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कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर   गीता जयंती मेले में हिंदुत्ववादियों ने मचाया उत्पात, मुस्लिम दुकानदारों से मारपीट, सामान फेंका

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर   गीता जयंती मेले में हिंदुत्ववादियों ने मचाया उत्पात, मुस्लिम दुकानदारों से मारपीट, सामान फेंका

कुरुक्षेत्र(अटल हिन्द ब्यूरो )

शिल्प मेले के रूप में शुरू हुआ कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर(Brahmasarovar in Kurukshetra) पर लगने वाला वार्षिक ‘गीता जयंती’ मेला जिसे आजकल ‘अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ कहा जाने लगा है, 2014 से लगातार भगवे रंग में रंगता जा रहा है। भले ही केंद्र और राज्य सरकार इस मेले के प्रचार के लिए बड़े स्तर पर इश्तिहारबाज़ी व बजट खर्च करती हैं। देश के बड़े नेताओं के साथ दूसरे देशों से नेताओं को भी मेहमान के तौर पर बुलाया जाता है; पर कुछ सालों से यहाँ बजरंग दल जैसे हिन्दुत्ववादी संगठनों के स्टाल भी लगने लगे हैं। कट्टर हिन्दुत्व और साम्प्रदायिक नफरत (Communal hatred)का प्रचार होने लगा है। ताज़ा मामला इस मेले में हिन्दुत्ववादी लोगों द्वारा तीन मुस्लिम दुकानदारों से गुंडागर्दी(Hindutva supporters) करने और एक कश्मीरी मुसलमान दुकानदार की मारपीट से चर्चा में आया है। कुरुक्षेत्र के मेले में कुछ साल से कट्टर हिन्दुत्व और साम्प्रदायिक नफरत का प्रचार होने लगा है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, लेकिन अभी तक कार्रवाई की सूचना नहीं है।

घटना बीती 6 और 7 दिसंबर की है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’(International Gita Festival) में 6 दिसंबर को 20 से 25 लोगों ने एक मुस्लिम भेलपुरी और फर्नीचर वाली दुकान पर गुंडागर्दी की। बताया जाता है कि भेलपुरी वाले का सारा सामान फेंक दिया और कहा कि तुम मुस्लिम, भेलपुरी में थूक कर बेचते हो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आकर दुकान लगाने की। इस घटना के बाद भेलपुरी वाला अपनी दुकान छोड़ कर चला गया। अब वो स्टाल एक गैर-मुस्लिम को दे दिया गया है। दूसरी घटना में भी आरोप है कि एक फर्नीचर की दुकान में काम करने वाले लड़के को धमका कर उसकी मुस्लिम टोपी उतराई गई। कहा गया कि हम इस टोपी से नफरत करते हैं।

इसी तरह आरोप है कि 7 दिसंबर को एक कश्मीरी दुकानदार की गर्म कपड़ों की दुकान पर 20-25 लोग सम्प्रदायिक नारे लगाते हुए पहुंचे और उसे बंगलादेशी बोल कर उसके सिर पर डंडे से हमला किया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है।

बीती 6 दिसंबर को स्टाल नंबर 105 पर जिस भेलपुरी वाले की दुकान पर हुल्लड़बाज़ी की गई, उसके साथ वाले दुकानदार ने हमें बताया, “करीब 20-25 लोग थे। उन्होंने हाथों में बजरंग दल के झंडे पकड़े हुए थे। उन्होंने पहले दुकान से भेलपुरी ली जब वह आनलाइन पेमेंट करने लगे तो उन्हें पता लगा कि दुकानदार मुसलमान है। वह चिल्लाने लगे ‘तेरे मुसलमान की यहाँ दुकान लगाने की हिम्मत कैसे हुई। तुम इस भेलपुरी में थूक कर बेच रहे हो।’ यह कहते हुए उन्होंने दुकान से सारी भेलपुरी बाहर फेंक दी। अगले दिन ही देवबंद से आया वह मुस्लिम भेलपुरी वाला दुकानदार इस मेले से चला गया।”

उसी दिन 95 नंबर स्टाल जो कि सहारनपुर के मुस्लिम फर्नीचर वाले की दुकान थी, वहां पहुँच कर उसी हुजूम ने दुकान पर काम करने वाले लड़के आशिक को मुस्लिम टोपी उतरने को कहा। आशिक हमसे बात करते हुए कहता है, “भेलपुरी वाली की दुकान के बाद वे लोग हमारी दुकान की तरफ आए। मैं दुकान के बाहर खड़ा था। मेरे सिर पर टोपी देख कर वह चिल्लाने लगे कि तेरी हिम्मत कैसे हुई यह टोपी पहनने की, इस टोपी को उतारो, हमें नफरत है इस टोपी से’ मैंने डर के मारे वह टोपी उसी समय उतर दी।” इस दुकान के मालिक मोईन रसूल ने हमें बताया, “वे लोग दुकान के अंदर आ कर मुझे कहने लगे तुम यहां क्या करने आए हो । ‘तुम बंगलादेशी घुसपैठिये हो, बाहर निकलो।’ मैंने उनसे कहा हम बंगलादेशी नहीं सहारनपुर से हैं। हर साल यहां आते हैं।’ तो वह कहने लगे कि तो तुम सहारनपुर जाओ।”

मोईन रसूल दुखी मन से बताते हैं, “सभी दुकानदार इस मेले में किराया दे कर दुकाने लेते हैं। हम 20 साल से इस मेले में अपनी फर्नीचर की स्टाल लगाते हैं। लेकिन इस बार वाला हमारा अनुभव बहुत तकलीफदेह रहा। भले ही पुलिस ने हमे आश्वासन दिया है कि वो हमारी रक्षा करेंगे पर हमारे अंदर डर बैठ गया है।”

इसी तरह 7 दिसंबर को स्टाल नंबर 289 पर गर्म कपड़े बेचने वाले कश्मीरी नौजवान यूनीस अहमद ने हमें अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “यह वही लोग थे जिन्होंने 6 तारीख को आतंक मचाया था। यह लोग भगवे झंडे जिस पर हनुमान की तस्वीर थी लेकर ‘जय श्री राम’, ‘मुसलमानों की दुकानों से सामान न खरीदें’, ‘मुसलमानों की दुकाने हटाओ’, ‘बांग्लादेशियों को बाहर निकालो’ जैसे नफरती नारे लगाते हुए हमारी दुकान की तरफ बढ़े। उन्होंने हाथों में डंडे भी पकड़े हुए थे। मुझे बंगलादेशी बोल कर मुझसे मारपीट की, एक ने मेरे सिर में डंडा मारा। मेरे और मेरे साथी के दो फोन भी तोड़ दिये (टूटे हुए फोन दिखा कर बोलते हैं)। हमारी दुकान के कपड़े उठा कर बाहर फेंक दिए। हमारा बाहर फेंका करीब 30 हजार का सामान चोरी हो गया है। हमारे साथ वाले दुकानदारों ने हमारी मदद की, आम लोग भी उनको गुंडागर्दी करने से रोक रहे थे पर वह किसी की नहीं सुन रहे थे। वे हमारी दुकान को आग लगाने की धमकी देकर भी गये।”

इस कश्मीरी दुकानदार से मारपीट और हिंदुत्ववादी जुलूस की वीडियो सोशल मीडिया पर भी घूम रही है। इस वीडियो में मारपीट करने वाले कट्टरपंथी लोगों के चेहरे भी साफ दिख रहे हैं। भले ही कश्मीरी नौजवान ने हमें बताया कि पुलिस अधिकारियों ने उसे सुरक्षा का आश्वासन दिलाया है। उसकी दुकान के सामने चार पुलिसकर्मी भी तैनात थे पर पास के दुकानदारों ने हमें बताया कि पुलिस उस दिन मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही।

आदर्श थाना’ के एसएचओ दिनेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा, “कश्मीरी युवक ने मारपीट की शिकायत थाने में दी है। इस मामले में चोरी, धर्म के नाम पर नफरत फैलाने, मारपीट करने और दंगा फैलाने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।”

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