– विधानसभा चुनाव में मतदान केंद्रों पर लगाए थे सीसीटीवी कैमरे
– एक विधानसभा में सिर्फ 4 लाख तो बाकी तीन विधानसभा में 98 लाख रुपये का भुगतान
चंडीगढ़ /अटल हिन्द/ब्यूरो
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का राजनीतिक गृह जिला कुरुक्षेत्र प्रशासनिक कारणों से लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इसी कुरुक्षेत्र जिले में विधानसभा चुनाव के समय मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने के नाम पर बड़ा ‘खेल’ खेला गया। मुख्यमंत्री की लाडवा विधानसभा में सीसीटीवी लगाने की एवज में सिर्फ 4 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जबकि अन्य तीन विधानसभा में 98 लाख रुपये की पेमेंट जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से कर दी गई। कैमरे लगाने की एवज में भुगतान की इतनी बड़ी वेरिएशन यहां बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रही है।
कुरुक्षेत्र जिले में 4 विधानसभा क्षेत्र लाडवा, थानेसर, पेहोवा, व शाहाबाद आते हैं। लाडवा से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद चुनाव लड़ रहे थे। लाडवा को 216 मतदान केंद्रों के साथ कुरुक्षेत्र जिले का सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र माना जाता है, जबकि इसके बाद 200 मतदान केंद्रों के साथ पेहवा, 194 मतदान केंद्रों के साथ थानेसर का नंबर आता है। 185 मतदान केंद्रों वाली शाहबाद विधानसभा क्षेत्र चौथे नंबर पर आती है। जबकि, सीसीटीवी लगाने की एवज में जो पेमेंट जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी करवाई गई, उसके मुताबिक बड़ा क्षेत्र होने के बावजूद लाडवा विधानसभा में सिर्फ 4 लाख रुपये खर्च हुए, जबकि थानेसर में 36 लाख, पेहवा में 33 लाख व शाहबाद में 29 लाख का भुगतान किया गया। यानी, तीन विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों व मतगणना केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने पर 98 लाख रुपये ‘खर्च’ कर दिए गए, जबकि सबसे बड़े लाडवा में मतदान केंद्रों व मतगणना केंद्र पर सिर्फ 4 लाख रुपये ही खर्च हुए।
बताया जा रहा है कि यह तमाम खर्च कथित तौर पर विधानसभा चुनाव के बाद तबादला होकर कुरुक्षेत्र पहुंची डीसी नेहा सिंह की जानकारी में रहा, क्योंकि जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी भी डीसी के पास ही रहती है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि विधानसभा वाइज कितने रुपये के बिल ‘पास’ करने हैं, इसके लिए बाकायदा संबंधित विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी (एसडीएम) को जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से कथित तौर पर स्पष्ट निर्देश दिए गए। जिला निर्वाचन विभाग के सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि सीसीटीवी कैमरों की पेमेंट से संबंधित फाइल को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी के तौर पर नेहा सिंह ने कथित तौर पर ‘खासी’ दिलचस्पी दिखाई, क्योंकि भुगतान उनकी ज्वाइनिंग के बाद ही हुआ। डीसी के पीए कृष्ण लगातार अलग-अलग विधानसभा के निर्वाचन अधिकारी से संपर्क बनाए रहे, जबकि इस पूरे प्रकरण में मुख्य ‘सेतु’ की भूमिका थानेसर के निर्वाचन अधिकारी (एसडीएम) रहे कपिल शर्मा ने निभाई। उन्होंने ही ‘ऊपर’ से आ रहे आदेशों के बारे में जिले के अन्य निर्वाचन अधिकारियों को अवगत कराया और बिलों को उसी हिसाब से आगे बढ़ाने के लिए ‘राजी’ किया।
सूचना मिली है कि लाडवा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी एसडीएम पंकज सेतिया किसी भी ‘दबाव’ में नहीं आए। उन्होंने साफ बोल दिया कि मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है, इसलिए अपने कार्यालय से सिर्फ उतनी ही राशि के बिल जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेजेंगे, जितने असल मायनों में बनते हैं। इसलिए महज 4 लाख रुपये के बिल का भुगतान लाडवा विधानसभा क्षेत्र के नाम पर किया गया। इससे जिले के एक बड़े अधिकारी सेतिया से बेहद ‘नाराज’ भी हुए और यह नाराजगी अभी तक बरकरार बताई जा रही है। लेकिन, अपने कार्य के प्रति निष्ठावान होने के कारण सेतिया का अभी तक कुछ भी ‘बिगड़’ नहीं पाया है। शाहबाद विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी (एसडीएम) विवेक चौधरी ने 29 लाख रुपये के बिल सिर्फ इसलिए ‘आगे’ भेज दिए, क्योंकि ‘ऊपर’ से ऐसे ही ‘निर्देश’ मिल रहे थे। अपने बड़े अधिकारी से संबंध खराब न हों और भविष्य में कहीं तैनाती के दौरान फिर से आमना-सामना हो तो किसी तरह का मन-मुटाव न हो, उन्होंने ‘ऊपरी’ आदेशों को वैसे ही ‘फूल’ चढ़ा दिए। ध्यान रहे विवेक चौधरी की गिनती प्रदेश में बेहद विनम्र व शरीफ अधिकारी के तौर पर होती है। जबकि, पेहवा के निर्वाचन अधिकारी (एसडीएम) अमन ने 33 लाख तो थानेसर के निर्वाचन अधिकारी (एसडीएम) कपिल शर्मा ने 36 लाख रुपये के बिल भुगतान कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी को भेज दिए, जहां से पेमेंट के ‘निर्देश’ भी जारी हो गए।
विधानसभा चुनाव में सीसीटीवी कैमरे लगाने के नाम पर हुए इस खेल की प्रदेश सरकार निष्पक्ष जांच कराए तो फिर चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। पता चल जाएगा कि ‘मास्टर माइंड’ की ‘भूमिका’ में कौन था और योजनाबद्ध तरीके से पूरे खेल को ‘अंजाम’ तक ‘किसने’ पहुंचाया। वहीं, थानेसर के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी (अब एसडीएम पेहवा) कपिल शर्मा ने प्रकरण से पल्ला झाड़ते हुए कॉल डिस्कनेक्ट कर दी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी सह सीटीएम डॉ रमन ने सिर्फ इतना कहा कि मैं चेक करवा लेता हूं। संज्ञान में लेकर फाइल को चेक करवा लेता हूं।
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