Browsing: माँ झूठी निकली

==लघुकथा== दीक्षांत-समारोह सम्पन्न हो चुका था। डॉक्टरेट की डिग्री हाथों में संभाले निशा पंडाल से उठकर कैंटीन के कोने में पड़ी खाली कुर्सी पर आ बैठी।…