किसी स्कील का होना बहुत जरूरी है, जो कि वर्तमान परिवेश की मांग है। पढ़ने-लिखने के साथ-साथ संगीत, कला, नृत्य आदि क्षेत्रों में भी अपनी रूचि के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।
आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। शिक्षा जगत, चिकित्सा आदि क्षेत्रों के साथ-साथ सेना में भी भर्ती हो रही हैं। इसके साथ-साथ हवाई जहाज भी उड़ा रही हैं।
अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ सामरिक क्षेत्रों में भी बेटियों ने नए अध्याय का सूत्रपात किया है। ऐसी बेटियां समाज के अन्य लोगों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा देने का काम कर रही है। हमें उनसे सीख लेने की जरूरत है।
उपायुक्त ने कहा कि अपने मन के अनुसार किए गए कार्य से संतुष्टि का अहसास होता है, जिस भी क्षेत्र में जाएं, उसमें पूरी रूचि लेकर कार्य करें तो जीवन में आनंद होगा।
सभी विद्यार्थियों को गुरूजन का सदैव सम्मान करना चाहिए। गुरूजन ही हमें आगे बढ़ने की राह दिखाते हैं। एकाग्र मन से लक्ष्य को निर्धारित करें और उसी के अनुरूप नियमित पढ़ाई करें।
सभी छात्राएं अपने टीचर से संवाद करें, जो भी प्रश्र उनके मन में हैं, उसके बारे में अध्यापकगण से चर्चा करें। मां-बाप के जो सपने हैं, उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने सामाजिक परिवेश झांकते हुए कहा कि मां-बाप अपनी इच्छाओं पर अंकुश लगाकर बच्चों को आगे बढ़ाते हैं। इसलिए हम सबका फर्ज बनता है कि उनके सपनों को पूरा करें। जमकर पढ़ाई करो, संगीत अच्छा लगता है वो करें, अगर नृत्य अच्छा लगता है तो वो भी करें।
आज पूरे विश्व के रास्ते खुले हैं। कौशल होकर हम किसी भी क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं। चीटिंग करने से नंबर तो हम ले सकते हैं, परंतु ज्ञानवर्धन नहीं कर सकते, इसलिए नियमित पढ़ाई बहुत जरूरी है।
उन्होंने निर्देश दिए कि नौवीं कक्षा से ऊपर के सभी बच्चों को रैडक्रॉस के माध्यम से सीपीआर (कार्डियो-पलमोनरी रिसससिएशन ) का प्रशिक्षण दिलवाएं। इस मौके पर डीपीसी रामनिवास, डीपीआरओ धर्मवीर सिंह, बलजीत सिंह, पवन धीमान, विशाल शर्मा, हीरा सिंह, विकास नागपाल, संगीता, मीनू आदि मौजूद रहे।
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