किसानों को लहूलुहान करवाने वाले हरियाणा सरकार के खास एसडीएम को अनिल विज भी नहीं मानते दोषी कहा आयुष सिन्हा की नहीं किसानों की भी जांच होगी
करनाल (अटल हिन्द ब्यूरो )
करनाल में किसानों द्वारा दिए जा रहे धरने के मुद्दे पर हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने साफ कर दिया है कि करनाल में आंदोलन कर रहे किसानों का यह प्रजातांत्रिक अधिकार है लेकिन उनकी जायज मांगें ही मानी जाएंगी। किसी के बिना वजह कह देने से किसी को भी फांसी पर चढ़ाया नहीं जा सकता,
उन्होंने कहा कि संवाद किसी भी प्रजातंत्र का अभिन्न अंग होता है लेकिन जायज मांगे होंगी, वहीं मानी जाएंगी और किसी के कहने से किसी को फांसी नहीं चढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा कि देश का आईपीसी अलग और किसानों का आईपीसी अलग है ऐसा नहीं हो सकता।अगर किसान चाहें तो हम इसकी निष्पक्ष जांच करा देते हैं,
उसके बाद में जो भी दोषी होगा उन पर कार्रवाई होगी। जांच के बाद में कोई भी किसान हो या फिर अफसर सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी। विज ने कहा कि हमारे अफसर किसानों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, लेकिन जायज मांगों पर ही विचार किया जा सकता है।
विज ने कहा कि हम पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम केवल तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा की जांच नहीं करवाएंगे हम सारे करनाल एपिसोड की जांच कराएंगे उस में जो भी दोषी पाया जाएगा चाहे अधिकारी, किसान हों या फिर किसान नेता सभी के विरुद्ध कार्रवाई होगी। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसान करनाल में आंदोलन कर रहे हैं यह उनका प्रजातांत्रिक अधिकार है। अधिकारी उनके साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं।
करनाल जिला के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला प्रशासन करनाल द्वारा वहां लघु सचिवालय गेट के सामने धरने पर बैठे किसानों से लगातार बातचीत कर मामले का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने किसानों से पुन: अपील की है कि वे हठधर्मिता छोड़कर बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने में सहयोग करें। करनाल के तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई के मामले में उपायुक्त ने कहा कि उक्त मामले की जांच मुख्य सचिव के आदेशों द्वारा की जा रही है, उसकी रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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