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नरेंद्र मोदी के अग्निपथ को लेकर भड़की ‘अग्नि’ :सचिन ( 22) ने अग्निपथ योजना से मायूस होकर आत्महत्या की

नरेंद्र मोदी के अग्निपथ को लेकर भड़की ‘अग्नि’ :सचिन ( 22) ने अग्निपथ योजना से मायूस होकर आत्महत्या की ,  हरियाणा के इस जिले में इंटरनेट और SMS सेवाएं अस्थायी रूप से की बंद


चंडीगढ़ (अटल हिन्द ब्यूरो )
सेना की नई भर्ती पोलिसी अग्निपथ ने हरियाणा के युवा की ली जान रोहतक। दो साल से सेना की भर्ती कर रहे एक युवक ने आज रोहतक के पीजी होस्टल के रूम में फंदा लगा कर किया सुसाइड,मृतक का नाम सचिन निवासी लिजवाना जिला जींद के रूम में हुई पहचान,दो दिन पहले सेना भर्ती की नई पॉलिसी अग्नि पथ लाने से था परेशान,पीजीआई थाना रोहतक ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा पीजीआई शव गृह,पुलिस व परिजनो ने बताया की सेना की भर्ती कैंसिल होने और चार साल की सकीम लाने से सचिन ने उठाया कदम

गुस्साए युवाओं ने रेवाड़ी में किया अग्निपथ योजना का विरोधशहर में जगह-जगह की तोड़फोड़ कर किए रोड जामबैरिकेटिंग तोड़ पुलिस पर भी किया पथरावजवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी युवाओं पर किया लाठीचार्जभयभीत दुकानदारों ने किए अपने प्रतिष्ठान बंदकरीब 1 घंटे से ज्यादा रोडवेज की बसें भी रही प्रभावित, बस अड्डे से नहीं निकली बसेंपुलिस ने संभाला मोर्चा, शहर में भारी पुलिस बल तैनातएडीसी, एडीएम, एएसपी सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचेयुवाओं ने जगह-जगह किया धरना प्रदर्शनजाम के चलते लोगों को आवागमन में उठानी पड़ी भारी परेशानियांयुवाओं ने सरकार को दी चेतावनी;आज किया है रोड जाम, कल करेंगे रेलवे ट्रैक जामबोले; अग्निपथ योजना नहीं है उन्हें स्वीकारपुरानी भर्ती नीति से करें सरकार सेना में भर्तियां

केंद्र सरकार (Central government) की योजना अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के विरोध में गुरुवार को सुबह सेना भर्ती की तैयारी कर रहे सैकड़ों युवा हरियाणा में सड़क पर उतर आए। रेवाड़ी, गुरुग्राम, चरखी दादरी, हिसार, फतेहाबाद पलवल समेत कई जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। पलवल में गुस्साए युवाओं ने कई गाड़ियों में आग लगाने के बाद डीसी के आवास पर पथराव किया जिसके बाद पुलिस ने तनावपूर्ण हालात से निपटने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और हवाई फायरिंग की। पलवल में करीब पांच गाड़ियों को आग लगाई गई है।

इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से किया बंद
वहीं हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से जिला पलवल के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाओं, जिसमें बल्क एसएसएम भी शामिल है (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) तथा मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं आदि को 16 जून, 2022 (शाम 4:00 बजे से) अगले 24 घंटों के लिए अस्थाई रूप से बंद करने के आदेश जारी किये हैं। यह आदेश दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम (2) के साथ पठित भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 के तहत जारी किए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि नई सेना भर्ती नीति के कारण संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जिला पलवल में प्रदर्शनकारियों, आंदोलनकारियों, उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र में तनाव, नाराज़गी या व्यक्तियों को चोट, जान व संपत्ति के लिए खतरा और सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है।

इसे देखते हुए एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को अगले 24 घण्टे के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार के दुष्प्रचार और अफवाहें आंदोलनकारियों तथा प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ाने और उनकी लामबंदी का काम करती हैं, जो आगजनी या तोड़फोड़ और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियों में शामिल होकर जान की गंभीर हानि और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है और उपरोक्त आदेश के उल्लंघन का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

दो साल से कर रहा था पेपर की तैयारी, ‘अग्निपथ’ के कारण दे दी जान
रोहतक में एक पीजी में रहकर सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे लजवानां कलां के सचिन ( 22) ने अग्निपथ योजना से मायूस होकर आत्महत्या कर ली। सचिन दो साल से रोहतक में कोचिंग ले रहा था। सरकार की नई योजना आते ही सचिन मायूस हो गया और बुधवार को अपने पिता सत्यपाल को भी फोन किया कि वो जल्द ही गांव आ रहा है लेकिन खरकरामजी निवासी उसकी बहन पुनम को बताया कि वो अपने सपने पूरे नही कर पाएगा। सचिन के पिता सेना से सेवानिवृत हो चुके हैं और बड़ा भाई बेरोजगार है। परिवार का खर्च चलाने और पिता के कदमों पर चलते हुए वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। मृतक सचिन की बहन पुनम ने कई बार उसका समझाया लेकिन उसके दिमाग पर तो केवल सेना में जाने का ही भूत सवार था। रात को ही उसने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। सुबह जब उसके दोस्तों ने देखा कि अभी तक कमरे का गेट नही खुला तो उन्होंने आवाज लगाई। कमरा अंदर से बंद था तो उन्होंने गेट को तोड़ दिया और इसकी सूचना पुलिस और परिजनों को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। दोपहर बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार गांव लजवाना कलां में किया।
परिवार पर टूट पड़ा दुखों का पहाड़

 मृतक सचिन के पिता सत्यपाल ने बताया कि वो सेना से सेवानिवृत है और उनके परिवार में चार लड़कियां हैं जोकि चारों शादीशुदा हैं और दो लड़के हैं जिनमें से मंगत की शादी भी हो चुकी है लेकिन वो बेरोजगार है। सचिन अभी तक अविवाहित था। अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए सचिन लगातार मेहनत कर रहा था। सचिन ने दो साल पहले गोवा रिलेशन भर्ती में फिजीकल और चिकित्सा को पूरा कर लिया था लेकिन पेपर होना बाकी था। दो साल से कई बार पेपर आगे से आगे स्थगित हो रहा था। सेना में जाना उसने जनून बना लिया था। दो साल से सचिन सेना में जाने की कोचिंग ले रहा था।
शील स्वभाव का था सचिन
मृतक सचिन के रूम मेट रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शील स्वभाव का था और सभी के साथ घुल मिलकर रहता था। रात को उसने कहा कि वो एक बर्थ डे पार्टी में जा रहा है। आप दूसरे कमरों में सो जाना मेरे साथ कई साथी आएंगे। सुबह तक जब कमरे का गेट नही खुला तो उन्होंने आवाज लगाई लेकिन दरवाजा नही खोला गया तो उन्होंने गेट को तोड़ दिया।

स्टेडियम के साथ वाले शमशान घाट में किया गया अंतिम संस्कार
मृतक सचिन का अंतिम संस्कार स्टेडियम के साथ वाले शमशान घाट में किया गया। इस स्टेडियम में ही सचिन खेलता था। इस स्टेडियम में अकालगढ़, लजवाना कलां, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा खेलने आते हैं और सेना और पुलिस में भर्ती के लिए मेहनत करते हैं। सचिन की मौत से मायूस युवाओ ने कहा कि सरकार की गलत नीति के तहत यह घटना घटी है। शनिवार को चारों गांवों में युवा जुलाना पहुंचकर जींद रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।

मृतक के पिता ने दिया युवाओं को संदेश
मृतक के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रकार के फैसले से अगर युवा घबरा जाते हैं तो वो सेना में जाने के काबिल नही हैं। युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वो अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसे कदम ना उठाएं ताकि उनके कदम परिजनों पर भारी ना पड़ें। उन्होंने कहा कि उनके बेटे का वक्त आ गया था इसमें किसी का कोई दोष नही है।

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