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कैथल डीसी साहब ने ब्यान  जारी कर दिया और डेंगू बीमारी कैथल जिले से भाग गई 

कैथल जिले में डेंगू का प्रकोप जिला प्रशासन की नाकामी दर्शाता है ,
कैथल डीसी साहब ने ब्यान  जारी कर दिया और डेंगू बीमारी कैथल जिले से भाग गई
कैथल, 19 अक्तूबर (atal hind ) कैथल जिला प्रशासन डेंगू को रोकने में पूरी तरफ विफल रहा जिसके कारण जिला कैथल में डेंगू मरीजों संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।  कैथल जिला प्रशासन की यह लापरवाही बहुत महंगी पड़ने वाली है क्योंकि प्रशासन जो आंकड़े दिखा रहा है वे बहुत कम है असल में डेंगू प्रभावित मरीज बहुत ज्यादा है।जिला प्रशासन को जब पहले से ही इस बात की जानकारी थी की जिला  बिमारी फ़ैल सकती है तो समय रहते क्यों उचित कदम नहीं उठाये।   उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि मंगलवार को 10 केस डेंगू के सामने आए हैं और डेंगू के केसों का आंकड़ा बढ़कर 132 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नगर परिषद, नगर पालिका व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए डेंगू की रोकथाम हेतू अलर्ट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला में फॉगिंग पर भी बल दें। हमें डेंगू की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे और विशेष प्रयास करने होंगे।
उपायुक्त ने कहा कि डेंगूू के 132 केसों में से अर्बन कैथल से 91, कलायत में 17, राजौंद में 14, सीवन  में 4, पूंडरी में 4, गुहला में 1 व कौल में 1 केस मिले हैं। कैथल शहर में मुख्यमत: सीवन गेट, डोगरा गेट, प्रताप गेट, अमरगढ़ गामड़ी, चंदाना गेट में डेंगू के केस पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लार्वा पाए जाने पर 1218  घरों में नोटिस भी जारी किया गया है। विभिन्न विभागों की टीमों द्वारा घर-घर जाकर लार्वा को चेक किया जा रहा है यदि नोटिस दिए जाने के बाद भी घर से लार्वा मिलता है तो विभाग द्वारा 2 हजार रुपये तक का चालान करने का प्रावधान भी है।
उपायुक्त ने कहा कि हमें डेंगू के मामलों को कम करने के पूरे प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा प्राप्त होने पर डेंगू के रोकथाम हेतू मरीजों को प्लेटलेट्स देने के संबंध में नई गाइडलाइन्स संबंधित अधिकारियों को भिजवा दी जाएगी। आमजन को डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है, अगर किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण नजर आए तो उन्हें तुरंत सरकारी अस्पताल या अपने नजदीकी अस्पताल में डेंगू का इलाज करवाएं। अपने घरों में लार्वा न पनपने दें और घर के आस-पास साफ-सफाई रखें।

बॉक्स: स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित रेटों के आधार पर ही निजी अस्पताल व लैब करें डेंगू और मलेरिया के टेस्ट, शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू व चिकनगुनिया की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्टों के रेट निर्धारित किए गए हैं। नियमानुसार डेंगू सेरोलॉजी आईजीएम अलीसा आधारित के लिए 600 रुपये,  चिकनगुनिया सेरोलॉजी आईजीएम अलीसा आधारित के लिए भी 600 रुपये फीस निर्धारित है। प्राईवेट अस्पताल से डेंगू की प्लेटलेट लेने पर 8500 रुपये निर्धारित किए गए हैं, जबकि सरकारी अस्पताल में डेंगू की प्लेटलेट फ्री में दी जा रही है। यदि कोई निर्धारित रेट से ज्यादा वसूलता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बॉक्स: डेंगू कैसे फैलता है
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मलेरिया की तरह डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को एडीज मच्छर कहते हैं, जो काफी ढीठ व साहसी मच्छर है और दिन में भी काटते हैं। यह रोग बरसात के मौसम से तथा उसके तुरंत बाद के महीनों जैसे जुलाई से अक्टूबर में अधिक होता है। डेंगू बुखार से पीड़ित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस काफी मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी रोगी को काटता है तो वह उस रोगी का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है। जब डेंगू वायरस युक्त मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुंचा देता है। इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार रोग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

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बॉक्स: डेंगू के लक्षण व उपचार
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डेंगू के शुरूआती लक्षणों में ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढऩा, सिर, मांसपेशियों  तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले भागों में दर्द होना, अत्याधिक कमजोरी, भूख में बेहद कमी तथा जी मितलाना, मूंह के स्वाद का खराब होना, गले में हल्का सा दर्द होना। साधारण डेंगू बुखार के साथ-साथ डेंगू हॅमरेजिक बुखार, डेंगू शॉक सिन्ड्रोम भी इसके प्रकार हैं।  इसलिए बुखार आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डेंगू की जांच करवाएं क्योंकि सही समय पर इलाज न मिल पाना जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में इसके निदान के लिए खून की जांच करवाएं। पुष्टिï होने पर इसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर की सलाह पर उपचार करवाएं।

बॉक्स: डेंगू को रोकने के उपाय
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अपने घर व आसपास में पानी एकत्रित नही होने दें जैसे कि नालियों, गड्ढïों, रूम कूलर्स, टूटी बोतलों, पुराने टायर्स, डिब्बों, फ्रीज के पीछे लगी ट्रे। पानी की टंकियों तथा बर्तन को सही तरीके से ढ़क कर रखें, ताकि मच्छर उसमें प्रवेश नही कर सके। पानी के स्त्रोतों में छोटी किस्म की मछलियां जैसे कि गम्बुजिया, लैबिस्टर भी डाल सकते हैं। ये मछलियां पानी में पनप रहे मच्छरों व उनके अंडों को खा जाती है। खिड़कियों व दरवाजों में जाली लगाकर मच्छरों को रोकें तथा मच्छर नाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉईल्स आदि प्रयोग करें। ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जिससे शरीर का अधिक से अधिक भाग ढका रहे, यह सावधानी बच्चों के लिए अति आवश्यक है। निक्कर व टी-शर्ट का प्रयोग अक्तूबर माह में नही पहना जाए तो अच्छा है। अपने आसपास साफ-सफाई रखें। जिस क्षेत्र में मच्छरों की तादाद ज्यादा लगती है तो वे स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, नगर पालिका व नगर परिषद को सूचित करें।

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