AtalHind
राजनीतिहरियाणा

हरियाणा में  ही राव इंद्रजीत भाजपा के  लिए “बेहद” महत्वपूर्ण शख्सियत हो गए हैं।

हरियाणा में
आप पार्टी के “खतरे” ने भाजपा को मजबूर किया,और अचानक ही राव इंद्रजीत भाजपा के  लिए “बेहद” महत्वपूर्ण शख्सियत हो गए हैं।
 चंडीगढ़ (अटल हिन्द ब्यूरो )10 मार्च को पंजाब विधानसभा का चुनाव परिणाम आने से पहले तक भारतीय जनता पार्टी के अंदर केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह को “जरा” भी महत्व नहीं दिया जाता था।
राव इंद्रजीत के स्वाभिमानी स्वभाव को भाजपा ने कभी स्वीकार नहीं किया और 8 साल के बाद भी उन्हें “बाहरी” नेता ही माना गया।
राव इंद्रजीत के “बलबूते” पर सरकार बनाने वाली भाजपा लगातार उनके मुकाबले के “विकल्प” खड़ा करने की कोशिश करती रही लेकिन उसे अभी तक सफलता नहीं मिल पाई।
राव इंद्रजीत को 8 साल “हाशिए” पर रखा गया और मोदी सरकार ने भी उन्हें “रसूख” के अनुसार मंत्रालय नहीं दिया गया।
ऐसे में अचानक ही राव इंद्रजीत के घर पर रात्रि भोज का आयोजन किया गया।
खास बात यह है कि यह आयोजन राव इंद्रजीत ने नहीं किया बल्कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने किया और प्रदेश के सभी बड़े भाजपा नेताओं को न्योता भेजने का काम सांसद नायब सैनी ने किया।
पहली बार ऐसा हुआ कि जिसके घर पर रात्रिभोज का आयोजन हुआ उसका मेजबान “दूसरा” आदमी था और न्योता देने वाला “तीसरा” आदमी था।
अचानक ही राव इंद्रजीत भाजपा के  लिए “बेहद” महत्वपूर्ण शख्सियत हो गए हैं।
इस डिनर डिप्लोमेसी की “गहराई” में जाने पर पता चला कि भाजपा के इस यू टर्न के “पीछे” पंजाब का चुनाव परिणाम है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की “प्रचंड” जीत के बाद हरियाणा में भी झाड़ू के “बड़े” चर्चे हैं। प्रदेश में राव इंद्रजीत सिंह को भी आम आदमी पार्टी के साथ जाने वाले “संभावित” नेताओं में “गिना” जा रहा है।
राव इंद्रजीत “पाला” बदलते ही भाजपा के लिए बड़ा नुकसान का कारण बन सकते हैं।
इसलिए भाजपा ने राव इंद्रजीत को महत्व देने का अचानक ही अभियान छेड़ दिया है।
जिन राव इंद्रजीत को भाजपा ने कभी गले लगाने का काम नहीं किया उन्हीं के घर पर भोजन करके भाजपा के तमाम नेताओं को बुला लिया गया।
बात यह है कि भाजपा जानती है सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए इंद्रजीत का भाजपा के साथ रहना बेहद जरूरी है।
2014 और 2019 में भाजपा की सरकार बनाने में राव इंद्रजीत का बेहद “खास” योगदान रहा।
इंद्रजीत के भाजपा में शामिल होने के बाद ही हरियाणा का सियासी माहौल भाजपा के पक्ष में “बदलना” शुरू हुआ था।
भाजपा को यह “एहसास” हो चुका है कि अगर इंद्रजीत ने पाला बदल लिया और वह आम आदमी पार्टी में चले गए तो उसके सत्ता में तीसरी बार लौटने के आसार “खत्म” हो जाएंगे। इसलिए राव इंदरजीत को खुश करने के लिए पहले उनके पिता राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर स्टेडियम बनाने की घोषणा की गई और उसके बाद डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लिया गया।
यह सच्चाई है कि भाजपा को सत्ता की दावेदारी में खुद को बनाए रखने के लिए राव इंद्रजीत को अपने साथ में रखना ही होगा।
Advertisement

Related posts

पटाखे बनाने की अवैध फैक्ट्री में ब्लास्ट, 6 झुलसे

atalhind

सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग कैथल ने  1857 के संग्राम में हरियाणा के वीरों की भूमिका का सजीव मंचन किया। 

atalhind

ईमानदार मनोहर सरकार में इससे ज्यादा गंद और क्या फैलेगा , हेलीमंडी पालिका प्रशासन ने यह कर दिखाया

admin

Leave a Comment

URL