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विदेशों में 403 भारतीय छात्रों ने जान गंवाई: सरकार

साल 2018 से अब तक विदेशों में 403 भारतीय छात्रों ने जान गंवाई: सरकार

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से दुनियाभर के 34 देशों में 403 भारतीय छात्रों की मौत की वजहें प्राकृतिक कारण, दुर्घटना और बीमारी आदि थे. सर्वाधिक 91 मौतें कनाडा में हुईं.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि प्राकृतिक कारणों, दुर्घटनाओं और चिकित्सा स्थितियों सहित विभिन्न कारणों से 2018 से विदेश में 403 भारतीय छात्रों की मौत हो गई है, जिसमें 34 देशों में से कनाडा में सबसे अधिक 91 मौतें हुई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2018 से विदेश में भारतीय छात्रों की मौत की 403 घटनाएं सामने आई हैं.

उन्होंने कहा कि मिशन/पोस्ट के प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी भारतीय छात्रों और उनके संघों के साथ नियमित बातचीत के लिए विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करते हैं.

मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, कनाडा ने 2018 से 91 भारतीय छात्रों की मौत की सूचना दी है, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम (48), रूस (40), संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (36), ऑस्ट्रेलिया (35), यूक्रेन (21), जर्मनी (20), साइप्रस (14), इटली और फिलीपींस (10 प्रत्येक) मौतों की सूचना दी है.

मुरलीधरन ने कहा, ‘विदेश में भारतीय छात्रों की सुरक्षा भारत सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक है.’ उन्होंने कहा कि भारतीय मिशन और पोस्ट सतर्क रहते हैं और छात्रों की भलाई पर बारीकी से नजर रखते हैं.

उन्होंने कहा, ‘यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसे तुरंत मेजबान देश के संबंधित अधिकारियों के साथ उठाया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घटना की उचित जांच हो और अपराधियों को दंडित किया जाए. इसके अलावा संकटग्रस्त भारतीय छात्रों को जब भी आवश्यकता होती है, आपातकालीन चिकित्सा देखभाल और बोर्डिंग/आवास सहित हर संभव कांसुलर सहायता प्रदान की जाती है.’

जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से संसद में सवालों के जवाब में बताए गए भारतीय छात्रों की मौत की बड़ी संख्या के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उस देश में जाने वाले भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या का भी जिक्र किया.

बागची ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सरकार के समक्ष उठाया जाना चाहिए. ऐसी व्यक्तिगत घटनाएं हैं जहां बेईमानी हुई है और अन्य… हमारे वाणिज्य दूतावास परिवारों तक पहुंचते हैं, हम ऐसे मामलों को स्थानीय अधिकारियों के साथ भी उठाते हैं.’

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