“गूंगे” हुए भूपेंद्र हुड्डा,बीजेपी सरकार के “डर” से गांधी परिवार से “पिंड” छुड़ा गए भूपेंद्र हुड्डा
-राजकुमार अग्रवाल –
चंडीगढ़। राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के विरोध में जहां पूरे देश के कांग्रेसी “एकजुट” होकर सड़कों पर उतर रहे हैं वहीं एक बड़ी शख्सियत ऐसी है जो इस पूरे प्रकरण से “पिंड” छूटा कर “गूंगी” हो गई है। जी हां हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की। खुद को कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार करने वाले भूपेंद्र हुड्डा राहुल गांधी के मामले में मैदान छोड़कर “भाग” खड़े हुए हैं।
राहुल गांधी के समर्थन में जहां राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सड़क पर उतरकर प्रदर्शन में शामिल हुए हैं वहीं दूसरी तरफ 4 दिन से भूपेंद्र हुड्डा ने एक बार भी शक्ल नहीं दिखाई है। भूपेंद्र हुड्डा ने राहुल गांधी का समर्थन करने के लिए सिर्फ 3 पंक्ति का प्रेस नोट जारी करके औपचारिकता पूरी कर ली।अगर आप भूपेंद्र हुड्डा का फेसबुक का पेज देखेंगे तो आपको कहीं भी यह नजर नहीं आएगा कि इस संकट की घड़ी में भूपेंद्र हुड्डा राहुल गांधी का साथ दे रहे हैं। गांधी परिवार के साथ खड़ा होने की बजाय भूपेंद्र हुड्डा खुद को बचाने के लिए गांधी परिवार से “दूर” खड़े हो गए हैं। जहां भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा पब्लिसिटी के लिए दिल्ली में अपने नारे लगवा रहे हैं दूसरी तरफ भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस और राहुल गांधी की चिंता करने की बजाय बीजेपी सरकार के प्रकोप से बचने के लिए दूर खड़ा होकर “तमाशा” देख रहे हैं। बात यह है कि राहुल गांधी के प्रकरण से एक बार यह साबित हो गया है कि भूपेंद्र हुड्डा बेहद कमजोर नेता है।बीजेपी से छाती ठोक कर मुकाबला नहीं कर सकते हैं बल्कि वह बीजेपी के साथ सेटिंग करके सियासत कर रहे हैं। इसलिए पिछले 8 साल के दौरान एक बार भी ने् तो वे जनता के मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरे हैं और ना ही प्रधानमंत्री मोदी के सब खिलाफ एक भी शब्द बोला है। राहुल गांधी के पक्ष में जहां सारे कांग्रेसी लामबंद हो गए हैं वहीं भूपेंद्र हुड्डा अपने खिलाफ चल रहे केसों के चक्कर में गांधी परिवार को मझधार में छोड़ गए हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने ऐसा व्यवहार किया है जैसे वे गांधी परिवार को “जानते” ही नहीं हैं और उनका कांग्रेस से कोई “वास्ता” नहीं है। भूपेंद्र हुड्डा ने इस मौके पर यह साबित कर दिया है कि उन्हें सिर्फ अपनी सियासत की चिंता है उन्हें गांधी परिवार और कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है।
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