गुहला-चीका (Guhla-Chikka)लड़कियां बहुत झूठी निकली ,अब लड़कियों को सरेआम बेईज्जत किया जाना चाहिए ?
क्या मकसद था इन लड़कियों का
===अटल हिन्द ब्यूरो ==
गुहला-चीका (कैथल)। क्षेत्र के एक सरकारी कन्या विद्यालय के प्रिंसिपल(principal of a government girls school) के खिलाफ लगाए गए यौन अनाचार के आरोप जांच में बेबुनियाद पाए गए
कैथल जिले की पांच सदस्यीय यौन उत्पीड़न जांच समिति (five-member sexual harassment investigation committee)ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि शिकायत में लगाए गए किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांच के दौरान छात्राओं और महिला स्टाफ से विस्तार से बातचीत की गई तथा प्रिंसिपल कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को भी गहनता से खंगाला गया। जांच में कहीं आपत्तिजनक व्यवहार नहीं मिला।
कमेटी ने सभी तरह की जाँच की कोई ऐसा सबूत या घटना सामने नहीं आई जिससे लगे की सरकारी कन्या विद्यालय के प्रिंसिपल ने लड़कियों के साथ कुछ भी गलत किया है इसलिए जैसा की आजकल भारत में चल रहा है लड़कियां लड़कों और पुरुषों को बदनाम करने के लिए उस पर झूठा इल्जाम लगा उन्हें पुलिस से गिरफ्तार करवा देती है। यह हमारे देश की बिड़बना है की पुलिस बिकाऊ है अदालत तारीख पर तारीख और लड़कियां अपनी मस्ती में सब कुछ हासिल कर इच्छा पूरी करती है। गुहला-चीका (कैथल)। क्षेत्र के एक सरकारी कन्या विद्यालय के प्रिंसिपल पर जिन छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगा कर उन्हें बदनाम किया था उन सभी लड़कियों को सरेआम बेईज्जत किया जाना चाहिए उनका नाम और पहचान जनता के सामने सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि आगे से कोई भी लड़की ऐसा घिनोना काम करने से पहले सौ बार सोचे यही नहीं इन सभी लड़कियों को सख्त सजा भी मिलनी चाहिए।
आखिर प्रिंसिपल की इज्जत समाज में ना केवल कम हुई बल्कि इन आरोपों ने प्रिंसिपल को कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा इस घटना के बाद बेशक जाँच कमेटी ने प्रिंसिपल को निर्दोष करार दे दिया हो लेकिन अपने ऊपर लगे इन झूठे आरोपों के चलते प्रिंसिपल साहब अपने बच्चों से भी नजर नहीं मिला पा रहे होंगे। यहाँ यह लिखना भी असंगत नहीं होगा की लड़कियों द्वारा इस तरह के इलाज्म लगाना आम बात हो गई है इस तरह लड़कियों और महिलाओं द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के झूठे आरोपों के चलते अनेक अध्यापक और आम लड़के और पुरुष यातना सहन कर रहे हैं जबकि कसूर लड़कियां करती है।
अभी आज कल ऐसा ही एक और मामला सामने आया जिसमे कैथल जिले के एक सरकारी स्कूल में 10वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने अध्यापक के खिलाफ कथित तौर पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। महिला थाना पुलिस ने संबंधित शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।वहीं दूसरी तरफ धारूहेड़ा में भी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने के आरोपी शिक्षक सुरेश को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।यही नहीं रेवाड़ी में शिक्षा विभाग ने गंभीर आरोपों में घिरे दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। पिछले दिनों दो शिक्षकों पर जिले के दो अलग-अलग सरकारी स्कूल में छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। इनमें शिक्षक सुरेश कुमार व शिक्षक राजेश कुमार शामिल है। उपरोक्त सभी वारदातें और घटनाएं एक दो बीते दिनों की आपके सामने रखी है हरियाणा में ऐसे यौन उत्पीड़न और छेडछाड के सैंकड़ों झूठे केस हर रोज दर्ज हो रहे है और पुरे भारत के लाखों लोग लड़कियों और महिलाओं के इन आरोपों का सामना कर रहे है।
==यह था मामला ==
7 दिसंबर 2023 को गुहला-चीका उपमंडल के एक गांव के स्कूल की सातवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक की छात्राओं ने प्रिंसिपल और उनके सहयोगी ठेकेदार पर भी कक्षाओं में जाकर परेशान करने का आरोप लगाया था छात्राओं ने शिकायत में कहा था की खाना डालकर देने और पानी पिलाने के बहाने प्रिंसिपल अपने कार्यालय में बुलाता था। इस दौरान छात्राओं ने कहा कि प्रिंसिपल का सहयोगी ठेकेदार स्कूल में आकर उन्हें अपशब्द कहता था। जिसके चलते पीडि़त छात्राओं ने अपने अभिभावकों के साथ स्कूल के गेट पर ताला जड़ दिया था नाराज महिलाओं ने प्रिंसिपल को निलंबित करने व दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जानकारी देतीं महिलाओं ने बताया कि उन्होंने इस मामले में पांच दिसंबर को डायल 112 की गाड़ी भी बुलाई थी और पुलिस को लिखित में भी शिकायत दी गई थी