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हरियाणा के पानीपत जिले से 48 लाख नकद और नकली इंजेक्शनों की खेप जब्त

हरियाणा के पानीपत जिले से 48 लाख नकद और नकली इंजेक्शनों की खेप जब्त
30 रुपए की शीशी 5 हजार का रेमडेसिविर बता बेच रहे थे, करोड़ों की कमाई में से 48 लाख नकद और नकली इंजेक्शनों की खेप जब्त
पानीपत पुलिस अफसरों के मुताबिक, पड़ताल के दौरान अब इन नकली इंजेक्शनों को खरीदने वालों की भी तलाश की जा रही है, ताकि ठगों के खिलाफ कोर्ट में ज्यादा से ज्यादा शिकायतकर्ताओं को पेश किया जा सके.

     संजीव चौहान
हरियाणा के पानीपत जिले की पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का भांडाफोड़ किया है जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने का खतरनाक काला-कारोबार कर रहा था. गिरोह के सदस्य 30 रुपए की दवा शीशी के रैपर उतारकर उन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर लगा देते थे. उसके बाद एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को पांच हजार रुपए में जरूरतमंदों को बरगलाकर बेच दे रहे थे. जिन एंटीबायोटिक दवाई की शीशियों में इन नकली इंजेक्शनों को बनाया जा रहा था वे शीशियां यह गिरोह बाकायदा एक कंपनी से खरीदता था. पुलिस के मुताबिक कुछ समय पहले इस गिरोह ने के सरगना मोहम्मद शहवार ने हैदराबाद में स्थित रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी को 30 हजार इंजेक्शन की सप्लाई को ऑर्डर दिया था.

उस ऑर्डर को कंपनी ने रिजेक्ट कर दिया. इसके बाद मोहम्मद शहवार के दिमाग में जालसाजी से रातों रात धनाढ्य बनने की खुराफात सूझी. उसने पंचकुला स्थित एक नामी फार्मा कंपनी को पिपरोटेजो एंटीबायोटिक इंजेक्शन की 30 हजार डोज का ऑर्डर दे दिया. यह इंजेक्शन बुखार की बीमारी में मरीज के काम आता है. इसकी अनुमानित कीमत 30 रुपए प्रति शीशी (इंजेक्शन) बताई जाती है. इस ठग कंपनी के 30 हजार इंजेक्शन के आर्डर के बदले में पंचकुला वाली फार्मा कंपनी ने 12 हजार इंजेक्शन की आपूर्ति कर दी.
पानीपत पुलिस के मुताबिक, 30 रुपए कीमत वाले उन इंजेक्शन की शीशियों को गिरोह के सदस्य रात भर पानी में भिगो देते थे ताकि सुबह तक उन पर मौजूद उनके असली रैपरों को आसानी से हटाया जा सके. जब एंटी बायोटिक इंजेक्शन की शीशी पर से उसका असली रैपर हट जाता तो, यह जालसाज उस शीशी के ऊपर रेमडेसिविर इंजेक्शन का रैपर चिपका देते थे. इसके बाद गिरोह एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को जोकि केवल 30 रुपए वाली इंजेक्शन शीशी से बन जाता था, को 5 हजार रुपए प्रति नग की कीमत पर बेच देते थे. पानीपत पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने गिरोह के भांडाफोड़ की पुष्टि की है.
रैपरों को छपवाने का आर्डर ई-मेल आईडी से दिया
एसपी पानीपत के मुताबिक, गिरोह का सरगना मोहम्मद शहवार फार्मा कंपनी में काम करता है इसलिए उसे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर छपवाने में भी कोई दिक्कत नहीं आई थी. उसने इन रैपरों को छपवाने का आर्डर अपने ई-मेल आईडी से ही किया था. लिहाजा संबंधित कंप्यूटर इत्यादि को भी केस प्रॉपर्टी बनाकर सील कर लिया गया है. हालांकि, पुलिस जांच में रैपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस का कोई रोल नहीं मिला है. इस गैंग ने तैयार किए 12 हजार में से 10 हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन अब तक बाजार में बेच दिए हैं. बाकी बचे करीब 2 हजार नकली इंजेक्शनों को गैंग के सदस्य भाखड़ा नहर में बहा चुके हैं. जिनका मिलना पुलिस बेहद मुश्किल मानकर चल रही है. पता चला है कि बेचे गए इन कुल इंजेक्शनों में से करीब 4 हजार इंजेक्शन ठगों ने पानीपत और उसके आसपास के इलाके में ही बेच-खपा दिए हैं.
पानीपत पुलिस अफसरों के मुताबिक, पड़ताल के दौरान अब इन नकली इंजेक्शनों को खरीदने वालों की भी तलाश की जा रही है, ताकि ठगों के खिलाफ कोर्ट में ज्यादा से ज्यादा पीड़ितों/शिकायतकर्ताओं को पेश किया जा सके. पुलिस इन ठगों से मिली जानकारी के आधार पर इलाके के कुछ मेडिकल/दवा विक्रेताओं पर भी पैनी नजर रखे हुए है. पुलिस को अंदेशा है कि चार हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन गिरोह के सदस्य खुद ग्राहक तलाश कर अपने बलबूते नहीं बेच सकते हैं. पानीपत पुलिस ने फिलहाल अभी तक इस सिलसिले में मोहम्मद शहवार सहित तीन अन्य ठगों को भी गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अन्य ठगों का नाम मोहम्मद अरशद (यूपी सहारनपुर), शाह आलम(मोहाली पंजाब) और सहारनपुर निवासी मो. अखलद है.
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