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25 सितंबर को जींद में हुंकार भरेगी इनेलो  देवीलाल जयंती मनाने की तैयारी

बड़ी रैली के जरिए एक बार

जींद की सरजमी से इनेलो लेगी “संजीवनी”
25 सितंबर को जींद में हुंकार भरेगी इनेलो  देवीलाल जयंती मनाने की तैयारी

राजकुमार अग्रवाल/अटल हिन्द ।

जींद। संघर्ष के दौर से गुजर रही इंडियन नेशनल लोकदल एक बार “संजीवनी” हासिल करने के लिए जींद की सरजमीं की तरफ फोकस कर रही है।
इनेलो आगामी 25 सितंबर को जींद में चौधरी देवीलाल सम्मान दिवस मनाने जा रही है।
इस अवसर पर बड़ी सियासी रैली के जरिए इनेलो एक बार फिर सियासी हुंकार भरने का काम करेगी। जिस जींद की धरती पर उपचुनाव में इनेलो इनेलो पर दुर्गति का “अंधकार” छाया था, वहीं पर इनेलो उम्मीद की बड़ी “रोशनी” हासिल करने के लिए सम्मान दिवस समारोह मनाने जा रही है ।


इसके बारे में अभी पार्टी की तरफ से कोई घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन अंदरूनी तौर पर जींद में 25 सितंबर को जोरदार कार्यक्रम करने का फैसला ले लिया गया है।
जींद का देवीलाल परिवार के लिए खास महत्व
देवीलाल परिवार को संघर्ष के दौर से निकालकर सत्ता तक पहुंचाने का काम जींद की धरती करती आई है। 1986 में जन नायक चौधरी देवी लाल के समर्थन से लेकर दुष्यंत चौटाला की जेजेपी स्थापना रैली तक कई बार जींद की धरती ने देवीलाल परिवार को राजनीतिक संजीवनी देने का काम किया है।
चौधरी देवी लाल, ओमप्रकाश चौटाला और दुष्यंत चौटाला तीनों को ही जींद की धरती ने शिखर पर पहुंचाने का काम किया है।


जींद में ही जिन पर ही फोकस क्यों ??
सन 2000 से लेकर 2019 तक के 5 विधानसभा चुनाव में से 4 में जींद जिला देवीलाल परिवार को सबसे ज्यादा विधायक देता आया है
ओम प्रकाश चौटाला और अभय चौटाला यह बखूबी जानते हैं कि इनेलो को दोबारा मजबूत सियासी पार्टी बनाने के लिए बड़े जनाधार को वापस लाना सबसे जरूरी है।
2019 के विधानसभा चुनाव में इनेलो का अधिकांश वोट बैंक दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी में चला गया था जिसके चलते जहां जेजेपी जुलाना, उचाना और नरवाना की विधानसभा सीट जीत गई थी। इसके विपरीत इनेलो विधानसभा चुनाव में जींद में पूरी तरह से साफ हो गई थी।
वर्तमान समय में किसान आंदोलन चलते जींद जिले के लोगों में दुष्यंत चौटाला के प्रति नाराजगी का बड़ा माहौल देखने को मिल रहा है। अपने पुराने वोटरों को दोबारा हरे झंडे और चश्मे के निशान के नीचे लाने के लिए इनेलो ने जींद में सम्मान दिवस समारोह मनाने का फैसला किया है। ओम प्रकाश चौटाला यह बखूबी जानते हैं कि जींद के जज्बाती लोग दुष्यंत चौटाला से नाराज होने के बाद दोबारा इनेलो के साथ जुड़ने का काम करेंगे।

इनेलो को क्या मिलेगा फायदा ??
जींद जिले में विशाल रैली करने का इनको को दोहरा फायदा मिलेगा।
पहला- इनैलो छोड़कर चले गए वोटर और सपोर्टर दोनों ही दोबारा घर वापसी करेंगे, जिसके चलते जींद जिले में इनेलो का फिर से मजबूत जनाधार कायम हो जाएगा।
दूसरा -जींद जिला हमेशा प्रदेश की सियासत में निर्णायक मौड़ देता आया है। अगर जींद में इनेलो ने पहले की तरह 25 सितंबर को जोरदार कार्यक्रम कर दिया था उसका पूरे प्रदेश में बड़ा सियासी संदेश जाएगा।  जींद में जोरदार रैली के जरिए इनेलो पूरे प्रदेश में दुबारा मजबूत पार्टी के तौर पर वापसी करने का एलान कर पाएगी।
बात यह है कि इनेलो आज उस मोड़ पर खड़ी है जहां पर उसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है।
फर्श से अर्श पर पहुंचने के लिए उसे एक बड़े “पावर शो” की जरूरत है।
जींद जिला इनेलो को वह सियासी “संजीवनी” दे सकता है‌ जिसकी उसे “बेहद” जरूरत है।
जींद जिले में जोरदार शक्ति प्रदर्शन करके इनेलो कांग्रेस और भाजपा के बराबर की पार्टी के तौर पर खुद को फिर से खड़ी कर सकती है।
दुष्यंत चौटाला के प्रति फैली हुई नाराजगी को भूनाकर ओम प्रकाश
चौटाला दोबारा से अपने कार्यक्षेत्र में इनेलो को सबसे मजबूत पार्टी के तौर पर स्थापित कर सकते हैं।।
जींद जिले में अगर इनेलो के पैर जम गए तो फिर पूरे प्रदेश में उसके लिए वापसी का रास्ता साफ हो जाएगा क्योंकि जींद से जो हवा निकलती है उसका असर हमेशा पूरे प्रदेश पर पड़ता आया है।
ओम प्रकाश चौटाला और अभय चौटाला ने जींद में सम्मान दिवस समारोह के आयोजन का फैसला लेकर बिल्कुल सही दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
सिर्फ इनेलो को किसी भी कीमत पर जींद में दमदार भीड़ को पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करना होगा‌ अगर जींद में फिर से चौटाला जिंदाबाद के नारे लगाती हुई करंट मारती भीड़ भारी भीड़ इकट्ठी हो गई तो इनेलो के ऊपर छाया गर्दिश का अंधेरा खत्म हो जाएगा।

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