सीवन (कैथल ) पुलिस कर्मियों को भी इसी तरह नंगा करके पीटना चाहिए ?
सीवन /30 जून /अटल हिन्द
कैथल के सीवन थाने में दलित महिला को बंद कमरे में पुलिस ने किया मानवता को शर्मशार, गुप्तांग से भी बहा खून (Siwan (Kaithal) Police hit a woman’s private parts and blood oozed out)।पुलिस कस्टडी के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी 4 होमगार्ड द्वारा किया गया टॉर्चर महिला पड़ोस की लड़की को भगाने के आरोप मे पुलिस हिरासत मे थी।पीड़ित महिला को गंभीर हालत में परिजनों ने कैथल के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया है, जहां उसके शरीर, खासकर गुप्तांगों पर गहरे चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं।
परिजनों का कहना है की पीड़िता को बिना अदालत में पेश किये गैर क़ानूनी तरीके से रिमांड यानी पुलिसिया अत्याचार किया गया परिजनों का दावा है कि महिला निर्दोष है, फिर भी उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्होंने बताया कि थाने में महिला के गुप्तांग से खून बह रहा था और उसके पति को पुलिस ने बाथरूम में 3-4 बाल्टी पानी डालकर सफाई करने के लिए मजबूर किया।
अगर देखा जाये तो रिमांड पर लेना पूछताछ करना होता है पुलिस को कोण सा कानून किसी को बंद कमरे में मारने पीटने का हक देता है। हरियाणा की बदनाम पुलिस को बीजेपी सरकार का सरंक्षण मिला हुआ है इसलिए किसी पर भी अत्याचार करती है

पीड़िता और सीवन वासियों को चाहिए की वह सीधे अदालत का रुख करे ना की कैथल पुलिस उच्चाधिकारियों के पास जाए क्योंकि ये सब एक है और सब पुलिस वाले आपस में मिले होते है अगर पीड़िता और उसका परिवार पुलिस से न्याय की उम्मीद रखेगा तो सरकारी काम में बाधा डालने के जुर्म में केस बना कर फिर से गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया जा सकता है ?परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और उन पर केस को आगे न बढ़ाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
पीड़िता के साथ सीवन पुलिस द्वारा जो शर्मनाक हरकत की है यह सब सीवन पुलिस बिना जिला पुलिस कप्तान और सीवन थाने से संबधित डीएसपी की मिलीभगत के बिना नहीं कर सकती क्योंकि मारपीट करने का लाइसेंस तो वैसे ही पुलिस को मिला हुआ है लेकिन इस दलित महिला के मामले में सीवन पुलिस को अच्छी खासी रिश्वत मिली होगी वरना मामूली से मामले में थर्ड डिग्री देना आसान नहीं है।
जिस तरह हरियाणा पुलिस आम जनता पर अत्याचार कर रही है उसमे पुलिस का दोष कम जनता की भागेदारी ज्यादा है क्योंकि हमने की खाकी को सर पर चढ़ाया हुआ है अगर जनता एकजुट होकर पुलिस के खिलाफ अदालतों में जाए तो क्या मजाल कोई पुलिस वाला किसी को हाथ भी लगा सके माना की कैथल पुलिस रिश्वत का हिस्सा हरियाणा सरकार तक पहुँचाती है। लेकिन कैथल पुलिस की इस हरकत ने जहाँ खाकी जो पहले से ही बदनाम है उसे और दागदार किया है जिसमे राज्य के गृहमंत्री का भी हाथ है क्योंकि राज्य का गृहमंत्री पुलिस का मुखिया होता है और सीवन पुलिस के दलित महिला के इस अत्याचार के गृहमंत्री भी शामिल है ?

इस मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। लोग और सामाजिक संगठन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। अस्पताल में भर्ती महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है, और इस मामले में पुलिस की जांच और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।, वहीं पुलिस कार्रवाई से बचती नजर आ रही है।
डीएसपी सुशील कुमार ने कहा कि महिला एक मामले में आरोपी है, और अगर उसके साथ कोई गलत व्यवहार हुआ है, तो इसकी जांच की जाएगी। हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिख रही, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।