अपनों का मारा अनिल विज बेचारा ,ना घर का ना घाट का
बेचारा अनिल विज अपना दुख किसे सुनाऊं मैं सबसे सीनियर MLA,
चंडीगढ़ /31 जुलाई/राजकुमार अग्रवाल/अटल हिन्द
हरियाणा की राजनीति में आज अगर किसी व्यक्ति की बुरी गत है तो वे है अम्बाला के बड़बोले घमंडी अनिल विज आपको बता दे ये अनिल विज वही व्यक्ति है जिसको हरियाणा की जनता ने गब्बर का नाम देकर सम्मानित किया लेकिन उसके अपनों को ये रास नहीं आया और अनिल विज के सपनो को चकनाचूर कर दिया तब अनिल विज को गहरा सदमा लगा और अपनी जगह छोड़ मेंढक की तरह उछल कूद करने लगे कारण अपनों का दिया दुःख और दर्द मन की बात के चलते राहुल गाँधी की बराबरी करने चले अनिल =विज यह भी जानते है की वे राहुल गाँधी के पाँव की ऊँगली के बराबर भी नहीं है !खैर मनोहर लाल खट्टर ने जो झटके अनिल विज को दिए ऐसा मैंने अपने पत्रकारिता जीवन में किसी पार्टी में होते नहीं देखा की इस बस्ता पकड़ विधायक जिसने हरियाणा बीजेपी को जिन्दा रखा आज वे खुद अपना अस्तित्व समेटने में लगे है ?लेकिन अनिज विज का घमंड उन्हें और ज्यादा बेइज्जत करवाने में लगा है बीजेपी आडवाणी और अटल बिहारी ,कल्याण सिंह की नहीं हुई अनिल विज तो होते ही कोण है ?
मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का मुख्यमंत्री बना कर भाजपा हाईकमान ने अनिल विज को जता दिया था की अब बीजेपी को आपकी यानी अनिल विज की कोई जरूरत नहीं आप सन्यास ले ले लेकिन अनिल विज और अपना वह समय याद आ गया जब हरियाणा में बीजेपी का कोई बस्ता पकड़ने को तैयार नहीं होता था तब भी अनिल विज ने हौंसला नहीं छोड़ा और हरियाणा में अपने साथीयों को जोड़े रखा। लेकिन बीजेपी हाईकमान ने हद तो तब कर दी जब हर पार्टी मीटिंग में अनिल विज को बैइज्जत किया जाने लगा और अनिल विज हसंते हुए बाहर निकल आते और बीजेपी पार्टी के उनको दिए जा रहे झटकों को समझने की बजाये अनिल विज बेईज्जत होते रहे और आज भी हुए।
खैर अब मामला जो भी रहा हो बीजेपी ने एक बार फिर अनिल विज को किनारे कर दिया जिसके चलते अनिल विज को कहना पड़ा की सात बार के विधायक है लेकिन अब जब हरियाणा बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर विधायकों को प्रभारी बनाया है. इस लिस्ट में अनिल विज का नाम शामिल नहीं है.इस कार्यकारिणी में विज की अनदेखी किए जाने पर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. ऐसे में अनिल विज ने कहा कि कोई अनदेखी नहीं की गई है. विज ने कहा कि मैं सबसे वरिष्ठ नेता हूं और सात बार का विधायक भी रह चुका हूं. उन्होंने कहा कि बाकियों को तो एक-एक हल्का दिया है, लेकिन मेरे पास पूरे हरियाणा की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही पूरे हरियाणा का दौरा शुरू करने वाले हैं. जगह-जगह जाकर सारे नए और पुराने कार्यकर्ताओं से मिलने वाला हूं. जो अधिकारी सरकार की योजनाओं को धरातल पर लागू नहीं कर रहे हैं, उनका भी हालचाल पूछने वाला हूं. सभी कार्यकर्ताओं से मिलने वाला हूं.
गौरतलब है कि हरियाणा बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. जिसके चलते हारी हुई 42 सीटों पर मंत्रियों और विधायकों को प्रभारी नियुक्त किया गया है. यह निर्णय बीजेपी विधायक दल की बैठक में लिया गया है. हालांकि इसमें विज को कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है.