शहर में कोठियों के नक्शे पास करवा कर सरेआम बनाए जा रहे हैं पीजी
शिकायतों के बावजूद भी नगर कौंसिल अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही कोई कार्रवाई
अटल हिन्द ब्यूरो /रोहित गुप्ता
जीरकपुर 18,अक्टूबर
अवैध निर्माण कर्ताओं ने शहर में इतने अवैध निर्माण कर दिए के अब शहर को पहचाना ही मुश्किल होने लगा है लोगों द्वारा नगर कौंसिल से कोठियों के नक्शे पास करवा कर उसमें 20 से 40 तक कमरे बनाकर किराए पर देने का गोरख धंधा शुरू किया हुआ है जिसमें नगर कौंसिल अधिकारियों की मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि कोई भी अवैध निर्माण जब भी शुरू होता है तो लोगों द्वारा उसे अवैध निर्माण संबंधी शिकायत नगर कौंसिल में दे दी जाती है जब तक वह निर्माण लेंटर तक पहुंचता है तो उसे संबंधी कम से कम तीन-चार बार शिकायत अधिकारियों के पास पहुंच जाती है लेकिन अवैध निर्माण की शिकायत अधिकारियों के लिए वरदान बनकर आती है क्योंकि नगर कौंसिल में अवैध निर्माण का पता तो शिकायतों से ही चलता है लेकिन उसके बाद दूसरा खेल शुरू हो जाता है लोगों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं के जब किसी निर्माण संबंधी शिकायत की जाती है तो नगर कौंसिल की टीम मौके पर आकर अवैध निर्माण कर्ता से मिलकर वापस चली जाती है और अगर निर्माण कर्ता मौके पर नहीं है तो उसका फोन नंबर लिया जाता है और उससे संपर्क किया जाता है संपर्क करने के बाद फिर से निर्माण शुरू हो जाता है लेकिन शिकायतकर्ता शिकायतें ही देता रह जाता है और तब तक निर्माण मुकम्मल हो जाता है जीरकपुर के अब तक के इतिहास में एक बार जो निर्माण हो चुका है उसे कभी भी तोड़ा नहीं जाता जिसके चलते अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण कर्ता को खुली छूट दे दी जाती है कि वह अपना निर्माण कार्य जल्दी मुकम्मल कर ले।
जीरकपुर शहर में ढाकोली पीर मुछल्ला तथा विआईपी रोड पर ऐसे अनेकों निर्माण देखे जा सकते हैं जिनका नक्शा कोठी का होता है और उसमें कैमरे बनाकर किराए पर दिए जाते हैं और इन कमरों में जो लोग किराएदार बनकर आते हैं उनका मकान मालिक द्वारा पुलिस वेरीफिकेशन तक भी नहीं करवाई जाती जिसके कारण शहर में अपराध धर्म में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
लोगों का आरोप है के नगर कौंसिल के अधिकारी अवैध निर्माण कर्ता से मिलकर उसे खुद बचने के रास्ते बताते हैं और उसे अंडरटेकिंग देने को कहते हैं जिसमें निर्माण कर्ता द्वारा लिखा जाता है कि मैं जो भी अपना निर्माण कर रहा हूं वह नशे के मुताबिक ही कर रहा हूं अगर नशे के विपरीत कोई निर्माण करूंगा तो मुझ पर नगर कौंसिल द्वारा कोई भी कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंधी लोगों ने नगर कौंसिल अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि जितने भी लोगों ने यह अंडरटेकिंग दी है उनमें से नगर कौंसिल द्वारा कितने निर्माण को मुकम्मल होने के बाद चेक किया है कि वह नशे के मुताबिक ही बने हैं अगर सही ढंग से चेक किया जाए तो उनमें से एक भी निर्माण सही नहीं पाया जाएगा और उन्हें कानून के मुताबिक तोड़ा ही जाएगा जिस संबंधी लोगों ने कहा कि यहां पर सब सेटिंग का खेल है अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माण कर्ता के साथ सेटिंग कर ली जाती है और उसे अपनी मर्जी से निर्माण करने की छूट दे दी जाती है।
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अवैध निर्माण मुकम्मल होने के बाद ही दिया जाता है नोटिस :::
नगर कौंसिल द्वारा किसी भी अवैध निर्माण कर्ता को शिकायत के आधार पर नोटिस जारी नहीं किया जाता जब तक उसका निर्माण मुकम्मल नहीं हो जाता। जब निर्माण चल रहा होता है तो लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए दो-तीन बार काम बंद करवा दिया जाता है और निर्माण कर्ता के साथ सेटिंग करने के बाद उसका निर्माण मुकम्मल हो जाता है। शिकायतकर्ता जब बार-बार शिकायत कर्ता रहता है तो आखिर में निर्माण कर्ता को एक नोटिस थाम कर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है और शिकायतकर्ता को दिखा दिया जाता है कि हमने तो नोटिस निकाल दिया।
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नोटिस का बिजली विभाग द्वारा भी नहीं की जाती कोई कार्रवाई :::
नगर कौंसिल द्वारा अवैध निर्माण कर्ता को नोटिस निकालने के बाद एक कॉपी बिजली विभाग को भेजी जाती है जिसमें अवैध निर्माण में बिजली का कनेक्शन न देने की बात लिखी होती है और अगर बिजली का कनेक्शन लगा हुआ है तो उसे काटने संबंधी भी लिखा जाता है लेकिन बिजली विभाग द्वारा भी ऐसे निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
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जीरकपुर के एक कार्यकारी अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में कर चुके हैं जेल यात्रा ::
जीरकपुर की नगर कौंसिल पिछले लंबे समय से अखबारों की सुर्खियां बटोर रही है क्योंकि यहां के कार्यकारी अधिकारी रह चुके गिरीश वर्मा भ्रष्टाचार के आरोप के चलते जेल यात्रा भी कर चुके हैं उन्होंने जीरकपुर में कार्यकारी अधिकारी रहते हुए अपने तथा अपने परिवार के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति इकट्ठी की थी। लोगों का कहना है कि क्या जीरकपुर नगर कौंसिल में पहले वाला खेल तो नहीं चल रहा।
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स्थानक सरकार विभाग के विधानसभा कमेटी के अध्यक्ष भी मांग चुके हैं अवैध निर्माण संबंधी रिपोर्ट ::
जीरकपुर में अवैध निर्माण का मुद्दा एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है जिस संबंधी स्थानक सरकार विभाग की विधानसभा कमेटी के अध्यक्ष तथा लुधियाना से विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी भी जीरकपुर में हुई कमेटी की मीटिंग में अवैध निर्माण संबंधी रिपोर्ट मांग चुके हैं उन्होंने एक महीना पहले जीरकपुर में हुई मीटिंग में जीरकपुर के कार्यकारी अधिकारी को 21 दिन के अंदर-अंदर रिपोर्ट देने को कहा था अब यह देखना है कि क्या कार्यकारी अधिकारी द्वारा इन अवैध निर्माण की सही रिपोर्ट विधानसभा कमेटी के अध्यक्ष को दी जाती है या नहीं? और आने वाला समय ही बताएगा कि यहां पर पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस कहां तक कामयाब होती है।
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अगर कहीं भी कोठी का नक्शा पास करवा कर उसे पीजी बनाया जा रहा है तो वहां पर टीम भेज कर चेक करवा लिया जाएगा सोमवार से शहर में मुनादी भी करवाई जाएगी के कहीं भी अगर किसी का निर्माण कार्य चल रहा है तो उसका नगर कौंसिल से पास करवाया गया नक्शा मौके पर रखना पड़ेगा।
सुखविंदर सिंह एसडीओ नगर कौंसिल जीरकपुर।
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कार्यकारी अधिकारी नहीं देते हैं किसी भी सवाल का जवाब :::
नगर कौंसिल के साथ संबंधित किसी भी मामले में जानकारी लेने के लिए अगर नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी अशोक पथरिया को फोन किया जाता है तो उनके द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी जाती और कहा जाता है कि संबंधित एसडीओ या बिल्डिंग इंस्पेक्टर से बात करो आज के इस मामले संबंधी जब उनको फोन किया तो भी उन्होंने यही कहा बार-बार जवाब मांगने पर उन्होंने व्हाट्सएप पर मैसेज करने को कहा और बोला कि आप मैसेज कर दो मैं उसका जवाब दे दूंगा लेकिन मैसेज करने के 2 घंटे तक भी उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।
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