सीवन थाने में अज्ञात पुलिस वाले कहाँ से आए जिन्होंने दलित महिला का थर्डडिग्री उत्पीड़न किया
कैथल पुलिस प्रशासन ने अपराधी पुलिस वालों को छोड़ अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया
थाने में महिला को थर्ड डिग्री देने पर भड़के दलित, किया प्रदर्शन
कैथल/2 जुलाई/अटल हिन्द /राजकुमार अग्रवाल
सीवन थाने (Siwan Police Station)में पूछताछ के लिए बुलाई गई एक महिला से मारपीट और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप में सीवन थाना पुलिस ने एक महिला और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।फिलहाल पुलिसकर्मियों को नामजद न कर अज्ञात आरोपी दिखाया गया है। पुलिस का कहना है कि मामला जांच अधीन है और जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है की ममता ने आरोप लगाया कि थाने में पहले युवती के परिजनों ने उनसे अकेले में बातचीत की। इसके बाद एक महिला पुलिसकर्मी और तीन पुरुष पुलिसकर्मी उसे पीछे के कमरे में ले गए, जहां उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई और मानसिक उत्पीड़न किया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उसे डंडों से पीटा, जिससे उसे अंदरूनी चोटें आईं( woman Third degree in Siwan police station)। जब हालत बिगड़ गई तो परिजनों ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन पुलिस प्रश्न की एक बात यहाँ समझ से परे है की पीड़िता और उसके परिजन कह रहे है की उत्पीड़न करने वाले आरोपी सीवन थाने के पुलिस कर्मी है तो फिर प्रशासन ने अज्ञात पुलिस कहाँ से पैदा कर दी ,क्या दलित महिला का किसी बाहरी लोगों के सीवन पुलिस थाने में आकर उत्पीड़न किया अगर हाँ तो थाने में बाहरी लोग कैसे घुस गए और अगर दलित महिला का उत्पीड़न सीवन थाना कर्मियों ने किया तो मामला अज्ञात के खिलाफ क्यों ?
सीवन थाना(Siwan Police Station) क्षेत्र में पूछताछ के नाम पर महिला को थाने में बुलाकर मारपीट और मानसिक उत्पीड़न किए जाने के आरोपों के बाद कई दलित संगठन पीड़ित महिला के समर्थन में आगे आए हैं।बुधवार को दलित समाज के लोगों ने नाराजगी जताते हुए प्रदर्शन कर जिला सचिवालय में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और मामले के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
महिला के परिजनों के अनुसार, 29 जून को सीवन निवासी ममता के पड़ोस की एक युवती, जो अक्सर उसके पास आती-जाती थी, अचानक घर से चली गई। युवती के पिता ने सीवन थाना में ममता पर आरोप लगाया कि उसने युवती को बहला-फुसलाकर किसी युवक के साथ भगा दिया। इसी मामले में पूछताछ के लिए ममता को थाने बुलाया गया, जहां एक महिला और तीन पुरुष पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट और मानसिक उत्पीड़न किया। उसके शरीर पर गहरे चोट के निशान बताए गए। साथ ही अंदरूनी हिस्सों से भी खून आने की बात कही गई थी।
वहीं आज प्रदर्शनकारियों ने बताया कि युवती के लापता होने के मामले में महिला को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। वहां एक महिला पुलिसकर्मी सहित तीन पुरुष पुलिसकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की। इस संबंध में पुलिस द्वारा सीवन थाना में केस दर्ज किया जा चुका है।
प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद एसपी से मुलाकात कर चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।
प्रदर्शन में शामिल मनोज, फूल सिंह समेत अन्य लोगों ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जब महिला ने सभी पुलिसकर्मियों की पहचान कर ली है, तो उनके नाम दर्ज एफआईआर क्यों नहीं की गई। उन्होंने पीड़िता की मेडिकल जांच डॉक्टरों के बोर्ड से कराने की भी मांग की।
दूसरी ओर मामले के संबंध में एसपी आस्था मोदी ने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित महिला की मेडिकल जांच डॉक्टरों के बोर्ड से कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। पुलिस इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर रही है और जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
यह है पूरा मामला ः सीवन निवासी ममता ने थाने में दी शिकायत में बताया कि वह घरेलू कार्य करती है। उनके पड़ोस की एक युवती उनके पास आती-जाती थी। कुछ दिन पहले वह युवती घर से लापता हो गई। युवती के पिता ने उसे बहला-फुसलाकर किसी युवक के साथ भगाने का आरोप लगाते हुए ममता के खिलाफ सीवन थाने में शिकायत दी।
ममता ने बताया कि इस सिलसिले में उन्हें थाने बुलाया गया। वह अपने पति रोहताश, जेठ बलवंत, सुरेश और भतीजे सचिन के साथ थाने पहुंची। ममता ने आरोप लगाया कि थाने में पहले युवती के परिजनों ने उनसे अकेले में बातचीत की। इसके बाद एक महिला पुलिसकर्मी और तीन पुरुष पुलिसकर्मी उसे पीछे के कमरे में ले गए, जहां उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई और मानसिक उत्पीड़न किया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उसे डंडों से पीटा, जिससे उसे अंदरूनी चोटें आईं। जब हालत बिगड़ गई तो परिजनों ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।