परिषद चेयरमैन ने, वाइस चेयरमैन पर खोया आपा, हाथापाई की नौबत !
हालात को बेकाबू होता हुआ देख महिला पार्षद बीच बचाव के लिए पहुंची
कथित रूप से हाउस में ही जाति सूचक शब्दों के हवाले से धमकी भी दी गई
पटौदी जाटोली मंडी परिषद हाउस सामान्य बैठक में बन गया अखाड़ा
भाजपा समर्थित चेयरमैन पर पार्षदों ने भेदभाव के लगाए गंभीर आरोप
करीब 5 महीने बाद बैठक में पिछली बैठक का पार्षदों नहीं मांगा हिसाब
फतह सिंह उजाला
पटौदी। इस प्रकार की कल्पना शायद ही नव गठित पटौदी जाटोली मंडी परिषद के चुने गए पार्षदों के द्वारा विशेष रूप से महिला पार्षदों के द्वारा की गई होगी। जो कुछ अनुभव उनको पटौदी जाटोली मंडी परिषद की सामान्य बैठक के दौरान सदन में देखने के लिए मिला।
लगभग 5 महीने और वाइस चेयरमैन चुनाव होने के बाद बाद पटौदी जाटोली मंडी परिषद के सदन में भाजपा की टिकट पर चुने गए चेयरमैन प्रवीण ठाकरिया, परिषद के ही वाइस चेयरमैन अमित शर्मा पर अपना आपा खो बैठे। विकास कार्यों को लेकर सवाल जवाबों में तल्खी इतनी अधिक बढ़ गई की नौबत हाथापाई तक पहुंच गई ? मौके की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए महिला पार्षद बिना देर किए बीच बचाव के लिए पहुंची। खास बात यह रही की इस बैठक की सूचना परिषद के अधिकारियों और परिषद के चेयरमैन की तरफ से मीडिया को देना भी जरूरी नहीं समझा। पत्रकारों के द्वारा नाराजगी जाहिर किया जाने के बाद हाउस में जाने का मौका मिला । लेकिन तब तक पार्षदों के द्वारा किए गए तीखे सवाल और उनके जवाब नहीं मिलने से पार्षदों की नाराजगी के बीच हाउस का गर्म माहौल भी कहीं ना कहीं ठंडा हो चुका था।
16 अप्रैल 2025 के बाद बीते दिन पटौदी जाटोली मंडी परिषद की सामान्य बैठक के लिए क्या कुछ एजेंडा तय था ? इसकी मीडिया को कोई जानकारी तक नहीं मिल सकी। बैठक में पटौदी जाटोली मंडी परिषद के भाजपा की टिकट पर विजेता पार्षद और भाजपा के पार्षदों को पराजित कर विजेता बने पार्षद जो कि बाद में भाजपा के सदस्य हो चुके सभी मौजूद रहे। इनमें मुख्य रूप से बैठक की अध्यक्षता कर रहे चेयरमैन परवीन ठाकरिया, रवि चौहान, किशन कुमार, मनोज कुमारी, पिंकी, राकेश कुमार बबल, वाइस चेयरमैन अमित शर्मा, नीरू शर्मा, आनंद भूषण गोयल, उषा देवी, पिंकी, कुलदीप सिंह, रेखा, मनोज कुमार, राधेश्याम मक्कड़, गुलनाज, इकरार, मुनफेद अली, चंद्रभान सहगल, सुमन, आरती यादव, हरिश्चंद्र , अनिल कुमार, मनोनीत पार्षदों में पूजा गर्ग, जर्मन सैनी, पवन खानपुर के अलावा परिषद के ही अधिकारियों में शामिल कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक , प्रवीण दलाल व अन्य भी मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद पार्षदों के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सदन में पार्षदों के द्वारा चेयरमैन के सामने इस बात को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की गई छोटी-मोटी समस्याओं के समाधान में भी भेदभाव किया जा रहा है। विशेष रूप से विभिन्न वार्डों में स्वच्छता या फिर कूड़ा करकट एकत्रित करने में भी यही खेल हो रहा है। लगभग 5 महीने पहले संपन्न बैठक में रखे गए मुद्दे और पास किए गए प्रस्ताव की प्रोग्रेस रिपोर्ट के विषय में बैठक के अध्यक्ष किसी भी प्रकार की संतोषजनक जानकारी देने में नाकाम रहे। जिसके कारण पार्षदों में और अधिक नाराजगी सहित गुस्सा बना महसूस किया गया । कथित रूप से एक पुरुष और एक महिला पार्षद के वार्ड संबंधित कार्य की फाइल पर चेयरमैन के द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने का मामला भी सदन में सबसे बड़ी बहस का कारण बन गया। कथित रूप से इन दोनों पार्षदों के द्वारा माफी मांगे जाने के बाद ही उनकी संबंधित कार्य पर स्वीकृति देने की चर्चा बैठक के बाद पार्षदों के बीच सुनने के लिए मिली।
पार्षद राकेश कुमार बबल, राधेश्याम मक्कड़, भारत भूषण गोयल, वाइस चेयरमैन अमित शर्मा व अन्य के द्वारा प्रॉपर्टी आईडी के मुद्दे को मुख्य रूप से सदन में रखा गया । यह बात सामने निकल कर आई की 5 महीने पहले बैठक में पास किए गए प्रस्ताव की फाइल अभी तक गुरुग्राम निगम मुख्यालय में ही आगे जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रही है । यह जानकर बहुत हैरानी हुई , पार्षदों ने सीधे-सीधे आरोप लगाया नगर परिषद क्षेत्र के किसी भी वार्ड में नया विकास कार्य नहीं हुआ है। पिछले 5 महीने के दौरान ने तो कहीं कोई शिलान्यास हुआ और नहीं किसी पूरे हुए प्रोजेक्ट अथवा विकास कार्य का उद्घाटन हो सका है ? दूसरी इस सामान्य बैठक में यह बात मुख्य रूप से रखी गई की सभी पार्षदों के द्वारा अपने-अपने वार्ड के जो भी विकास कार्य की सूची तैयार कर अध्यक्ष और अधिकारी के संज्ञान में लाई गई है । उन सभी कार्यों में पार्षद प्राथमिकता से अपने वार्ड के कार्यों को अवगत करवाएं । यह सुझाव भी रखा गया कि सभी पार्षदों से अलग-अलग वार्डों के विकास कार्यों पर सुझाव लिए जाएं। जिस भी कार्य पर अधिकांश पार्षदों की सामूहिक सहमति बने, वही कार्य प्राथमिकता से करवाए जाने चाहिए ।
बैठक के उपरांत चेयरमैन प्रवीण ठाकरिया के द्वारा कहा गया सफाई टेंडर के अलावा अन्य स्वीकृत विकास कार्य की फाइल गुरुग्राम निगम मुख्यालय में कई महीने से अटकी हुई है। कुछ कार्यों की मुख्यमंत्री के द्वारा स्वीकृति दी जानी है । यहां यह सवाल भी जवाब मांगने के लिए पर्याप्त है , गुरुग्राम निगम कार्यालय में या मुख्यालय पर पटौदी जाटोली मंडी परिषद के विकास कार्यों की फाइलें अटकी है? तो उनकी पैरवी की जिम्मेदारी पटौदी जाटोली मंडी परिषद के कार्यकारी अधिकारी के साथ भाजपा के भेजे हुए और जनता के चुने हुए चेयरमैन की सबसे पहले और प्राथमिकता से बनती है । वहीं विभिन्न पार्षदों के द्वारा मांग भी रखी गई है कि नियम के मुताबिक तय समय सीमा पर नगर परिषद हाउस की बैठक बुलाई जानी चाहिए। यदि कहीं कोई विकास कार्य या फिर विकास राशि में परेशानी हो रही है, तो उसको दूर करने के लिए अपनी विधायक विमला चौधरी को साथ लेकर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और मुख्यमंत्री के अलावा गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर से भी मिलकर समस्याओं का समाधान करवाते हुए जनता को राहत प्रदान की जानी चाहिए।
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